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Friday, 21 February 2025

सरस आजीविका मेला 2025 का शुभारंभ:

 


31 राज्यों के उत्पादों की बिक्री के साथ शुरू हुआ मेला** 

*20 राज्यों के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे लोग*  

*देशभर से 400 से अधिक लखपति दीदियां बनीं मेले की खास मेहमान* 

*सरस आजीविका मेला 2025 में पहले दिन हिमाचली एवं ग्रुप डांस की प्रस्तुति पर झूमे नोएडावासी*

 नोएडा में पांचवीं बार परंपरा, कला एवं संस्कृति का मनोरम माहौल और लखपति स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) दीदियों की निर्यात क्षमता के विकास की थीम के साथ सरस आजीविका मेला 2025 का शुभारंभ 21 फरवरी, शुक्रवार से हुआ। यह मेला 10 मार्च 2025 तक नोएडा के सेक्टर-33ए स्थित नोएडा हाट में आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के समर्थन से आयोजित इस मेले में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है।  

21 फरवरी से 10 मार्च 2025 तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा हाट में 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार शामिल हैं, जो परंपरागत हस्तकला, ग्रामीण संस्कृति और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। इसके साथ ही मेले में 85 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।  

*इंडिया फूड कोर्ट: 20 राज्यों के क्षेत्रीय व्यंजनों का स्वाद*

इस बार सरस आजीविका मेले में इंडिया फूड कोर्ट एक प्रमुख आकर्षण है। इसमें देशभर के 20 राज्यों की 80 उद्यमी गृहणियों ने अपने-अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टॉल लगाए हैं। इन स्टॉल्स पर हर प्रदेश के व्यंजनों का अनोखा स्वाद लोगों को आनंदित कर रहा है। इसके अलावा, देशभर से 400 से अधिक लखपति दीदियां इस मेले की खास मेहमान बनी हुई हैं।  

*हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की भरमार : चिरंजी कटारिया*

पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के चिरंजी कटारिया ने बताया कि सरस आजीविका मेला 2025 में हथकरघा, साड़ी और ड्रेस मटेरियल से जुड़े कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन शामिल हैं। इनमें आंध्र प्रदेश की कलमकारी, असम का मेखला चादर, बिहार की कॉटन और सिल्क साड़ी, छत्तीसगढ़ की कोसा साड़ी, गुजरात का भारत गुंथन और पैचवर्क, झारखंड की तसर सिल्क और कॉटन साड़ी, मध्य प्रदेश के चंदेरी और बाग प्रिंट, मेघालय के इरी उत्पाद, ओडिशा की तसर और बांधा साड़ी, तमिलनाडु की कांचीपुरम साड़ी, तेलंगाना की पोचमपुरी साड़ी, उत्तराखंड की पश्मीना, कथा, बाटिक प्रिंट, तांत और बालुचरी तथा पश्चिम बंगाल के विभिन्न उत्पाद शामिल हैं।  

*हस्तशिल्प, ज्वेलरी और होम डेकोर उत्पाद* 

मेले में हस्तशिल्प, ज्वेलरी और होम डेकोर उत्पादों की भी भरमार है। इनमें आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वेलरी, असम के वाटर हायसिंथ हैंडबैग और योगा मैट, बिहार की लाह की चूड़ियां, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट, छत्तीसगढ़ के बेल मेटल उत्पाद, गुजरात के मिरर वर्क और डोरी वर्क, हरियाणा के टेराकोटा उत्पाद, झारखंड की ट्राइबल ज्वेलरी, कर्नाटक के चन्नापटना खिलौने, ओडिशा के सबाई ग्रास उत्पाद और पटचित्र, तेलंगाना के लेदर बैग, वॉल हैंगिंग और लैंप शेड्स, उत्तर प्रदेश के होम डेकोर उत्पाद और पश्चिम बंगाल के डोकरा क्राफ्ट, सितल पट्टी और विविध उत्पाद शामिल हैं।  

