उत्कर्षिनी ने अमेरिका से गीता दित्या की हैलोवीन मनाने की फोटो भेज कर बताया कि करोना से पहले गीता का मनपसंद दिन 31 अक्टूबर है। इस दिन हैलोवीन मनाया जाता है। करोना के बाद इस बार बच्चों में बहुत उत्साह है। बच्चे डरावनी वेशभूषा में अजीबोगरीब मेकअप करके लोगों के घर जाते हैं। इन बच्चों को देखकर लोग बहुत खुश होते हैं। वे इनका स्वागत करते हैं। इन्हें चॉकलेट वगैरह गिफ्ट देते हैं। बच्चे अपने झोले में भरते रहते हैं। इस बार सवा साल की दित्या भी साथ में गई है। दित्या का एक ही काम था लोगों के डेकोरेशन में जो डरावने डेंजर के खतरनाक भूत प्रेत लगाए हुए थे, उन्हें बिना डरे नोचना क्योंकि वह भी हेलोवीन बनी हुई थी।
उत्सव समाज को जोड़ता है देश दुनिया से आए हुए परिवार इसे भी अपने विशेष दिन की तरह मना रहे थे। मनुष्य उत्सव प्रेमी है। कोई भी मौका खुशी मनाने का जाने नहीं देना है। भूत प्रेत चुड़ैलों की वेशभूषा में सजे बच्चे और युवाओं को अब भारत में भी होने वाली हैलोवीन पार्टियों में देखा जा सकता है। यह मूल रूप से पश्चिमी देशों में मनाया जाता है। जो अब यहां पर भी बॉलीवुड के कारण फैल रहा है। बॉलीवुड की विशेषता है कि अगर इसे किसी ने फिल्म में दिखा दिया तो इसे देखकर लोग प्रथाएं बना लेते हैं। जैसे
जैसे डरावनी सजावटी देखकर बच्चों में भी हैलोवीन शुरू हो गया है। ऐसी मान्यता है कि पश्चिमी देशों में 31 अक्टूबर को परालौकिक ताकते धरती पर आती हैं। उनका स्वागत करने के लिए लोग उनकी वेशभूषा में पार्टियां करते हैं। इस दौरान कई पारंपरिक आयोजन किए जाते हैं। 2 साल से कोरोना के कारण यह सब बिल्कुल बंद था इसलिए इस वर्ष यह ज्यादा उत्साह से मनाया गया। हमारे देश में कहीं-कहीं महानगरों में भी मनाया गया है। बॉलीवुड में हैलोवीन पार्टी हुई, जिसमें सितारे अजीब अजीब डरावने मेकअप करके आए। बॉलीवुड को समाज का कुछ वर्ग कॉपी करता है। धीरे-धीरे शायद यह भी प्रथा बन जाएगी।
बच्चों का हैलोवीन के बाद सबसे मन पसंदीदा काम होता है, अपने झोले को पलट कर देखना कि क्या क्या और कितनी चॉकलेट्स उन्होंने एक इकट्ठे की हैं।
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