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Saturday, 8 November 2025

बीहर रिवरफ्रंट रीवा Bihar River front Reeva Neelam Bhagi नीलम भागी



प्रत्येक नदी वहां के स्थानीय लोगों के लिए पूजनीय होती है. कोई भी शुभ काम करने से पहले परिवार में नदी पूजन की भी परंपरा होती है. विवाह पंचमी श्रीराम जानकी विवाह से पहले, विवाह की एक रस्म है, कमला नदी पूजन की, उसे मटकोर कहते हैं। लोक कथा है कि सीता जी के विवाह में मटकोर(कमला पूजन) में कमला माई की मिट्टी लाई गई थी जो सीता जी के हल्दी में मिलाई थी. सीता जी के नेत्र से कमला जी उदय हुई थीं। सीता जी की प्रिय सखी कमला हैं, उसके किनारे बचपन में खेली है । मटकोर पूजन का प्रश्न उत्तर में एक लोकगीत है, जिसे मिथलानियाँ इस अवसर पर गाती हैं। 

कहाँ माँ पियर माटी, कहाँ मटकोर रे।

कहाँ माँ के पाँच माटी, खोने जाएं।

पटना के कोदार है, मिथिला की माटी।

मिथिला के ही पाँचों सखी, खोने मटकोर हैं। 

पाँच सुहागिने कुदार, तेल, सिंदूर, हल्दी, दहीं लेकर 5 आदमी नदी के किनारे की मिट्टी खोदते हैं, उसमें से मिट्टी निकाल कर, ये सब सुहागचिन्ह और पाँच मुट्ठी चने डाल देते हैं। वर वधु नदी में स्नान करते हैं। लौटते समय चने, पान, सुपारी बांटते हैं। उस मिट्टी को वर वधु के उबटन में मिला कर, हल्दी की रस्म होती है। विवाह पंचमी के बाद से मिथिला में साहे शुरु होते है। तब से मिथिला में विवाह संस्कार की शुरुवात ही नदी पूजन से होती है। 17 वें अखिल भारतीय साहित्य परिषद अधिवेशन रीवा मध्य प्रदेश में मैं आई हूं. रीवा से परिचय करती हुई, बीहर रिवर फ्रंट पहुंच गई. वहां से एक परिवार बाजे गाजे के साथ मिट्टी के घड़े में नदी का जल लेकर से लौटा था. नदियां हमारी संस्कृति की पोशाक हैं. तभी तो नदी नहीं तो हम नहीं.

https://www.instagram.com/reel/DQ0U8aJjBn-/?igsh=Z3FnbGl2bm9vc3J1




Friday, 7 November 2025

शोभा यात्रा अखिल भारतीय साहित्य परिषद नीलम भागी

  



अखिल भारतीय साहित्य परिषद के 17 वें त्रिदिवसीय अधिवेशन रीवा  में शोभा यात्रा निकल गई। शोभायात्रा में रीवा, मध्य प्रदेश के परंपरागत वाद्यों के साथ भारत भर के कोने-कोने से आए हुए कार्यकर्ता झूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। शोभा यात्रा की सबसे बड़ी विशेषता इसमें साहित्यकार अपने राज्य की पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए. दक्षिण भारतीय सिल्क की साड़ियां और उड़ीसा की संबलपुरी साड़ियां बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. कुछ महिलाओं की एक सी साड़ियां देखकर, मैंने पूछा, " आप किसी संस्था से हो? वहां की यूनिफॉर्म है. उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया, 'यह हमारी कर्नाटक की स्पेशल साड़ियां हैं. " मैंने कहा, " तो थोड़ा अलग-अलग पहन लेती, हमें और देखने को मिलती. " वे बोलीं, "  फ्रेंड हैं न, हमने वैसे ही एक सी पहनी ताकि दिखें भी."

https://www.instagram.com/reel/DQwdv_wDCEf/?igsh=MTE4bGZqN3Q5cG01aA==





Thursday, 6 November 2025

रीवा में तीन नदियों का बेहद खूबसूरत संगम नीलम भागी The beautiful confluence of three rivers in Reeva Neelam Bhagi

 


रीवा में तीन नदियों का बेहद खूबसूरत संगम बिछिया नदी, सोन नदी और बीहर नदी के संगम से बनता है। किले में स्थित म्यूजियम को देखने के  आप मंदिर के दर्शन करेंगे  तो वही है आपको मनमोहक स्थान दिखाई देगा.  यह संगम रीवा के राजघाट में स्थित है, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल है। राजघाट का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था और यह अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है । यहाँ पर लोग स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।

रीवा की प्रमुख नदियों में टोंस या तमसा और सोन नदी भी शामिल हैं, जो गंगा की सहायक नदियाँ हैं। बिछिया नदी रीवा शहर के बीचों-बीच बहती है और इसका नामकरण रीवा के इतिहास से जुड़ा हुआ है.

https://www.instagram.com/reel/DQuaBBCDAPC/?igsh=eHlvNmJrZmp2ajd5