मैजेस्टिक ब्राँज बुद्धा और मोनैस्टी हाँग काँग की यात्रा पर दो माँ,दो बेटियाँ Hong Kong Yatra Part 5 नीलम भागी नीलम भागी
25 मिनट की
अविस्मरणी यात्रा कर केबल कार से बाहर आते ही गीता जाग गई। जगते ही उसने कार्डिगन
प्रैम से फेंक दिया, मैंने उठा कर पहन लिया। हम यहाँ का चप्पा चप्पा घूमने लगे। ठंड
थी मैंने गीता पर फिर से कार्डिगन लपेट दिया, इस बार उसने नहीं उतारा। सबसे पहले मैंने जिंजर ब्राउन
शुगर(साधारण चीनी को बिना पानी के तब तक गर्म करते हैं जब तक उसका रंग चाकलेट जैसा
न हो जाये) टी ली। ये चाय ठंड में गर्म गर्म बहुत अच्छी लग रही थी। गीता को दूर से
बिग बुद्धा दिखाये, वो बहुत खुश हुई। हम प्रतिमा की ओर चल पड़े। इस पूरे एरिया में
धूम्रपान वर्जित है। शायद लोगो की श्रद्धा के कारण यहाँ के माहौल में अद्भुत शांति
थी। विश्व में खुले मैदान में बुद्ध की कांस्य प्रतिमा की ऊँचाई 23 मीटर और कमलासन व केन्द्र को जोड़ कर कुल ऊँचाई
करीब 34 मीटर और वजन करीब 250
टन है। बुद्ध के मुख पर करीब 2 किग्रा सोना जड़ा है। यह मूर्ति चीन के यवनकांग,
लुगमन व थांग राजवंश की मूर्तियों की तकनीको के
आधार पर बनाई गई है। मूयवू पर्वत की तलहटी से थ्येनथेन बुद्ध की प्रतिमा तक जाने
के लिये 260 पत्थरों की
सीढि़याँ हैं। सबसे हैरान किया पूजा करने के तरीके ने, लाइनों में हवन कुण्ड की तरह
आयताकार बड़े बड़े बर्तन लगे थे। गुच्छों में अगरबत्तियाँ श्रद्धालु खरीद कर,
हमारे देश की तरह दूर से दिखने वाली बुद्ध की
प्रतिमा की ओर मुहँ करके जलाकर प्रार्थना कर रहे थे। अगरबत्ती की राख उन बर्तनों
में गिर रही थी। मैंने भी 260 सीढि़याँ चढ़ीं,
बुद्ध के दर्शन किये.लोग बुद्ध को देख रहे थे और मैं दुनियाभर से आए पर्यटकों के चेहरे से टपकती हुई श्रद्धा देख रही थी.अब मुझे अपने पर गर्व होने लगा क्यूंकि "मेरा देश हिन्दुस्तान, जहां जन्मे बुद्ध महान".सम्राट अशोक के समय बोद्ध धर्म का प्रचार और प्रसार
साउथ ईस्ट एशिया से मंगोलिया तक फैला उनके पुत्र महेंद्र और पुत्री संघ
मित्रा ने धर्म के प्रचार के लिए यात्राएं की उस समय समुद्री यात्रा आसान नहीं थी
कई बोद्ध भिक्षुक रास्ते में समुद्र में ही डूब गये आज यहाँ बुद्ध धर्म का प्रसार
ही नहीं तथागत की मूर्तिया भी मन को मोहती हैं लेकिन मैंने पूजा, पूजा के स्थान पर ही नीचे आकर की। पो लिन मोनैस्ट्री में
वेजीटेरियन लंच मिलता है। जो हमारे जाने पर खत्म हो चुका था। हमने वहाँ स्नैक्स,
मिठाइयाँ
और चाय ली। इस सब को खाकर मैंने उत्तकर्षिनी को दावे से कहा,’’दुनिया चाहे चाँद पर जाये या मंगल ग्रह,
पर मेरे देश की प्रतिभाओं ने ऐसी ऐसी मिठाइयाँ
और नमकीन इज़ाद किये हैं। जो मुझे नहीं लगता कहीं और हों।’’सुनते ही वो ही ही ही कर हंसने लगी। अब हम वापिस जाने की
लाइन में लग गये। जितनी देर लाइन खुले में रही, बारी बारी से मैं और उत्तकर्षिनी गीता को लेकर शेड में चले
जाते। जिनके साथ बच्चे थे, वे भी ऐसा ही कर
रहे थे। गीता भी प्रैम से उतर कर बच्चों के साथ खूब खेल रही थी। बीच में चाय काॅफी
पी आते और लाइन में लग जाते। शेड में आते ही लाइन को खूब मोड़ दिया जिससे सर्दी से
कुछ राहत मिली। अब गीता चुपचाप आकर प्रैम में बैठ गई। रात हो गई थी। केबल कार
लौटने में खाली आ रही थी, शायद इसलिये अब
हमारा ढाई घण्टे में नम्बर आ गया। एक बात मुझे यहाँ बहुत पसंद आई, वो ये कि केबल
कार में बिठाते समय परिवार को अलग नहीं करते थे। हम बैठे, बहुत ठंड, हमने गीता को भी
गोद में ले लिया तीनों माँ बेटियाँ चिपक कर बैठ गई। ऊपर से पतला कार्डिगन डाल
लिया। गीता ने तो जैकेट पहन रक्खी थी, उसको चिपटा रखा था। गीता समझी कि वो गिर न जाये इसलिये उसे कस कर चिपटा
रखा है। एक कार्डिगन में तीनों को ढकना था। अंधेरा, ठंडी हवा की तेज आवाज़ में डरे सहमे थे, पर गीता बोले जा रही थी, ’’ये टूटी हो जायेगी न, हम गिर जायेंगे न, हमें चोट लग जायेगी न।’’ ये तो अच्छा हुआ
हमारे साथ जो लोग बैठे थे, वो हिन्दी नहीं
समझते थे। गीता का हम गिर जायेंगे का जाप चालू था। अब हमें नीचे रोशनी दिखने लगी।
विस्मय विमुग्ध करने वाले नज़ारों ने तो ठंड को भी भूला दिया। हम जगमगाती रोशनी
में पानी में चलती रोशनी से जगमगाते फेरी, क्रूज़ एअरपोर्ट और गगनचुंबी इमारतें देख हैरान हो रहे थे। यहाँ समुद्र देखते ही गीता के जाप
के शब्द बदल गये थे,’’ अब हम पानी में
गिर जायेंगे न, फिर स्वीमिंग करेंगे न।’’25 मिनट के रास्ते में अंधेरा पहाड़ी जंगल बीत नहीं रहा था और ये जल्दी बीत गया। केबल
कार से उतरते ही गीता ने ताली बजा बजा कर गाया, जिसके बोल थे,’’ हम नहीं गिरे न, हम नहीं गिरे न।’’ उसे खुश देख करभाषा न समझने
वाले भी सब बहुत खुश हुए। क्रमशः
9 comments:
Nice article
Wow !!!! Awesome . Keep it up dear .
M P Singh Suman
9818673026
धन्यवाद, सर.
Aur travel karo mummy
Bahut acha laga padhkar mam
धन्यवाद दीपिका
धन्यवाद
Really to good
हार्दिक आभार
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