हुसैन सागर झील सबसे पुरानी एशिया की सबसे बड़ी झील है। हजरत हुसैन शाह अली ने 1562 में शहर की सिंचाई के उद्देश्य से इसका निर्माण करवाया था। आज यह तेलंगाना टूरिज्म का बहुत ही आकर्षक स्थल है। शहर के मध्य में दिल के आकार की इस झील के आसपास के क्षेत्र को, आवासीय और वाणिज्य के उद्देश्य के लिए विकसित किया गया है। इसके पास ही कुछ दूरी पर बिरला मंदिर, स्नो वर्ल्ड, एनटीआर गार्डन और प्लेनेटोरियम है। यह मछली संस्कृति के लिए उपयोगी है। पानी के खेल, नाव यात्रा आयोजित किए जाते हैं। डैम की देवी कट्टा मैसम्मा का प्राचीन मंदिर स्थित है। यहां का लुंबिनी पार्क 7.5 एकड़ में यह मल्टीमीडिया संगीत में फव्वारों के लिए प्रसिद्ध है। मूसा नदी की सहायक नदी से बनाई, इस झील में 1992 में बुद्ध की 18 मीटर, 350 से 450 टन की ग्रेनाइट की मूर्ति है। जिसका अनावरण दलाई लामा ने किया था। झील की लंबाई 3.2 किलोमीटर, चौड़ाई 2.8 किलोमीटर और गहराई 32 फिट है। यहां पहुंचने के मार्ग को नेकलेस रोड कहते हैं जो बहुत खूबसूरत है। लोकमंथन 20 24 भाग्यनगर जाने पर इसे देखा।
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