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Monday, 6 October 2025

इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा R.S.S. के शताब्दी वर्ष पर आयोजित द्विदिवसीय समग्र संघ साहित्य परिचर्चा

 










अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्री मनोज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऐसे लोग तैयार किए जो देश के लिए प्राण देने पड़े तो प्राण दिए, नहीं तो देश के लिए जिए। इस समय संघ, भारत और हिंदू तीनों शब्द पर्याय हो गए हैं।

श्री कुमार ने रविवार को इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर पीजीडीएवी महाविद्यालय के पुस्तकालय में आयोजित द्विदिवसीय समग्र संघ साहित्य परिचर्चा के समारोप सत्र में उक्त बातें कहीं।

श्री कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यापक है। कोई विषय अछूता नहीं है। संघ ने व्यक्ति से विश्व तक काम किया। राष्ट्र के पुनर्सृजन का कार्य किया। संघ का लक्ष्य है हिंदू समाज का संगठन करना एवं भारत को विश्व-मित्र बनाना।

उन्होंने कहा कि समग्र संघ साहित्य परिचर्चा इसलिए आयोजित की गई है ताकि संघ का सही विचार साहित्य की सभी विधाओं के माध्यम से जन-जन तक पहुंचे। संघ साहित्य का कलेवर भले उतना उत्कृष्ट न हो लेकिन विषयवस्तु तथ्यात्मक रहता है।

इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. विनोद बब्बर ने कहा कि इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा निरंतर साहित्यिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनमानस में साहित्य के प्रति अभिरुचि उत्पन्न की जा रही है।

इससे पूर्व दूसरे सत्र में कुल 20 साहित्यकारों, प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने विभिन्न विषयों से संबंधित संघ विचारकों द्वारा लिखित पुस्तकों का सार प्रस्तुत किया, जिसमें मनीषा शर्मा (भारत की संत परंपरा और सामाजिक समरसता), नवीन नीरज (और देश बंट गया), वरुण कुमार (धर्म और संस्कृति : एक विवेचना), सोनू (डॉ. हेडगेवार, संघ और स्वतंत्रता संग्राम), प्रणव कुमार ठाकुर (हमारी सांस्कृतिक विचारधारा के मूल स्रोत), संजय सिंह (भारत के राष्ट्रत्व के अनंत प्रवाह), भास्कर उप्रेती (धर्म की अवधारणा), विकास कुमार यादव (राष्ट्र चिन्तन), अवंतिका यादव (पर्यावरण दर्शन), प्रियंका मिश्रा (रा.स्व.संघ : कार्यकर्ता, अधिष्ठान, व्यक्तिमत्व, व्यवहार), आदर्श कुमार मिश्र (वर्तमान संदर्भ में हिन्दुत्व की प्रस्तुति), अनु कुमारी (भविष्य का भारत), रजत तिवारी (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय), डॉली गुप्ता (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय), रचना (भारतीय शिक्षा दृष्टि), पूनम राठी (भारतीय शिक्षा के मूल तत्व), अंकित कुमार (एकात्ममानव दर्शन ), मीनाक्षी यादव (भविष्य का भारत), सूर्य प्रकाश (धर्म की अवधारणा) एवं लक्ष्मी नारायण (डॉ. हेडगेवार : परिचय एवं व्यक्तित्व) के नाम उल्लेखनीय हैं।

दूसरे एवं समारोप सत्र का संचालन कार्यक्रम सह संयोजक प्रो. सारिका कालरा एवं धन्यवाद ज्ञापन इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रजनी मान ने किया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की राष्ट्रीय मंत्री प्रो. नीलम राठी, इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, प्रो. ममता वालिया, महामंत्री संजीव सिन्हा, मंत्री नीलम भागी, राकेश कुमार, जगदीश सिंह, आचार्य अनमोल, सुनील दत्ता, सुपरिचित लेखक देवांशु झा, डॉ. श्रुति मिश्रा सहित अनेक साहित्यकार एवं शोधार्थी उपस्थित थे।

संजीव सिन्हा महामंत्री इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती

https://www.instagram.com/reel/DPdjvfZEYXj/?igsh=MXBsb25hNzNqb2Fvaw==




Friday, 23 May 2025

आगामी कार्यक्रम के लिए आमंत्रण डॉ प्रवीण आर्य (राष्ट्रीय मंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद )

 


