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Tuesday, 26 November 2024

भारत की महक का आनंद!!🙏 नीलम भागी

 


राष्ट्र की संस्कृति को लेकर आयोजित लोकमंथन 20 24 भाग्य नगर में शामिल होने के लिए जब मैं एयरपोर्ट पहुंची तो वहां पर विदेश से आए ग्रुप भी मेरी फ्लाइट में थे। बेल्ट से सामान उठते समय भी  कोई हाय हेलो नहीं थी।  कार्तिक ने पिकअप के लिए हमें एक जगह बिठाया तो परिचय हो गया। होटल के लिए एक ही बस में बैठे बस  हाइटेक सिटी हैदराबाद की ओर चल दी। मेरे आगे आयोवा और साइड में ईवा बैठी थीं। ये आर्मेनिया और लिथुआनिया से थीं। बस चलते ही अपनी भाषा में बहुत सुंदर गाने लगी। पहले तो मैं इनकी भाषा ना जानते हुए भी, इनकी खुशी में गाए हुए गीत के भाव को समझते हुए, आनंद उठाती रही फिर मैं उठकर वीडियो बनाने लगी , ईवा तो हंस कर चुप हो गई। शाम को ठंड हो गई थी। मैंने आयोवा  से कहा, खिड़की बंद कर लो। उसने जवाब दिया मैं भारत में आई हूं। मैं यहां की आवाज को, हवा को और जो यहां कि महक आ रही है, खिड़की खोलने से  सबको महसूस करते हुए आनंद उठा रही हूं। यह सुनकर मैं उस भाव को लिख नहीं सकती जो मैंने महसूस किया।




Wednesday, 20 November 2024

अच्छे लोगों के काम की प्रशंसा तो होनी ही चाहिए नीलम भागी





 


हैदराबाद लोकमंथन के लिए समय से काफी पहले एयरपोर्ट पहुंचे गई। सिक्योरिटी जांच  के बाद पर्स और इन्हेड सामान उठाकर इंडिगो उड़ान संख्या 6E5198 के लिए गेट नंबर 51 पर टहलते हुए पहुंची। समय खूब है।  सुबह से मोबाइल देखा नहीं था। मोबाइल देखने का सोचा तो मोबाइल था ही नहीं! पर्स अच्छी तरह देखा। मोबाइल नहीं! याद आया कि मैंने सिक्योरिटी जांच में ट्रे में से पर्स उठा कर, जल्दी में मोबाइल ट्रे में छोड़ दिया। 51 नंबर गेट पर रोमन जी बैठी थी। मैंने उनसे कहा कि मेरा मोबाइल छूट गया है सिक्योरिटी में। अपना बैग  मैं यहां छोड़ जाऊं। उन्होंने मुझे तसल्ली दिया कि आपके पास समय है। सामान आप सामने सीट पर रख दीजिए, मैं बैठी हूं। मैं घबराई हुई चल दी।  रास्ते में कोई भी बग्गी नहीं मिली। दो पोर्टल सर्विस वाले मिले उनसे मैंने पूछा कितनी दूर है सिक्योरिटी? मैं आगे निकल गई थी वे वापिस  मेरे साथ आकर 27 नंबर से मुझे रास्ता समझा कर वे गए। सिक्योरिटी में  वहां पर हंसराज यादव जी से मैंने बात की। उन्होंने मुझे यह नहीं कहा कि आप हेल्प डेस्क पर जाइए बल्कि मेरे साथ हेल्प पर पहुंचे और मेरे सामने मोबाइल ऑन करवाया और फटाफट अपनी ड्यूटी पर जाकर बैठकर गए। वहां पता चला मोबाइल में बार-बार कॉल आ रही थी तो ट्रे में मेरा मोबाइल देखकर संभाल लिया। कॉल देखी तो हमेशा की तरह हमारे राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य जी की कॉल थी। उन्हें कॉल बैक की। हमेशा की तरह उन्होंने   जानकारी  ली । मैंने बता दिया कि लोकमंथन हैदराबाद  से फोन आ गया है अभी कि कहां से पिकअप होगा। अभिषेक अपने रास्ते पर जाते हुए भी मेरे पूछने पर तुरंत बागी मोड़ कर ले आए और मुझे बिठाया। और गेट नंबर 51 पर छोड़ दिया। इतना कोऑपरेटिव स्टाफ देखकर बहुत अच्छा लगा। रोमन कहने लगी," मैंने आपको तुरंत इसलिए भेजा था एक घंटे के ऊपर हो जाता है तो मोबाइल जमा हो जाता है। मिल  तो जाता पर थोड़ा प्रोसेस लंबा हो जाता है। और मैं सोच रही थी कि अगर मोबाइल न मिलता तो मैं क्या करती! क्योंकि मुझे तो कोई मोबाइल नंबर भी नहीं याद। इसी में मेरी टिकट बगैर है और पहली बार हैदराबाद जा रही थी। पोर्टल वालों का नाम पूछना गई। और मैं हैदराबाद पहुंच गई लोक मंथन के लिए ।