अखिल भारतीय साहित्य परिषद की तीन दिवसीय कार्यकर्ता प्रबोधन कार्यशाला 19 दिसंबर 2023 को भुवनेश्वर में आरंभ हुई । इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रांत से 250 से अधिक साहित्यकार शामिल हुए। उद्घाटन सत्र के मौके पर तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया यह पुस्तक हैं साहित्य में औपनिवेशिकता, नए भारत का साहित्य, संस्कृति की पोषक नदियां, उद्घाटन सत्र में अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन जी , अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील चंद्र द्विवेदी जी ,अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राम परिहार जी , परिषद के पूर्व अध्यक्ष बलवंत जानी जी , महामंत्री ऋषि कुमार मिश्र जी ने अपने अपने उद्बोधन दिए । स्वागत भाषण प्रकाश बेताला ने दिया, जिन्होंने कार्यक्रम में भारत के कोने-कोने से आए साहित्यकारों का स्वागत करते हुए कहा कि अखिल भारतीय साहित्य परिषद एक ऐसा मंच है जो भारत में भारतीय संस्कृति, भारतीय गौरव और भारत की आत्म चेतना को जागृत करने के लिए कार्य कर रही है। समग्र देश में 550 इकाइयों का कार्य चल रहा है और लगभग देश के सभी प्रांतों में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की इकाइयां हैं। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महामंत्री ऋषि कुमार मिश्र जी ने कहा कि कुछ लोग साहित्य के नाम पर शब्दों का व्यापार करते हैं तो कुछ सचमुच साहित्य से प्यार करते हैं । समाज के लिए कल्याणकारी साहित्य की रचना करना, विचार चिंतन के जरिए देश की संस्कृति को परिभाषित करना साहित्य परिषद का मूल उद्देश्य है।
नारायण दास मावतवाल
भुुवनेश्वर
अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन जी द्वारा भुवनेश्वर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कार्यकर्ता प्रबोधन कार्यशाला में रखे गए बिंदु
1.कार्य का विस्तार
2.कार्य की गुणवत्ता
3.समाज परिवर्तन का कार्य
परिवार प्रबोधन
सामाजिक समरसता
पर्यावरण का रक्षण
जल का संरक्षण करे
जल का दुरुपयोग न हो
जल व्यर्थ न हो
सामाजिक परिवर्तन
स्वदेशी का उपयोग करें
नागरिक कर्तव्यों का पालन करना
स्वच्छता का विषय
4.हमारा विमर्श कैसे स्थापित हो
जातीय भेदभाव में न बंटने देना
राष्ट्र प्रेम बढ़ाना
भारतीय परम्परा को बढ़ाना
सनातन की जानकारी देना
स्व की जानकारी देना
गैर धर्मो की भी जानकारियां रखना
समाज को ग्लोबल मार्केट द्वारा संचालित करता है उसके बारे में जागरूक करना
5. सज्जन शक्ति का जागरण
सज्जन शक्ति को जगाना पड़ेगा
सज्जन शक्ति को अपने साथ खड़ा करना
उनको मंच उपलब्ध कराना अपनी बात रखने के लिये
मनोज कुमार,'मन' वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिल्ली प्रदेश
उद्घाटन सत्र के उपरांत अलग-अलग प्रांत को लेकर एक चिंतन मनन बैठक का आयोजन किया गया।
रात्रि में राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य जी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कुल 4 सत्र आयोजित हुए।
क्रमशः