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Thursday, 28 March 2024

महानदी, Mahanadi उड़ीसा यात्रा भाग 12 नीलम भागी Part 12 अखिल भारतीय सर्वभाषा साहित्यकार सम्मान समारोह

 


श्री मां चंडी मंदिर कटक के दर्शन के बाद दूसरी मां  महानदी से से भी तो मिलना था। जो मेरे ज़हन में बसी हुई थी। जब पहली बार रेल से पुल पार किया था तो किनारा आ ही नहीं रहा था। तब हम सभी बहन भाई बहुत आश्चर्यचकित थे। अब तो इसके किनारे पर सड़क पर चल रहे हैं। गोदावरी, कृष्णा के बाद भारत की यह तीसरी  सबसे बड़ी नदी है। जिसे राजसी महानदी या महान नदी भी कहते हैं। छत्तीसगढ़ रायपुर के सिहावा की पहाड़ियों में इसका उद्गम हुआ है। कटक में इसका मुख्य पर्यटन महानदी बैराज है जो पानी का नियंत्रण है। महानदी बेसिन समृद्ध खनिज, पर्याप्त विद्युत और कृषि लाभ देता है। 2.7 किमी लंबाई का कटक में इस पर नया पुल बना है। भारत का सबसे लंबा बांध हीराकुंड इस पर ही बना है। कुछ समय मुझे महानदी के पास भी ऐसे ही रुकना था। गाड़ी रूकवाई, मीताजी चंडी मां के दर्शन के इंतजार में बहुत देर खड़े होने के कारण थक गई थीं। वे गाड़ी में ही रुकी रहीं। सड़क के साथ फुटपाथ बहुत सुंदर बनाया हुआ है जिस पर कहीं भी अतिक्रमण नहीं है। दीवारों पर चित्रकारी है। कुछ कुछ दूरी पर नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां है, विशाल पेड़ हैं और वहां मंदिर हैं।  ऐसी ही एक सीढ़ियों से  मैं उतर गई और कुछ देर महानदी के आपार विस्तार को निहारती रही, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मन कर रहा था, वहीं कुछ घंटे बैठी रहूं लेकिन समय! कुछ देर उसके किनारे किनारे चलती रही फिर लौट आई। नरेंद्र से कहा, "मैं थोड़ा सा पैदल फुटपाथ पर भी चलूंगी।" चलती रही वहां से रोज गुजरने वाले लोग महानदी को गाड़ी से प्रणाम करते हुए जाते, नदियों के प्रति कितनी श्रद्धा है!! क्योंकि नदी है तो हम हैं। महानदी गंगा के समान पवित्र मानी जाती है। इसके 885 किमी की लंबाई की दूरी के तट पर धार्मिक, सांस्कृतिक और ललित कला केंद्र हैं। बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले 7 किलोमीटर का डेल्टा बनाती है। कहते हैं कि त्रेता युग में श्रृंगी ऋषि, जिनका आश्रम सिहावा की पहाड़ियों में था उन्होंने राजा दशरथ का पुत्रेष्ठी  यज्ञ करवाया था। उनके कमंडल का अभिमंत्रित गंगाजल महानदी में गिर गया और यह उन्हीं के समान पवित्र हो गई। जुलाई से फरवरी तक यातायात का साधन है। समुद्र तट के बाजारों में इसके द्वारा समान जाता है। कुछ देर बाद मैं गाड़ी पर बैठी, जब तक महानदी दिखाई देती रही, मेरी गर्दन उसी दिशा में रही।  

https://youtu.be/VniDiy7erdk?si=5nVODMNnenaU5U1s


https://youtu.be/YfWgX-JPW88?si=yfZPYN4bKOtSLIEV

क्रमशः