*प्राकृतिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता*

मेले में प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के स्टॉल भी लगाए गए हैं। इनमें अदरक की चाय, दाल कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार जैसे उत्पाद उपलब्ध हैं। साथ ही, बच्चों के मनोरंजन के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।  

### **सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद**  

मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी भरपूर आनंद उठाया जा सकता है। पहले दिन अंशु आर्ट्स के हिमाचली नृत्य और सत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन के ग्रुप डांस की प्रस्तुति पर नोएडावासी झूम उठे।  

## **ग्रामीण विकास मंत्रालय की पहल**  

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह मेला एक विशेष मुहिम के तहत आयोजित किया है, जिसका उद्देश्य हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। मेले के दौरान देशभर के 31 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की जा रही है। 

 इस अवसर पर पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के सुधीर कुमार सिंह और सुरेश प्रसाद सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने मेले की व्यवस्थाओं में पूर्ण सहयोग दिया।














Thursday, 15 February 2024

सरस आजीविका मेला 2024*

 


*पर्यटन, परंपरा, कला एवं संस्कृति के मनोरम माहौल थीम की रहेगी धूम**नोएडा हाट सेक्टर 33A,Noida में 16  फरवरी से 04  मार्च तक आयोजित होगा

*देशभर के हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प के उत्कृष्ट उत्पादों की बिक्री एवं सह प्रदर्शनी के साथ मशहूर व्यंजनों का उठायेंगे लुत्फ*

*28 राज्यों के हस्त निर्मित उत्पादों की रहेगी धूम*

नोएडा।नोएडा में चौथी बार पर्यटन, परंपरा, कला एवं संस्कृति का मनोरम माहौल थीम के साथ, 16  फरवरी से लेकर 04  मार्च 2024  तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2024  का आयोजन, सेक्टर 33 के नोएडा हाट में किया जा रहा है। 

   उक्त विषय में प्रैस वार्ता के दौरान स्वाति शर्मा , संयुक्त  सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय,भारत सरकार, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम जिलाधिकारी मनीष वर्मा  तथा चिरंजीलाल कटारिया ने विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2024  में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जाएगा। 16  फरवरी से 04  मार्च 2024  तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा के नोएडा हाट में मौजूद क़रीब 28  राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा,  हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही 85 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं। इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। मेले में बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद रहेंगे। मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग लेंगे। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पारदर्शिता को देखते हुए इस सरस आजीविका मेले में स्वयं सहायता समूहों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन / नोमिनेशन की व्यवस्था की गई है। मेले में बी. सी. सखी व झारखंड की पत्रकार दीदियों की भी भागीदारी रहेगी। स्वाति शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री का सपना 02 करोड़ दीदियों को लखपति घोषित करने का है जबकि लक्ष्य 10 करोड़ दीदियों का है। हम सभी दीदियों को राष्ट्रिय स्तर पर प्लेटफार्म देना चाहते हैं। 

  जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने कहा हमारे देश की महिलाओं मैं बहुत सारे हुनर हैं। जो आपको सरस मेले के माध्यम से नोएडा हॉट में देखने को मिलेंगे। महिला सशक्तिकरण के साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का सर्कार का उद्देश्य है। इस अवसर पर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सभी को सहयोग करना चाहिए नोएडावासियों का सौभाग्य है कि केंद्र सर्कार के सरस मेले का आयोजन नोएडा हॉट में हो रहा है।  जिसमे उन्हें 28 राज्यों के महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद देखने को मिलेंगे।

*इंडिया फूड कोर्ट सरस* आजीविका मेले में इस बार महत्त्वपूर्ण इंडिया फ़ूड कोर्ट में देश भर के 20 राज्यों की 80 (उद्धमी) गृहणियों का समूह अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाएंगी जिसमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त होगा। राजस्थानी कैर सागरी गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व ज्वार के लड्डू बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान मौजूद रहेंगे। 

