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Saturday, 3 March 2018

इकोफ्रेंडली साइकिल मैं क्यों चलाती हूँ? Eco Friendly Cycle Mein Kyun Chalati Hoon !!!! Neelam Bhagi

विश्व साइकिल दिवस पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं।
 अच्छे स्वास्थ्य के लिए इको फ्रेंडली साइकिल चलाएं।




 मैं विस्मयविमुग्ध, सिंगापुर की सुन्दरता और सफाई देख रही थी। अर्पणा मुझसे सफ़र, घर के लोगों के बारे में पूछ रही थी। एक क्रॉसिंग पर रेडलाइट पर हम रुके। साइकिल पर कुछ लोगों को देखकर मेरे मुहँ से निकला,’’ये अच्छा है, यहाँ लड़के साइकिल खूब चलाते हैं।’’मेरी बात सुनते ही सब हंस पढ़े और एक साथ बोले,’’ये उम्र में पचास साल से ज्यादा हैं। वर्किंग डे था और शाम का समय था। ये सब ऑफिस से आ रहें हैं। चेहरे देखे तो युवक और प्रौढ़ में फर्क नज़र आया, लेकिन फिटनैस सबकी एक सी थी। अपने कौनडो(मल्टीस्टोरी अर्पाटमेंट) के बेसमेंट में गाड़ी पार्क की, एक ओर साइकिलें भी लाइनों में खड़ी थीं। 15 वीं मंजिल पर घर, सुबह आँख खुलते ही सामने समुद्र, ईस्ट कॉस्ट रोड, चार सड़कें, प्रत्येक रोड ग्रीनबेल्ट से अलग की गई थी। दो ट्रैफिक के लिए एक साइकिल और एक पैदल चलने वालों के लिए। पैदल रोड और समुद्र तट के बीच में ईस्ट कॉस्ट पार्क था। समुद्र देखते ही मैं घर से निकल पड़ी।
    बाहर निकलते ही अण्डरपास दिखा, उससे मैं  साइकिल रोड पर पहुँची। जिस पर साइकिल सवार थे। डबल साइकिल भी जिस पर दो लोग पैडल मार रहे थे। मैं पैदल वालों की रोड पर चलने लगी। मेरे एक ओर समुद्र की लहरों का शोर था। दूसरी ओर एक सी फिटनैस के लिये साइकिल सवार लोग थे। हमारे यहाँ की रिक्षा जैसी गाड़ी और ई रिक्शा जैसी, जिसमें  दो छोटे  बच्चे बैठे हुए थे, इसे रिक्षावाला नहीं, बच्चों के माँ,बाप चला रहे थे क्योंकि इसमें चार पैडल थे। कई महिला, पुरु'ष की साइकिल के कैरियर पर एक सीट लगी थी। जिस पर सीट बैल्ट से बंधा बच्चा, आस पास के नज़ारे देखता बड़ा खुश बैठा था। बच्चा भी घूम रहा था और माँ की एर्क्ससाइज़ भी चल रही थी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट यहाँ सस्ता है। फिर भी लोग साइकिल खूब चलाते हैं।
   शाम को अपर्णा, रेया और मैं मैरीना बे घूमने गए। आफिस से अमन भी वहीं पहुंच गए। लौटने पर वन रैफलेस के पार्किंग की नौवें फ्लोर पर हमारी गाड़ी पार्क थी। हम लिफ्ट से नौंवी मंजिल पर जाकर गाड़ी पर पहुँचे। गाड़ी से राउण्ड लगाते हुए जब ग्राउण्ड फ्लोर पर पहुँचें, तो वहाँ खूब साइकिले खड़ी थी। उन पर बॉक्स लगे थे। मुझे अर्पणा ने बताया,’’ यहाँ लोग फिटनैस पर बहुत ध्यान देते हैं। इसलिए वे साइकिल से ऑफिस आते हैं और ऑफिस के पास वाले जिम की मैंम्बरशिप ले लेते हैं। साइकिल के बॉक्स में उनका बिज़नेस फॉरमल रखा होता है। एक्सरसाइज़ तो रास्ते में, साइकिल चलाने से ही हो जाती है। जिम में तो थोड़ी बहुत एक्सरसाइज़ की, बाकि शावर लेकर कपड़े बदल कर आफिस जाते हैं। साइकिल का पार्किंग शुल्क भी नहीं है। हमें साढ़े तीन महीने वेटिंग के बाद ग्यारह मंजिली पार्किंग में जगह मिली, पार्किंग शुल्क भी ज्यादा है। इस पार्किंग से ऑफिस सिर्फ, पंद्रह मिनट पैदल की दूरी पर है।’’
    वीकएंड पर हम चैंगी बीच पिकनिक मनाने गए। सड़क के दोनों ओर लाइन से गाड़ियाँ खड़ीं थी। उसी लाइन में हमने भी गाड़ी पार्क कर, हमारा इंतजार करती, बिजॉय फैमली के पास पहुँचें। शाम को जब गाड़ी पर लौटे, उस पर सत्तर डॉलर के चालान की स्लिप थी। वहाँ जितनी भी गाड़ियाँ थी, सब पर चालान स्लिप थी। क्योंकि जहाँ हमने गाड़ी पार्क की, वो पार्किंग की जगह नहीं थी। वहाँ खड़ी कोई भी गाड़ी सड़क पर व्यवधान नहीं पैदा कर रही थी, फिर भी चालान। पार्किंग फुल थी इसलिए एक की देखा देखी, सबने गाड़ी खाली जगह में पार्क कर दी थी। हमने बिजॉय को फोन करके पूछा कि तुम्हारी गाड़ी का भी चालान हुआ है?’’ वो बोला,’’हमारी फैमली तो साइकिलों पर आई है।’’यहाँ लोग साइकिल चलाने का कोई मौका नहीं छोड़ते, तभी तो इतने फिट हैं। और जो फिट है वो हिट है।