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Monday, 15 May 2017

सीनैडो स्क्वायर, पुर्तगाली बस्ती ,सेंट पॉल गिरजाघर के खंडहर, धार्मिक म्यूजियम,पार्क और पारम्परिक संस्कृति Macao मकाओ भाग 3 नीलम भागी

 सीनैडो स्क्वायर, पुर्तगाली बस्ती, सेंट पॉल गिरजाघर के खंडहर और पारम्परिक संस्कृति  मकाओ  भाग 3
                                                     

नीलम भागी
हमने जैसे ही डिनर समाप्त किया, एक टैक्सी रैस्टोरैंट के सामने आकर रूकी, सवारियाँ बाहर और हम टैक्सी में बैठे, उसने प्रैम भी फोल्ड कर डिक्की में रख दी। होटल में पहुँचे तो तब तक रात के 12 बज चुके थे। गीता तो पापा को देख कर मस्त हो गई। मैं तो थकान के कारण तुरंत सो गई। सुबह ब्रेकफास्ट के लिये गई। विशाल इंटरनैशनल बुफे था। मैं तो फल, चीज़ और तरह तरह के मिल्क शेक पीती रही और तरह तरह के व्यंजन पढ़ती घूमती रही। नॉनवेज तो बहुतायत में, इण्डियन फूड में व्यंजनों के नाम का अंग्रेजी में अनुवाद ज्यादा था, मसलन भटूरों पर स्लिप लगी थी, फ्राइड ब्रेड। ब्रेकफास्ट से लौटते ही राजीव मीटिंग में चले गये। हम घूमने जाने की तैयारी करने लगे। हमने पुर्तगाली हैरीटेज देखने का प्रोग्राम बनाया। चीन का पहला और अंतिम यूरोपीय उपनिवेश मकाओ है। 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली व्यापारी यहां आकर बसे तब से लेकर 20 दिसम्बर 1999 तक यहाँ का शासन पुर्तगालियों के अधीन रहा। यहाँ अब राजभाषा चीनी और पुर्तगाली है। हमारे जाने से पहले ही राजीव आ गये। उनका आने जाने में तो समय खर्च होता ही नहीं था। सब कुछ इस कैनराड में ही था। उत्तकर्षिनी ने साथ चलने को कहा तो बोले,’’सिर्फ दो घण्टे, उसी में हम लंच भी कर लेंगे। हम पुर्तगाल के उपनिवेश रहे स्थानों को देखने के लिये टैक्सी पर सवार हुए। साफसुथरी सड़क के दोनों ओर रंगबिरंगे काँच की खूबसूरत आधुनिक बिल्डिंगो को देखते हुए हम जा रहे थे। अनुशासित भीड़ हर जगह दिखी। टैक्सी से उतरे सड़क पार की, सामने सीनैडो स्क्वायर जहाँ दुनिया भर के पर्यटक थे। क्रिस्मस की तैयारी चल रही थी। हम यहाँ की वास्तुकला को देख रहे थे। गलियों में घूमने निकले।  एक गली में साइकिल रिक्शा भी दिखी, रिक्शावाला उस पर बैठा अखबार पढ़ रहा था। अगर दुकान दिखी तो उसमें फल से लेकर नॉनवेज तक सब खाने का सामान है। लोकल स्नैक्स की दुकाने थी। खिड़कियो का रंग हरा दिखा कुछ दूरी पर सेंट पॉल के खंडहर, धार्मिक म्यूजियम और वहीं बहुत सुंदर बाग़ का भ्रमण किया . हम लंच के लिये रैस्टोरैंट ढूंढते हुए घूम रहे थे। कोटाई में रूके थे इसलिये यहाँ लग रहा था जैसे प्राचीन नगर में स्टाइलिश लोग  घूम रहें हों। जब हम लौटे तो रिक्शावाला वैसे ही रिक्शा पर बैठा अखबार पढ़ रहा था। दो घण्टे से अधिक समय हो गया था। हम टैक्सी स्टैण्ड पर लंबी लाइन में लगे। उत्कर्षिनी रेस्टोरेंट ढूंढने निकल गई। उत्त्कर्षिनी ने फोन किया कि रैस्टोरैंट मिल गया पर राजीव को बैठ कर खाने का समय नहीं था। वह स्नैक्स ले आई, तब तक टैक्सी का भी नम्बर आ गया।  मकाओ वास्तुकला, पारम्परिक संस्कृति और आधुनिक जीवन का अनोखा मिश्रण है। सबसे नया आर्कषक सिटी ऑफ ड्रीम्स है। मनोरंजन के बेतहाशा अवसर एक छत के नीचे दुनिया भर के डिजाइनर ब्राण्ड। रास्ते भर जो सुन्दर सजी बिल्डिंग दिखती उसे देखते ही गीता बोल उठती,’’यहाँ  चलो।’’होटल पहुँच कर राजीव तो रूम में चले गये। गीता के पीछे पीछे हम घूमते रहे। जहां पर वह जाती, हम दोनों भी वहीं जाते। कैनराड में भी एक ही छत के नीचे सब कुछ। अन्दर से ही खूबसूरती में घूमते हुए, हम फिर वैनेशिया की ओर चल दिये। क्रमशः

5 comments:

Neelam Bhagi said...

मकाओ वास्तुकला, पारम्परिक संस्कृति और आधुनिक जीवन का अनोखा मिश्रण है।

Astrologer Krishna Sharma said...

मकाओ के बारे में बहुत जानकारी भी आपने अच्छी दी है

Chandra bhushan tyagi said...

अच्छी जानकारी।

Neelam Bhagi said...

धन्यवाद

Neelam Bhagi said...

धन्यवाद