अखिल भारतीय साहित्य परिषद दिल्ली प्रांत का प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव जी से मिला और उनको आगामी कार्यक्रम के लिए आमंत्रण दिया जिसे उन्होंने विनम्रता के साथ- सहज स्वीकार कर लिया।





Friday, 11 April 2025

वर्ष प्रतिप्रदा (हिन्दू नववर्ष) पर गोष्ठी नांगलोई के निहाल विहार में संपन्न हुई

 


30 मार्च,न.दि.- इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती,दिल्ली प्रांत (संबद्ध अखिल भारतीय साहित्य परिषद,न्यास) के पश्चिमी विभाग की ओर से वर्ष प्रतिप्रदा (हिन्दू नववर्ष) पर गोष्ठी नांगलोई के निहाल विहार में संपन्न हुई।

कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे दिल्ली प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.विनोद बब्बर,नांगलोई जिला परिवार प्रबोधन संयोजक और मुख्य अतिथि श्री विष्णु गोपाल,विशिष्ट अतिथि डॉ.रजनी मान,मंचस्थ अतिथि और उत्तम जिलाध्यक्ष श्री जितेंद्र सिंह,महामंत्री और पूर्णकालिक प्रचारक धर्म जागरण श्री राजेश भारद्वाज ,शिवराम पार्क नगर प्रौढ़ व्यवसाई प्रमुख श्री राजिंदर जी ,श्री पुनीत जी,श्री शिवकुमार जी ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अतिथियों को अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ से स्वागत के बाद बाल कवयित्री महक ने सरस्वती वंदना से गोष्ठी का आरंभ किया।कवि अंश द्विवेदी ने वीर रस,लोक कवि बृजभूषण सिंह ने भोजपुरी में तथा युवा कवि रजनीश शुक्ला ने श्रृंगार रस में काव्यपाठ किया।

भजन सम्राट श्री अविनाश अद्वैत ने श्रीराम जन्मभूमि संघर्ष पर गीत गाया तो माहौल राममय हो गया।राजेश भारद्वाज ने देशभक्ति पर गीत गाया तो स्थानीय कवि हरिश्चंद शुक्ला ने सम सामयिक विषय हिंदू नववर्ष और बसंत ऋतु पर शानदार काव्यपाठ किया।

सुविख्यात शायर रमाशंकर शर्मा ने अवधी बोली में श्रृंगार के शेर सुनाए तो सबने प्रशंसा की।जितेंद्र सिंह के दोहों पर खूब तालियां बजीं।अखिलेश द्विवेदी ने सामाजिक एकता पर गीत सुनाते हुए कहा - 

"चमन में एकता की बात यार करते हैं।

अमन और चैन के जज्बात - प्यार भरते हैं।" तो सबने प्रशंसा की।

डॉ.रजनी मान ने अपने संबोधन में  हिंदू नववर्ष का महत्व और बच्चों को साहित्यिक वातावरण देने पर जोर दिया।उन्होंने बाल कवियों को प्रोत्साहन हेतु राशि भी प्रदान की।

विष्णु गोपाल जी ने हिंदू समाज में टूटती परिवार व्यवस्था पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उसे मजबूत बनाने पर जोर दिया और संस्कृति से जुड़ाव की बात कही।

डॉ.विनोद बब्बर ने वर्ष प्रतिप्रदा के महत्व और इसकी प्राचीन परंपरा को इंगित करते हुए भावी पीढ़ी को संस्कारयुक्त बनाने पर बल दिया।

गोष्ठी का संचालन पश्चिमी विभाग अध्यक्ष डॉ. अखिलेश द्विवेदी ने किया।उन्होंने अंत में सभी अतिथियों,कवियों और हिंदी प्रेमी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में 37 की संख्या थी।

रिपोर्ट - पिंकी द्विवेदी








Thursday, 10 April 2025

नवसंवत प्रतिपदा के शुभ अवसर पर संगोष्ठी

 


आज दिनांक तीन अप्रैल २०२५ को इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के केशव पुरम विभाग द्वारा ज्ञान प्रकाश सरस्वती मंदिर विद्यालय, मीरा बाग , नई 

दिल्ली के प्रांगण में नवसंवत प्रतिपदा के शुभ अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम विद्यालय की आचार्यों द्वारा सरस्वती वंदना एवं माता की एक भेंट से आरम्भ हुआ। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय मंत्री श्री प्रवीण आर्य द्वारा की गई। 

