आज 15 दिन हो गये ब्यूटी को छुट्टी किये हुए। लैंड लाइन पर उसकी बेटी का फोन आया था कि माँ की तबियत ठीक नही है। मैं कुछ पूछती, उसने फोन काट दिया। ब्यूटी मेरी 12 साल पुरानी, बहुत भली मेड है। मुझे उसकी चिंता सताने लगी। पहले मैं उसकी झुग्गी का पता जानती थी। पर अब वहाँ कमर्शियल बिल्डिंग बन चुकी हैं। दिल्ली में झुग्गी के बदले ब्यूटी को 25 गज का प्लाट, पौटी के लिए सीट लगा कर मिला है। उसके वर्क प्लेस से दूर होने के कारण, ब्यूटी ने उसे बनाया नहीं है। कहीं और रहने लगी। उसके नये एड्रेस को मैं नहीं जानती क्योंकि वह छुट्टी बहुत ही कम करती है इसलिए कभी जरुरत ही नहीं पड़ी। उसके पति की मौत हो चुकी थी। दोनों बेटियों की अच्छी जगह शादी हो गई।
ब्यूटी पाँच घरों में काम करती है। सबसे आखिर में मेरे यहाँ आती है। अब वह दोपहर में घर नहीं जाती, अधिकतर मेरे यहाँ ही बैठी रहती। शाम को सब घरों में बर्तन साफ करके ही जाती है। मैंने उसे एक दो बार कहा भी कि तूँ दोपहर में घर जा कर आराम कर आया कर, उसने जवाब दिया,’’ दीदी जी काहे का घर, घर तो घर वाले से होता है ना, और घरवाला तो भगवान को प्यारा हो गया, खाली खोली ही तो है। वहाँ भी जाकर पड़ना है, यहीं पड़ी रहती हूँ। एक दिन दोपहर को दो आदमी मोटर साइकिल पर उससे मिलने आये। प्रापर्टी डीलर की तरह वे ड्रेसअप थे। बाहर जाकर ब्यूटी उनसे बात करती रही। उनके जाते ही मैंने उससे पूछा,’’कौन थे वो? क्या कह रहे थे?’’ब्यूटी ने जवाब दिया कि वे प्रापर्टी डीलर थे। मैंने पूछा,’’यहां क्या करने आए थे?’’उसने जवाब दिया,’’दीदी जी झुग्गी के बदले मुझे जो पच्चीस गज का प्लाट मिला है न, उसके लिए इनके पास ग्राहक है। मुझसे बोले 30 लाख ले, अपना प्लाट दे। मैनें मना कर दी। दीदी जी मैं 8 से 10 हजार महीना कमाती। खर्चा मेरा बहुत कम, खाना कपड़ा ज्यादातर आप सब के घरों से हो जाता है। मैं लाखों रुपया क्या करती?’’ये सुनते ही मुझे बिना मांगे सलाह देने का दौरा पड़ गया। पहले मैं दो कप चाय बनाने गई। चाय बनाने और लाने में दौरे पर तो कंट्रोल हो गया।उसे गिलास में और मैं कप में चाय लेकर उससे बतियाने लगी। अब मेरे अन्दर नेकी करने का भूत सवार हो गया। मैंने पूछा तेरी उम्र कितनी है? ब्यूटी की उम्र काफी हिसाब किताब लगा कर,40 या 41 साल थी। मैंने उसे समझाया कि वह शादी कर ले। थोड़ा न नुकुर के बाद वह सहमत हो गई। क्रमशः
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