अदम्य इस साल केजी कक्षा में आ गया। उसे अपने से पाँच साल बड़े भाई शाश्वत का जन्मदिन जुलाई में आता हैं। ये अब उसे समझ आ गया है। उस दिन अंकुर श्वेता माली की मदद से सोसाइटी में एक पेड़ शाश्वत से लगवाते हैं। माली को उसकी देखभाल का पैसा देते हैं, अपने जन्मदिन पर अपने हाथ से पेड़ लगाने से उस पेड़ से बच्चे को मोह रहता है। मैंने देखा शाश्वत स्कूल बस से उतरते ही पहले अपने पौधे में वाटर बोतल का बचा हुआ पानी डालता है फिर घर जाता है। अदम्य जब स्कूल जाने लगा तो वह भी अपनी बोतल का बचा पानी भाई के लगाए पौधे में डालता। उसका जन्मदिन जून में आता है। नर्सरी में उसने भी अपना जन्मदिन पेड़ लगा कर मनाने की जिद पकड़ ली। उन दिनों नौएडा में भयंकर लू चलती हैं। नया पेड़ बचाना मुश्किल होता है। माली अंकल ने आकर समझाया। तो वह माना लेकिन जुलाई में शाश्वत के जन्मदिन से पहले बरसात में अदम्य से पेड़ लगवाया। वे किराये पर रहते हैं। जिस भी सोसाइटी में रहने जाते हैं, वहां पेड़ों की सौगात छोड़ कर आते हैं।
इस बार अदम्य ने शाश्वत के जन्मदिन से एक दिन पहले ही पापा से पूछा,’’कल मेरा और भइया का पेड़ लगाना है। हमारा पेड़ कहां है?’’ कोरोना महामारी के कारण, मानसून में भी पौधे बेचने वाले नहीं आ रहें हैं। जैसे हमेशा इन दिनों में आते रहते थे। अंकुर ने समझाया, कोई माली ही नहीं आया। जब पौधे बेचने वाले आयेंगे, हम तब लगवा देंगे। अदम्य का जवाब,’’भइया के कितने पेड़ हो गए हैं। मेरा एक ही पेड़ है।’’श्वेता ने प्यार से खिलौनों की तस्वीरें दिखा कर कहा,’’आप इसमें से कोई खिलौना पसंद कर लो, हम मंगवा देते हैं।’’ अदम्य का जवाब, ’’नहीं मुझे पेड़ ही चाहिए।’’बच्चे के पास तो एक ही अस्त्र होता है वह है रोना और उसका रोना चालू हो गया। अंकुर का मुझे फोन आया,’’ कोई नर्सरी का पता दो और अदम्य की जिद बताई।’’मैंने हॉटीकल्चर डिर्पाटमैंट के अमित कुमार से नर्सरी के बारे में पूछा, उन्होंने सेक्टर आठ और सेक्टर तैतींस नर्सरी का पता बता दिया। सुन कर अंकुर तुरंत सोसाइटी के माली के पास गया और उससे अगले दिन छ पेड़ लगाने की जगह बनाने को कहा। अदम्य ने अब तक एक पेड़ पिछले साल शाश्वत के साथ लगाया था। अब अंकुर नर्सरी से पेड लेकर आया। अदम्य को गिन कर पेड़ दिए और एक शाश्वत को दिया क्योंकि वह तो हर साल पेड़ लगाता है। हमेशा की तरह बच्चे रात को, अपने पौधे को अपने पास रख कर सोए। इस समय ऑनलाइन पढ़ने वाले, घर में रहने वाले शाश्वत और अदम्य कोरोना बचाव के नियम पालन करते हुए हमेशा की तरह अपने जन्मदिन पर पौधे लगा कर आए। मुझे तस्वीरें भेजीं। जिन्हें देख कर मैं बोली,’’ तुम जियो हजारो साल और वायु प्रदूषण कम करने में अपना इसी तरह योगदान दो।’’