प्रथम लेखक गणपति, शक्ति(लाल) समृद्धि(हरा) लाते हैं। और
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Monday, 31 August 2020
अगले बरस तूं जल्दी आ, गणपति बप्पा मोरया नीलम भागी Agley Baras Tu Jaldi Aa, Ganpati Bappa Morya Part 4 Neelam Bhagi
प्रथम लेखक गणपति, शक्ति(लाल) समृद्धि(हरा) लाते हैं। और
देवा ओ देवा गणपति देवा, गणपति बाप्पामोरया भाग 3 नीलम भागी Deva O Deva Ganpati Deva Neelam Bhagi




Sunday, 30 August 2020
हमारे कलाशिरोमणि गणपति बप्पा मोरया भाग 2 नीलम भागी Ganpati Bappa Morya Part 2 Neelam Bhagi



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Saturday, 29 August 2020
सजाया घर को दुल्हन सा, गजानन घर में आएं हैं Ganpati Bappa Morya Neelam Bhagi Part 1 गणपति बाप्पामोरया भाग 1 नीलम भागी


कई दिन पहले जगह जगह लगी अस्थाई दुकानों में बरसात से बचाते हुए, हर साइज के गणपति सजे हुए थे। लोगों की श्रद्धा के कारण मुझे तो मुम्बई में इन दिनों भक्ति भाव का माहौल लग रहा था और महानगर गणपतिमय था।
हमारी सोसाइटी में बड़ी जगह का इंतजाम किया गया था| उसके लिए कुछ गाड़ियों को दूसरी जगह पार्किंग दी गई। गणपति के लिए वाटर प्रूफ मंदिर बनाया, स्टेज़ बनाई गई और बैठने की व्यवस्था की गई। सभी फ्लैट्स में गणेश चतुर्थी से अनंत चतुदर्शी तक होने वाले बौद्धिक भाषण, कविता पाठ, शास़्त्रीय नृत्य, भक्ति गीत, संगीत समारोह, लोक नृत्य के कार्यक्रमों की समय सूची पहुंच गई थी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मैं सूची पढ़ती जा रही थी और अपनी कल्पना में, मैं तिलक की आजादी की लड़ाई से इसे जोड़ती जा रही थी। इनके द्वारा ही समाज संगठित हो रहा था, आम आदमी का ज्ञान वर्धन हो रहा था और छुआछूत का विरोध हो रहा था। गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या को सब तैयार होकर गणपति के स्वागत में सोसाइटी के गेट पर खड़े हो गए।
ढोल नगाड़े बज रहे थे और सब नाच रहे थे। गणपति को पण्डाल में ले गए। अब सबने जम कर नाच नाच कर, उनके आने की खुशी मनाई। आवाहन से लेकर विर्सजन तक श्रद्धालु, आरती, पूजा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लगभग सभी उपस्थित रहते। गणपति को कभी अकेला नहीं छोड़ा जाता था। गीता को तो इन दिनों घर में रहना पसंद ही नहीं था। यही हाल उसके हम उम्र सब बच्चों का था। मांए खींच खींच कर इन्हें घर में खिलाने पिलाने लातीं, खा पीकर बच्चे फिर पण्डाल में। रात को ये नन्हें दर्शक, जो प्रोग्राम यहां देखते, दिन में गर्मी की परवाह किए बिना वे उसकी नकल दिन भर स्टेज पर करते। सभी बच्चे इस समय कलाकार होते। दर्शकों की उन्हें जरुरत ही नहीं थी। मुझे बच्चों के इस कार्यक्रम में बहुत आनंद आता। क्रमशः
Sunday, 23 August 2020
देखो, मगर प्यार से"😃ट्रक के यात्री नीलम भागी Dekho , Mager Pyar Se, truck ke yatri Neelam Bhagi

