Search This Blog

Wednesday, 27 November 2024

उन्होंने हाथ से खाना भी सीख लिया! 🙏 नीलम भागी

      शिल्प वेदिका में हम  डिनर के लिए बस से उतरे। एक ही मेज पर हम सब खाने के लिए बैठे। वहां चम्मच नहीं था। मैंने उनको हाथ से खाना सिखाया। वे सभी हाथ से खाने लगे। उनमें से एक अपने देश की आर्मी से थे। नाम नहीं याद मेरे साथ तस्वीर में है। उन्होंने एक गिलास का छोटा सा टुकड़ा  तोड़ा और उससे  खाने लगे लेकिन किसी और ने उनकी तकनीक नहीं अपनाई फिर वे  भी उसको फेंक कर, हाथ से खाने लगे। हर चीज का नाम पूछ कर खाते। मेरे हिसाब से खाने में मिर्ची, उत्तर भारत से अधिक थी। दो विदेशी महिलाओं के मुंह पर पसीना आ गया था तो खाते हुए,  मैंने  परोसने वालों से  पूछा,"खाने में इतनी ही मिर्च होती है!"एक ने जवाब दिया," देश-विदेश से लोग आ रहे हैं न, तो सबका ध्यान रखते हुए हमने मिर्च कम डाली है।"😃वे समझ गए तुरंत  छाछ लेकर आए और साथ में मिलेट की मिठाई। छाछ की मदद से उन्होंने बहुत स्वाद लेकर  खाया और चॉकलेट शेप की मिलेट स्वीट का आनंद उठाया।  उन्हें हर बात बहुत हैरान कर रही थी। मसलन पर्यावरण को ध्यान रखते हुए जो भी पत्तल प्लेट्स एक महिला ने देखी तो देखते ही कहने लगी, इसको साइड में रख दो। मैं इसे अपने देश में लेकर जाऊंगी। उसको सब हैंडीक्राफ्ट लगता। उसे वे  बड़ी खुशी से कहते हैं," हम आपके लिए हर वैरायटी का  पैकेट बना देंगे।" फिर वह और भी खुश हो जाती। पहले दिन ही भारत में लोकमंथन की आव भगत ने उनका दिल जीत लिया। 






नीलम भागी 

No comments: