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Tuesday 28 July 2020

जैंनट्स टॉयलेट में चेंजिंग स्टेशन क्यों नहीं है? Gents Toilet Mein Changing Station Kyun Nahi Neelam Bhagi नीलम भागी


    इतने बड़े मॉल में चुम्मू और गीता के सामान की खरीदारी के लिए हम घूम रहे थे। खूब भीड़ थी। इतने में चुम्मू ने पू कर दी। मैं उसकी नैपी बदलने के लिए चेंजिंग स्टेशन ढूँढ रहा था, जो कहीं नहीं मिल रहा था। लेडीज,़ जैंट्स टॉयलेट थे पर बच्चों के बारे में किसी ने सोचा ही नहीं। जब बच्चों का सामान बिकता है, तो उनकी  नैपी बदलने की जगह भी तो होनी चाहिए। पू की बदबू के कारण नैपी तो तुरंत बदलनी थी न। पी पी से नैपी गीली होती और र्दुगंध नहीं होती, इसलिए थोड़ा इंतजार भी कर लेता। पर अब तो मजबूरी थी। जिन पाठकों के बच्चे छोटे हैं, उनके सामने भी मेरी तरह, इस प्रकार की परेशानी आई होगी। मैं तो चुम्मू के बैग में उसका पैड भी लेकर गया था क्योंकि बच्चों का कोई भरोसा नहीं कब पू कर दें। तो मैं पैड पर लिटा कर उसकी नैपी ठीक तरह से बदल सकूँ। पर पैड कहाँ बिछा कर चुम्मू को लिटाऊँ और उसकी नैपी बदलूं? समस्या तो ये थी न! उसके लिए चेंजिंग स्टेशन तो होना ही चाहिए। अभी एक समस्या तो खत्म हुई नहीं, दूसरी शुरु, गीता को भूख लग गई। श्रीमती जी गीता को फीड कराने नर्सिंग रुम की खोज में चल दी।
     काफी खोजबीन के बाद पता चला कि लेडिज़ टॉयलेट में ही चेजिंग स्टेशन है। इस जानकारी के बाद मुझे बहुत गुस्सा आया कि जैंनट्स टॉयलेट में चेंजिंग स्टेशन क्यों नहीं है?  या जैसे लेडीज़ और जैंट्स टॉयलेट बनाये हैं, वैसे ही एक बच्चे के लिए चेंजिंग स्टेशन बनाना चाहिए। जिसमें मम्मी ,पापा कोई भी जाकर बच्चे की नैपी बदल दे। जब मैं घर में बच्चे की नैपी बदलता हूं तो बाहर क्यों नहीं बदल सकता? किसी ने बताया कि लेडिज़ टॉयलेट में चेंजिंग बोर्ड लगा हुआ है। श्रीमती जी को बुलाऊं तो गीता भूखी हलक फाड़ फाड़ कर रोयेगी। उसको फीड मां ही करवायेगी। मजबूरी में चुम्मू को गोद में लेकर मैं लेडिज़ टॉयलेट में जाने लगा तो महिलाएँ कोरस में दहाड़ी,’’ ये लेडिज़ टॉयलेट है। ये लेडिज टॉयलेट है।’’ मैंने उन्हें शान्ति से अपनी समस्या बताई। उन्होंने  मुझे चुम्मू की नैपी बदलने की परमीशन दे दी। मैंने र्बोड पर पैड बिछाया। उस पर चुम्मू को लिटाया और सधे हुए हाथों से उसे साफ  कर रहा था। तो मुझे एक बात समझ नहीं आई। जितनी देर मैं चुम्मू को साफ करता रहा और उसकी नैपी बदलने का काम करता रहा , उस समय जो भी महिला आ रही थी या जा रही थी। उसे मुझे देखकर  हंसी बहुत आ रही थी। बताइए भला, इसमें हंसने की क्या बात है!!

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