डॉ नीलम राठी, राष्ट्रीय महामंत्री ने हिंदू  नववर्ष की विशेषताएँ बतायीं। श्री भारत भूषण ने नववर्ष की ऐतिहासिकता का महत्व बताया। 

श्री अक्षय कुमार अग्रवाल एवं श्री वीरेश बग्गा ने भी अपने विचार रखे। 

श्री अखिलेश द्विवेदी और संगोष्ठी संचालक , प्रदेश मंत्री डॉ सुनीता बग्गा द्वारा नववर्ष के भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किए। 

अंत में अध्यक्ष श्री प्रवीण आर्य ने वक्ताओं के उद्बोधन का सारांश एवं समिति की सूचनाएँ भी दीं। 

सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री कमल किशोर जी के निधन पर उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 

कल्याण मंत्र द्वारा सभा का समापन हुआ।

सुनीता बुग्गा जी प्रांत मंत्री 






*देश के प्रमुख साहित्यकारों की ओर से स्व.डॉ कमल किशोर गोयनका जी को श्रद्धांजलि* डॉ विनोद बब्बर


अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देश-विदेश से प्रमुख साहित्यकारों ने स्वर्गीय डॉ कमल किशोर गोयनका को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके विशिष्ट योगदान को श्रद्धा से स्मरण किया । इस श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्वों में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, भारतीय भाषा परिषद के अध्यक्ष श्री चम्मू कृष्ण शास्त्री, शिक्षा संस्कृति न्यास के संगठक श्री अतुल कोठारी, विद्या भारती के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ प्रचारक श्री लक्ष्मी नारायण भाला,  दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ रामशरण गौड़, साहित्य अकादमी हरियाणा के पूर्व निदेशक डॉ पूरनमल गौड़, संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अनिल जोशी, अखिल भारतीय साहित्य परिषद राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य और प्रो नीलम राठी,  प्रसिद्ध विचारक इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष डॉ अवनिजेश अवस्थी, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ विनोद बब्बर भी शामिल थे। 

डॉ रामशरण गौड़ ने गोयनका जी से अपने दीर्घकालीन संबंधों को स्मरण किया तो डॉ अवनीजेश अवस्थी ने प्रेमचंद और  प्रवासी साहित्य में गोयनका जी के असाधारण योगदान तथा राष्ट्रवादी विचारधारा से उनकी प्रतिबद्धता की चर्चा की। अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरियाणा के मार्गदर्शक डॉ पूरणमल गौड़ ने हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से गोयनका जी को आजीवन साहित्य साधना सम्मान देने तथा हरिगंधा के विशेषांकों में गोयनका जी के विशिष्ट योगदान की चर्चा की। श्री प्रवीण आर्य ने साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर जी की ओर से गोयनका जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कुछ वक्ताओं ने गोयनका जी की स्मृति में व्याख्यान माला आरंभ करने का सुझाव भी दिया ।









 केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र दुबे एवं डॉ सुनील बाबूराव कुलकर्णी ने सभी उपस्थित साहित्यकारों का आभार प्रकट करते हुए डॉक्टर गोयनका की स्मृति में केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से स्मारिका प्रकाशित करने की घोषणा की। इस अवसर पर स्वर्गीय कमल किशोर गोयनका जी के परिवारजनों की भी उपस्थिति रही।


Tuesday, 8 April 2025

भारतीय नव वर्ष का महत्व

 

आज इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती, झंडेवालान विभाग द्वारा डॉ. मुकर्जी स्मृति न्यास, नई दिल्ली में 'भारतीय नववर्ष का महत्त्व' विषय पर विचार-गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी के मुख्य वक्ता थे इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विनोद बब्बर एवं अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री श्री प्रवीण आर्य ने की। संचालन इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के प्रदेश महामंत्री श्री संजीव सिन्हा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक श्री मुन्ना रजक ने किया। कार्यक्रम में इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती की प्रदेश मंत्री डॉ. सुनीता बुग्गा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य स. जगदीश सिंह सहित कई लेखक-पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एवं दिल्ली विश्वविद्यालयों के शोधार्थी सहित कुल 19 लोगों की उपस्थिति रही। डॉ. विनोद बब्बरजी के विचारों का सार बाद में साझा किया जाएगा। 

संजीव सिन्हा (प्रदेश महामंत्री)।