मकाओ टावर, सिटी ऑफ ड्रीम्स, अमा टैम्पल, वण्डरफुल wonderful Macao भाग 4 नीलम भागी

हम धीरे धीरे चल रहें हैं क्योंकि जिधर भी नज़र जाती है। उस जगह की सुंदरता हमें रूकने को मजबूर करती है। गीता की आँखों की चमक भी यही कहती है। उससे मैं पूछती हूँ ,’’चलें उसका एक ही जवाब होता है,’’न न न ।’’हमने उसे पै्रम से आजाद कर दिया। यातायात दिशा चालन यहाँ लैफ्ट है। कोई परेशानी नहीं, गीता मजे से हाथ पकड़ कर चल रही थी।

के खूब स्टाल थे। 338 मीटर (1109फीट) मकाओ टावर देखा। गीता बोली,’’चलो।’’उसके चहरे पर चमक तो कोटाई में ही आती है। हम चल पड़े। यहाँ 90% चीनी, 2% पुर्तगाली, 3%अन्य रहते हैं। औसत आयु 84 वर्ष है। 20 दिसम्बर 1999 को मकाओ चीन को हस्तान्तरित हुआ। इस तरह के विकास को तो देख कर लगता है कि बच्चे ने जन्म लेते ही चलना शुरू कर दिया। हरियाली का पूरा ध्यान रक्खा गया है।
सबसे नया आर्कषक सिटी ऑफ ड्रीम्स है। मनोरंजन के बेतहाशा अवसर, एक छत के नीचे दुनिया भर के डिजाइनर ब्राण्ड। यहाँ आते ही गीता में ग़ज़ब की फुर्ती आ गई। वह आगे आगे चल रही थी, हम दोनों उसके पीछे पीछे। ऐसा लग रहा था जैसे स्वप्न लोक में घूम रहें हो। उसे न भूख न प्यास, बस इधर से उधर और उधर से इधर। काफी समय बाद जब वह थोड़ी सुस्त होने लगी। हम भी बुरी तरह थक गये थे। तब हम एशिया किचन में खाने के लिये बैठे। मुझे चाय की तलब लग रही थी। मैंने चाय आर्डर की। उत्तकर्षिनी ने यहाँ की कोई नानवेज डिश आर्डर की। जब से मैने अनजाने में बींस में पोर्क खाया, तब से मैं वेज बहुत ध्यान से आर्डर करती हूँ। यहाँ भी मैंने हांग कांग स्टाइल फैंच टोस्ट विद पीनट बटर एंड सीरप आर्डर किया। ट्रांसपेरंट कप में चाय पत्ती डाल कर उबाला पानी आ गया। मैं सोच रही थी कि दूध चीनी में कढ़ी हुई चाय आयेगी।

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