*हैंडलूम* सरस आजीविका मेला 2024 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो हैंडलूम, साड़ी और ड्रेस मेटिरियल में विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं- टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, काथा की साड़ियां, राजस्थानी प्रिंट, चंदेरी साड़ियां। हिमाचल उत्तराखंड के ऊनी उत्पाद व हैंडलूम के विभिन्न उत्पाद,  झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य सहित मेले में पूरे भारत की ग्रामीण संस्कृति के विविधता भरे उत्पाद प्रदर्शित होंगे।

*हैंडीक्राफ्ट* इसके साथ ही हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा, का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना, सबाईग्रास प्रोडक्टस, पटचित्र आनपाल्मलीव ओडिशा, तेलंगाना से लेदर बैग, वाल हैंगिंग और लैंप सेड्स, उत्तर प्रदेश से होम डेकोर, और पश्चिम बंगाल से डोकरा क्राप्ट, सितल पट्टी और डायवर्सीफाइड प्रोडक्ट्स ये सभी रहेंगे। साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद होंगे। प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप्ा में अदरक, चाय, दाल कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध रहेंगे। साथ ही मेले में बच्चों के मनोरंजन का भी पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लोग भरपूर आनंद उठा पाएंगे।

सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं न केवल आजीविका के अवसर सृजन कर रही हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण देश के सामने पेश कर रही हैं। यह निश्चित रूप से आजीविका यात्रा में एक मील का पत्थर है। वहीं, मेले मै सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। साथ ही जगह जगह सेनिटाइजेशन का भी इंतजाम किया गया है। 


*महिला सशक्तिकरण के लिए मोदी एवं योगी की पहल सराहनीय : अफसाना*

नोएडा। उत्तर प्रदेश के रामपुर से महर्षि स्वयं सहायता समूह की संचालिका अफसाना ने यहां मेले में अपना स्टॉल लगाया है। उनका कहना है कि महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर देश के प्रधानमंत्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की पहल सराहनीय है। उन्होंने बताया कि उनके समूह से 11 महिलाएं जुड़ी हैं, जो अपना  खुद का काम कर रही हैं। सरकार ने हमें एक मंच देकर स्वाबलंबी बनाया है, यही महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है। वहीं दीपा रावत ने बताया की समूह से जुड़ने के बाद आज उनका खुद का मकान बनाने का सपना पूरा हुआ है। हम लोग आत्मनिर्भर हो रहे है।#Saras,#सरस








Thursday, 23 February 2023

सरस आजीविका मेला नीलम भागी SARAS Aajeevika Mela 2023 Showcasing Crafts From Rural India Neelam Bhagi

 