’हंस मत पगली, प्यार हो जायेगा।’
ऐसे न देखो, प्यार हो जायेगा,
देखो मगर प्यार से,
फिर कब मिलोगे!!
चल हट कोई देख लेगा,
हम हैं राही प्यार के, प्यार बांटते चलो,
जैसी भी है मेरी है,
बुलाती है मगर जाउंगा नहीं, मैं तो इसे ही चलाउंगा,
’नाली में पैर डालोगी, धोना ही पड़ेगा। ड्राइवर से प्यार करोगी, रोना ही पड़ेगा।’
धीरे चलोगे तो बार बार बात होगी, तेज चलोगे तो हऱिद्वार में मुलाकात होगी।
जिन्हें जल्दी थी, वो चले गए।
सावधानी हटी, सब्जी़ पूड़ी बटी।
भगा ले चाहे जितना, आसमां से मिला दूंगी। जरा सा हाथ बहका तो मिट्टी में मिला दूंगी।
रानी बनाकर रख, राजा बना दूंगी।
लटक मत, पटक दूंगी।
हट पीछे नही तो लात मार दूंगी।
हम दो हमारे दो
We 2 Our 2
हम दो हमारा एक
आपको बेटा चाहिए या बेटी
बच्चे दो ही अच्छे
एक गर्लफ्रैंड सौ टैंशन।
सौ गर्लफैंड नो टैंशन।
दुल्हन ही दहेज़ है, दहेज लेना पाप हैं,, ये आज तक समझ नहीं आया, आदमी शादी किससे करे!!
P.K. 100 जा
Keep Distance
बजा होरन, निकल फोरन।
दम है तो पास कर वरना बरदासकर।
जय मां काली।
पहले जय माता दी बोलो, बाद में खिड़की खोलो।
न तीर से न तलवार से, बंदा डरता है तो आर.टी.ओ. की कार से।
हजारों देशवासियों ने जान लुटाई थी, कौन कहता है कि चरखे से आजादी आई थी।
मेरा देश महान, सौ में निन्यानवे बेईमान।
अमीरों की जिंदगी बिस्कुट और केक, ड्राइवर की ज़िदगी स्टिेयरिंग और ब्रेक।
56 के फूल 64 की माला, बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला।
बुरी नज़र वाले, तूं ज़हर खा ले।
बुरी नज़र वाले तेरे बच्चे जिएं, बड़े होकर तेरा खून पिएं।
बुरी नज़र वाले, तेरे मुंह पर जूते पड़ें साले।
ना किसी की बुरी नज़र न किसी का मुंह काला, सबका भला करेगा नीली छतरी वाला।
किस किस की नज़र को देखें हम सब की नज़र में रहते हैं।
किस्मत ही कुछ ऐसी पाई है, हर वक्त सफ़र में रहते हैं।
पाप से डरो, पापी से नहीं।
पप्पु पास हो गया।
चलती है गाड़ी, उड़ती है धूल, जलते हैं दुश्मन खिलतें हैं फूल।
मालिक की गाड़ी, ड्राइवर का पसीना, रोड पे चलती हूं बन के हसीना।
दस रूपये की पैप्सी, तेरा भाई सैक्सी।
प्यार बांटते चलो।
भांग मांगे रबड़ी, अफीम मांगे घी।
शराब मांगे जूते, सोच समझ के पी।
When I drink...., U look more beautiful.
If u follow me, u will get lost
A देख K
बहुत हसीन हैं पहाड़ों की राहें, पर खाइयां डरा देती हैं।
भाइयों में बड़ा प्यार होता है, पर भाभियां लड़ा देती हैं।
मुझे पल भर का आराम नहीं
मेरी मंजिल सुबह कहीं, शाम कहीं
टैम्पू पर लिखा है -मैं बड़ा होकर ट्रक बनूंगा
यारी पक्की, खर्चा अपना अपना
समय से पहले और भाग्य से ज्यादा
न किसी को मिला है न मिलेगा
या अल्लाह मुझे अपनों से बचा, गैरों से तो मैं निपट लूंगा।
Jasbir Singh Bhagi ji Ne bhe truck se 🚛 Lee hai (Jalo mat kisto par aye hoon😂
Chalti yaara de Ghari hai Sardara de nai Ghadi te likha hai Hatt peache jarra purani ho jai Boori nazar wale tera muh kala jayada purani Chal rani tera rabh rakha
Peeti aa ta so ja khaadi (afeem) te aaja
कोरोना डरता है वैक्सीन की मार से"
—-
"मैं खूबसूरत हूं मुझे नजर न लगाना
जिंदगी भर साथ दूंगी, वैक्सीन जरूर लगवाना"
—-
"हंस मत पगली, प्यार हो जाएगा
टीका लगवा ले, कोरोना हार जाएगा"
—-
"टीका लगवाओगे तो बार-बार मिलेंगे
लापरवाही करोगे तो हरिद्वार मिलेंगे"
—-
"यदि करते रहना है सौंदर्य दर्शन रोज-रोज
तो पहले लगवा लो वैक्सीन के दोनों डोज"
—-
"टीका नहीं लगवाने से
यमराज बहुत खुश होता है।"
—
"चलती है गाड़ी, उड़ती है धूल
वैक्सीन लगवा लो वरना होगी बड़ी भूल"
—-
"बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला
अच्छा होता है वैक्सीन लगवाने वाला"
—-
"कोरोना से सावधानी हटी,
तो समझो सब्जी-पूड़ी बंटी"
—-
"मालिक तो महान है, चमचो से परेशान है।
कोरोना से बचने का, टीका ही समाधान है।"
