30 मार्च,न.दि.- इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती,दिल्ली प्रांत (संबद्ध अखिल भारतीय साहित्य परिषद,न्यास) के पश्चिमी विभाग की ओर से वर्ष प्रतिप्रदा (हिन्दू नववर्ष) पर गोष्ठी नांगलोई के निहाल विहार में संपन्न हुई।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे दिल्ली प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.विनोद बब्बर,नांगलोई जिला परिवार प्रबोधन संयोजक और मुख्य अतिथि श्री विष्णु गोपाल,विशिष्ट अतिथि डॉ.रजनी मान,मंचस्थ अतिथि और उत्तम जिलाध्यक्ष श्री जितेंद्र सिंह,महामंत्री और पूर्णकालिक प्रचारक धर्म जागरण श्री राजेश भारद्वाज ,शिवराम पार्क नगर प्रौढ़ व्यवसाई प्रमुख श्री राजिंदर जी ,श्री पुनीत जी,श्री शिवकुमार जी ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
अतिथियों को अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ से स्वागत के बाद बाल कवयित्री महक ने सरस्वती वंदना से गोष्ठी का आरंभ किया।कवि अंश द्विवेदी ने वीर रस,लोक कवि बृजभूषण सिंह ने भोजपुरी में तथा युवा कवि रजनीश शुक्ला ने श्रृंगार रस में काव्यपाठ किया।
भजन सम्राट श्री अविनाश अद्वैत ने श्रीराम जन्मभूमि संघर्ष पर गीत गाया तो माहौल राममय हो गया।राजेश भारद्वाज ने देशभक्ति पर गीत गाया तो स्थानीय कवि हरिश्चंद शुक्ला ने सम सामयिक विषय हिंदू नववर्ष और बसंत ऋतु पर शानदार काव्यपाठ किया।
सुविख्यात शायर रमाशंकर शर्मा ने अवधी बोली में श्रृंगार के शेर सुनाए तो सबने प्रशंसा की।जितेंद्र सिंह के दोहों पर खूब तालियां बजीं।अखिलेश द्विवेदी ने सामाजिक एकता पर गीत सुनाते हुए कहा -
"चमन में एकता की बात यार करते हैं।
अमन और चैन के जज्बात - प्यार भरते हैं।" तो सबने प्रशंसा की।
डॉ.रजनी मान ने अपने संबोधन में हिंदू नववर्ष का महत्व और बच्चों को साहित्यिक वातावरण देने पर जोर दिया।उन्होंने बाल कवियों को प्रोत्साहन हेतु राशि भी प्रदान की।
विष्णु गोपाल जी ने हिंदू समाज में टूटती परिवार व्यवस्था पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उसे मजबूत बनाने पर जोर दिया और संस्कृति से जुड़ाव की बात कही।
डॉ.विनोद बब्बर ने वर्ष प्रतिप्रदा के महत्व और इसकी प्राचीन परंपरा को इंगित करते हुए भावी पीढ़ी को संस्कारयुक्त बनाने पर बल दिया।
गोष्ठी का संचालन पश्चिमी विभाग अध्यक्ष डॉ. अखिलेश द्विवेदी ने किया।उन्होंने अंत में सभी अतिथियों,कवियों और हिंदी प्रेमी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में 37 की संख्या थी।
रिपोर्ट - पिंकी द्विवेदी