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Monday, 14 June 2021

पेड़ों का त्यौहार नीलम भागी Van Mahotsav Neelam Bhagi

 




कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गवानी पड़ी। उसके बाद से लोगों को पेड़ों के महत्व का अहसास हो गया है। 22 अप्रैल को धरती दिवस, 5 जून को पर्यावरण दिवस पर जिस उत्साह से पेड़ लगाये जाते हैं और लगाते हुए तस्वीरें खींची जाती हैं, क्या पौधे लगाने वालों और लगवाने वालों ने कभी जाकर देखा है कि वे पौधे जमें हैं या मर गये। इन दोनों दिवस पर जो पौधे लगाये जाते हैं, वे बहुत देखभाल मांगते हैं क्योंकि हमारे यहां इन दिनों बहुत गर्मी और लू शुरु हो जाती है। समय पर पानी न मिलने पर ये झुलस जाते हैं।

हमारे देश में वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देने के लिए सन् 1950 में देश के पहले कृषि मंत्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने वन महोत्सव की शुरूवात की थी। जिसे पेड़ों के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। हर साल सरकार जुलाई के प्रथम सप्ताह में देश भर में वन महोत्सव का आयोजन करती हैं। इस दौरान स्कूलों कॉलेजोंए प्राइवेट संस्थानों द्वारा पौधारोपण किया जाता है। जिससे लोगों में पेड़ों के प्रति जागरूकता पैदा होती है। वनों का महत्व सामान्य लोगों को समझाना मकसद होता है। हमें बच्चों से वनों के पेड़ों के लाभ पर निबंध लिखवाना या वाद विवाद प्रतियोगिता करवाना ही काफी नहीं है। उन्हें पेड़ों को बचाना, उनका संरक्षण करना भी सिखाना है। श्विश्व भौतिक विकास की ओर तो तेजी से बढ़ रहा हैए मगर प्रकृति से उतना ही दूर हो रहा है। पानी दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इसे बचाने के लिए खूब पेड़ लगाए जाएं। पेड़ बादल बनने में सहायक होंते हैं और उन्हीं बादलों से बारिश होगी। राजस्थान में इंदिरा कैनाल बनने के बाद उसके आसपास खूब पेड़ लगाये गये। अब उस इलाके में बारिश होती रहती है। जिस उत्साह से धरती दिवस, पर्यावरण दिवस और वन महोत्सव पर वृक्षारोपण किया जाता हैं  उसी तरह उनका संरक्षण भी किया जाना चाहिए। जिन्होंने पौधा लगाया फोटो खिचाई वे तो पौधे की देखभाल करने आयेंगे नहीं। इसके लिए वहां आसपास रहने वाले नागरिकों को ही देखभाल करनी होगी। कुछ ही समय !!जैसे जैसे पेड़ बढ़ेगा, उसका सुख तो आसपास वालों को ही मिलेगा। वृक्षारोपण करके फोटो खिंचवाने वालों के बच्चे तो वहां खेलने आएंगे नहीं। इसलिए अपने आसपास जो भी पेड़ लगाएं गए हैं, उन्हें बचाना अपनी नैतिक जिम्मेवारी समझें। नष्ट हुए पेड़ की जगह दूसरा पेड़ लगाएं। कहीं पढ़ा था कि पेड़ों के लिए काम करनाए मां प्रकृति की पूजा करना है। जुलाई के पहले सप्ताह में वन महोत्सव मनाते है। तो इनका संरक्षण भी जरुरी है। वैसे जुलाई के महीने में बरसात होने से पौधे अच्छे से जम जाते हैं। हर शहर के प्रशासन को इन दिनों अपने नागरिको को शामिल करके वृक्षारोपण करना चाहिए। रेजिडेंस वैलफेयर एसोसियेशन वृक्षारोपण के लिए जगह देख कर ऐसे फलदार पौधे उपलब्ध करवाये जो बड़े होने पर बिजली के तारों में न फंसे। कहां की मिट्टी किस फल के पौधे के लिए उपयुक्त है वहां वही पौधा लगाने को प्रोत्साहित करें जो उस मिट्टी में ठीक से पनप सके। जो भी व्यक्ति पेड़ के संरक्षण की जिम्मेवारी ले, उसे मुफ्त में पेड़ दिया जाये। मैंने पिछले साल चार पेड़ लगवाए थे। उद्यान विभाग ने ट्री गार्ड के साथ लगा कर दिए। मैं उनकी देखभाल करती हूं। वे बहुत अच्छे से बढ़ रहें हैं। जुलाई में उनका जन्मदिन आयेगा। अब वे नहीं मर सकते। अगर कोई मूर्ख उन्हें नष्ट करने की ठान लेगा तब मैं क्या कर सकती हूं!!        


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