जब भी मुझसे कोई गलती होती है, तो पछताने के समय मेरे मुँह से ट्रक के पीछे लिखी चेतावनी, अपने आप निकल जाती है, जैसे किसी वेदपाठी के मुँह से एैसे मौके पर श्लोक निकलता है जैसे नेकी कर और जूते खा। मैंने भी खाएं हैं, तूं भी खा।
Saturday, 22 August 2020
ओपन ब्यूटी पार्लर, ओपन हेयर कटिंग सैलून और कौशल विकास नीलम भागी Open Beauti parlour Open Hair Cutting Salon & Skill Development Neelam Bhagi
मेरे घर के आस पास से गुजरने वाली सभी बाइयों की आई ब्रो हमेशा तराशी हुई रहती हैं और बहुत बढ़िया शेप दी हुई होती है। देख कर ऐसा लगता है जैसे किसी ने ब्रश से सधे हुए हाथों से काले रंग से खींची हो। ये प्रश्न दिमाग में उठ खड़ा हुआ कि पता लगाती हूं कि ये कौन से पार्लर से थ्रैडिंग करवाती हैं? वॉक के लिए सेक्टर का चक्कर लगाती हूं तो घूर घूर कर बाइयों की आइब्रो ही देखती रहती हूं। सभी की लाजवाब शेप। अक्सर शाम के समय मैं देखती हूं कि जिन कामवालियों ने बाल कटवा रखे हैं, अब उन्होंने खोल रखे थे। किसी का पति किसी का बॉयफ्रैंड, उनका मोटरसाइकिल पर इंतजार कर रहा था। वे उस पर बैठतीं और हवा में बाल उड़ाती चल पड़तीं। एक दिन मैंने अपनी मेड से पूछ ही लिया,’’अरुणा तेरी आइ ब्रो कौन बनाता है?’’उसने जवाब दिया,’’दीदी मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है वो बनाती है।’’ साथ ही उसकी कहानी सुनानी शुरु कर दी,’’ दीदी वो न एक पार्लर में सफाई के काम पर लगी थी। सुबह जाती थी, रात को आती थी। कपड़े भी बढ़िया पहन कर जाना पड़ता था। पैसे बहुत कम मिलते थे। वहां वो सब काम देखती रहती थी। मंगल की छुट्टी रहती को वह सबके बाल मुफ्त में काटती थी और जो उससे आई ब्रो बनवाता था, उसे वो दस का नोट देती थी। दीदी खराब आइब्रो लेकर कौन महीना भर घूमेगा? हमारी झुग्गियों के छोटे लड़के लड़कियां पैसे के लालच में बनवा लेते थे कि आइब्रो का क्या है? फिर बाल आ जायेंगे। दस का नोट तो मिल रहा है। जब वो बढ़िया बनाने लगी तो हम पैसे देकर बनवाने लगे। अब वो तीन घरों में दो टाइम का खाना बनाती है। जो पार्लर का काम करवाना चाहे कर देती है। एक दिन ऐसे ही किसी को धोबी के ठिए के साथ काम करते देखकर, अरुणा की सुनाई कहानी याद आ गई। अच्छा लगा देख कर कि खुद भी संवरतीं हैं और दूसरों को भी संवारती हैं। ऐसे ही...
मार्किट से बाहर एक पेड़ के नीचे ओपन हेेयर कटिंग सैलून तो मैंने देखा है। जिसमें पेड़ में कील गाड़ कर शीशा लटक रहा था। बाकि का सामान भी तने में गढ़े हुकों पर लटका रहता है। उसके बाजू में बस स्टैण्ड है। उसकी चमचमाती नई सीटों पर जैंट्स ही बैठे होते हैं। एक दिन मैं भी जानकारी अर्जित करने के लिए बस स्टैण्ड पर जाकर बैठ गई। जो लड़का नाई की कुर्सी पर बैठता, वह पहले उसे मोबाइल से हेयर कट दिखाता फिर पूछता ऐसा ही चाहिए। नाई बोलता,’’हो जायेगा, ये तो अमुक हीरो का है।’’अब लड़का अगला प्रश्न उछालता,’’मुझ पर जचेगा।’’नाई जवाब देता,’’साब, कटिंग बिल्कुल ऐसी ही करुंगा। ये तो कटिंग के बाद आइना बतायेगा, बोलो काटूं!!’’उसके हां कहने पर वह बड़ी लगन से काटने लगता है। वहां बैठे लड़के आने वाली बसों को न देख कर नाई को बाल काटता देख रहे थे यानि अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे, ओपन हेयर कटिंग सैलून में बाल कटवाने के लिए। अब मैं उठ कर घर जा रही हूं साथ ही सोचती जा रहीं हूं कि इनका कौशल विकास तो इनकी परिस्थितियों ने कर दिया है।
Tuesday, 4 August 2020
अभी मास्क फिर सिलेण्डर Abi Mask Fir Cylinder Neelam Bhagi नीलम भागी


Sunday, 2 August 2020
करोंदे के देर से आने का कारण Craneberry, Karonde ke Dher se Aane ka Karan Neelam Bhagi नीलम भागी



Saturday, 1 August 2020
उनके मन में सफाई कर्मचारियों के प्रति श्रद्धा हो आई unke man mein safai kermchario ke prati shradha ho aye Neelam Bhagi नीलम भागी