देश की संस्कृति से रुबरु करवाता सरस आजीविका मेला 2023 नोएडा हाट सेक्टर 33ए में आयोजित किया  है। 17 फरवरी से 5 मार्च तक 11ः00 बजे से रात 9.30 बजे तक पर्यटन, परंपरा, कला एवं संस्कृति का  मनोरम माहौल थीम के साथ हम इसका आनन्द सपरिवार और मित्रों के साथ उठा सकते हैं।
इसमें मुख्य रुप से शिल्प कलाओं का प्रर्दशन है। 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकारों की उपस्थिति है और उनके हुनर से बना उत्कृष्ट प्रर्दशन जो हैंडलूम, साड़ी और ड्रैस मैटीरियल में  विभिन्न राज्यों से हैं, वो इस प्रकार हैं-आंध्र प्रदेश से कलमकारी, ज्वेलरी, आसाम से मेखला चादर, बिहार से कॉटन और सिल्क, छत्तीसगढ़ से कोसा साड़ी, गुजरात से भारत गुंथन और पैच वर्क, झारखंड से तसर और कॉटन, सिल्वर ज्वेलरी, दुपट्टे, ड्रैस मैटीरियल, कर्नाटक से इकत, मध्य प्रदेश से चंदेरी और बाग प्रिंट, मेघालय से इरी प्रोडक्ट्स, ओडिसा से तासर और बांदा, तमिलनाडु की कांचीपुरम तो तेलंगाना की पोचमपल्ली, उत्तराखंड से पश्मिना, कांथा, बातिक प्रिंट, तात और बालुचरी पश्चिम बंगाल से। फुलकारी, बाग बूटी के लिए पंजाब नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि सरस आजीविका मेले में 27 राज्यों के 200 स्टाल में देश के ग्रामीण इलाकों की हुनरमंद महिलाओं के हुनर का प्रोडक्ट आया है। ये मेला उनके बनाए सामान को मार्केटिंग प्लेटफॉर्म देता है। सरस मेले से राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंर्तगत  ग्रामीण महिला अपने हुनर से सशक्त होती है क्योंकि उसका प्रोडक्ट शहरों के उपभोक्ताओं तक पहुंचता है। 
ये हुनरमंद सृजन करना जानते हैं पर उत्पादन का प्रचार करना नहीं जानते हैं। यहां इनके लिए वर्कशॉप लगी। जिसमें इन्हे सोशल मीडिया से उत्पादन का प्रचार करना, कुछ तो केवल अपने क्षेत्र की भाषा ही जानते हैं, उन्हें और बाकियों को भी कम्यूनिकेशन स्किल सिखाना, फोटोग्राफी आदि सिखाया जाता है।
इसके साथ ही 27 राज्यों के हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट आदि भी एक ही स्थान पर ले सकते हैं। फूड प्राडक्ट के स्टाल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ बच्चों के मनोरंजन का पुख्ता इंतजाम है।
मेले में प्रतिदिन लाजवाब सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन है। Free entry, Free Parking है ।
इस बार  इंडिया फूड कोर्ट में देशभर के 20 राज्यों की 80 महिला उद्यमी ग्रहणियों के समूह ने अपने प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों का स्टाल लगाया है, जिसमें उनके प्रदेश का ही स्वाद मिलेगा। मसलन बंगाल की फिशकरी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व ज्वार के लड्डू बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान मौजूद हैं। 01 मार्च से 05 मार्च तक मिलेट्स फीस्ट(Millet Feast) का भी आयोजन किया जाएगा।
हैंडलूम सरस आजीविका मेला 2023 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो हैंडलूम, साड़ी और ड्रेस मेटिरियल में विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं- टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, काथा की साड़ियां, राजस्थानी प्रिंट, चंदेरी साड़ियां। हिमाचल उत्तराखंड के ऊनी उत्पाद व हैंडलूम के विभिन्न उत्पाद,  झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य सहित मेले में पूरे भारत की ग्रामीण संस्कृति के विविधता भरे उत्पाद प्रदर्शित हैं।
हैंडलूम, इसके साथ ही हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी( लहठी), मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना, सबाईग्रास प्रोडक्टस, पटचित्र आनपाल्मलीव ओडिशा, तेलंगाना से लेदर बैग, वाल हैंगिंग और लैंप सेड्स, उत्तर प्रदेश से होम डेकोर, और पश्चिम बंगाल से डोकरा क्राप्ट, सितल पट्टी और डायवर्सीफाइड प्रोडक्ट्स । साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद हैं। प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाले, कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध हैं। साथ ही मेले में बच्चों के मनोरंजन का भी पुख्ता इंतजाम किया है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लोग भरपूर आनंद उठा रहें हैं।


सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं न केवल आजीविका के अवसर सृजन कर रही हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण देश के सामने पेश कर रही हैं। यह निश्चित रूप से आजीविका यात्रा में एक मील का पत्थर है।
वहीं, मेले में  सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। साथ ही जगह जगह सेनिटाइजेशन का भी इंतजाम किया गया है। लेडीज टॉयलेट एकदम साफ-सुथरे हैं और लगातार सफाई की जाती है। मेले में भी सफाई व्यवस्था उत्तम है। बीच-बीच में बैठने की भी व्यवस्था है।
सरकार ने हुनरमंद महिलाओं को एक मंच देकर स्वाबलंबी बनाया है, यही महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है।












मेले की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है     पर मेले से बाहर आते ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था उचित नहीं है। चौड़ा मोड, 12, 22 से मेले में आना तो बहुत आसान है पर लौटते समय यहां पहुंचना उतना आसान नहीं है।