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Thursday, 22 August 2024

फूल गोभी के तीन तरह के पराठे नीलम भागी

 


फूल गोभी के तीन तरह के पराठे नीलम भागी 

 सामने गुजर रहे सब्ज़ी के ठेले से मैंने गोभी खरीदी और प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए, सी से भरपूर गोभी के परांठे बनाने लगी। रैस्पी शेयर कर रही हूं।

गोभी के तीन तरह से परांठे बनातीं हूं। तीनों का स्वाद अलग और लाजवाब होता है। मसाला बाहर झांकता पंजाबी परांठा बनाना जरा मुश्किल होता है।  

गठे हुए फूलगोभी के फूल अच्छी तरह धोकर कद्दूकस किए । इसमें बारीक कटा हरा धनिया, हरी मिर्च, प्याज, अदरक़ और धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर(इसे छोड़ भी सकते हैं)गरम मसाला आदि डाल कर मिला लिया। इस गोभी के मसाले में थोड़ा हेर फेर करके ही तीनों परांठों में उपयोग होता है। इस मसाले में नमक नहीं मिलाना है।





आटे में नमक आजवाइन मिलाकर अच्छी तरह मल कर मुलायम गुंधना है। जिससे गोभी का मसाला उसमें  धंस जाये। कवर से बाहर झांकने पर भी मसाला अलग नहीं हो। 






पहली तरह का परांठा पहली बार गोभी का परांठा सीखने वाली बनातीं हैं। इसके लिए गोभी के मसाले में कद्दूकस करके इतना उबला आलू मिलाते हैं कि मसाला बाइंड हो जाए और इसमें जीरे का छौंक लगा कर नमक मिला देते हैं। इसके गोले बना कर  आटे की लोई में रख कर कर चकले पर बेलन से बेल कर तवे पर दोनों ओर तेल लगा कर तलते रहते हैं। ये फूले फूले परांठे बनते हैं।

दूसरी तरह के परांठें में गोभी के मसाले( लाल मिर्च नहीं, बारीक कटा थोड़ा लहसून यदि खाते हैं तो मिला सकते हैं।) को बड़ी सी लोई चकले पर रख कर उसमें नमक स्वादानुसार डाल कर लोई बंद करके हाथों से थपथपा कर, हलके हाथ से बेलते हैं। चकला टेढ़ा करके बड़े ध्यान से तवे पर फैलाते हैं और दोनों ओर तेल लगा कर जब चकत्ते पड़ जाएं तो कम आंच पर क्रिस्पी होने तक सेकते हैं। इसका स्वाद बहुत अलग होता है।

तीसरी प्रकार के परांठों में गोभी के मसाले में आटा नमक और आजवाइन मिला कर सख्त गूंध लेते हैं क्योकि नमक मिलने से गोभी पानी छोड़ने लगती है। इसलिये जल्दी  जल्दी रोटी की तरह लोई बना कर उसमें घी या तेल लगा कर फिर रोटी की तरह बेल कर तवे पर दोनों तरफ तेल लगा कर सेकते हैं।

मैं अपने खाने के परांठों को सेकने में कम घी लगाती हूं क्योंकि मुझे परांठे देसी घी, मक्खन या मलाई के  साथ खाना अच्छा लगता है।  


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