वेकेशन पर जाने से पहले उत्कर्षनी को पौधों की बहुत चिंता थी। उसने ड्रॉप सिस्टम से पानी देने के लिए बोतलों पर लगाने के लिए क्लिप भी खरीद लिए। हालांकि सर्दी में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती फिर भी वह 15 दिन का रिस्क नहीं ले सकती थी। पौधों का उसको बहुत शौक है। इसने कंटेनर गार्डनिंग की हुई है। मुझे तो शौक है ही। राजीव जी और उत्कर्षनी अपने कामों को पूरा करने में व्यस्त थे। मैं पौधों की देखरेख और व्यवस्था में लग गई। उनकी कटाई छटाई कर दी ताकि कम पानी में मरे नहीं। क्रमशः



