इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती संबद्ध अखिल भारतीय साहित्य परिषद, दक्षिणी दिल्ली विभाग द्वारा नववर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम का आयोजन 7 अप्रैल 2025 को जी एल टी,सरस्वती बाल मंदिर, नेहरू नगर में आयोजित किया गया l इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर विवेक दीक्षित, रिसर्च साइंटिस्ट,एम्स नई दिल्ली आमंत्रित थे l भारतीय ज्ञान परंपरा : काल गणना का विशेष संदर्भ विषय पर उनका उद्बोधन रहा l कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन तथा भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई l कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य वक्ता डॉ विवेक दीक्षित ,इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती दिल्ली केंद्र के अध्यक्ष प्रोफेसर अवनिजेश अवस्थी तथा उत्तरी क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख माननीय हरीश जी को पुष्प गुच्छ द्वारा सम्मानित किया गयाl विवेक दीक्षित जी ने भारतीय ज्ञान परंपरा और पाश्चात्य चिंतन परंपरा के अंतर को बहुत ही वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषित किया l उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन यह बताता है कि जीवन एक साधना है जबकि पश्चिम का चिंतन यह बताता है कि जीवन एक संघर्ष है l कार्यक्रम में उत्तरी क्षेत्र के बौद्धिक प्रमुख माननीय हरीश जी ,बुराड़ी जिले से जॉइन आर.एस.एस. प्रमुख वीरेंद्र जी, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के मंत्री प्रवीण आर्य जी, महामंत्री संजीव सिन्हा जी, अरुण पांडे जी, मुन्ना रजक जी, महिमा गुप्ता, डॉ योगेश रस्तोगी, डॉ मेघा खंडेलवाल तथा डॉ जितेंद्र कालरा उपस्थित रहेl कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ सूर्यकांत बाली जी के निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई l कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ l
सारिका कालरा
संयोजक , दक्षिणी विभाग
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