खाने के बाद सौंफ चबाना अच्छा लगता है। इसी सौंफ को जब उगाया तो और भी अच्छा लगा। कारोना काल में घर से बाहर न जाने के कारण गार्डिनिंग में मेरी बहुत रुचि हो गई है। इसलिए सौंफ भी थोड़ी सी उगा ली। जिसके बारीक पत्ते देखने में भी बहुत सुन्दर लगते और माउथफ्रेशनर का भी काम करते हैं। इसमें कोई कीड़ा नहीं लगता न ही ज्यादा देखभाल की जरुरत है। मेरी सहेली जब चिकन और फिश बनाती है तो इसके पत्ते मांग के ले जाती है। उसका कहना है कि धनिए की तरह इसकी पत्तियां चिकन और फिश में डालने से वह बहुत लजी़ज़ बनता है। आप खाती नही, ंतो आप कैसे जानोगी भला! पर मैं गुड़ की चाय और गुड़ के गुलगुलों में इसको बारीक काट कर डालती हूं जिससे वह बहुत स्वाद बनते हैं। पहले मैं उसमें सौंफ पीस कर डालती थी।
हुआ यूं कि मेरे आंगन में पड़ों के पत्ते बहुत गिरते हैं। मैं उन्हें आटे की खाली दस किलो की थैली में भरती रहती हूं। भरने पर कंपोस्ट के लिए डाल देती हूं। सितम्बर में मैंने इसी थैली का ग्रो बैग बना कर उसमें पत्तों को ठूस कर छत पर ले गई। अब इस पर 6’’ पॉटिंग मिक्स भर कर दबाया। पॉटिंग मिक्स 50% मिट्टी, 40% वर्मी कंपोस्ट बाकि रेत और नीम की खली से तैयार किया। मिट्टी डाल कर अच्छी तरह दबाने के बाद इस पर दूर दूर सौंफ बिखेर दी और उसे इस मिट्टी से ढक दिया और अच्छे से पानी दे दिया और धूप में रख दिया। सात से दस दिन में काफी अंकुरण हो गया। कुछ पौधों को निकाल कर माइक्रोग्रीन की तरह सलाद मेें इस्तेमाल कर लिया। बाकि बढ़ते रहे ये वैसे ही चबाने में बहुत अच्छे लगते हैं। बढ़ने का तो इन्हें मौका ही नहीं मिला क्योंकि जब जरुरत होती ऊपर से काट लेती।
अब इनमें फूल आ गए हैं।
इस बार इन्हें कम से कम 10’’ के गमलों में एक गमले में 3 या 4 सौंफ डाल बोउंगी और आपके साथ शेयर करुंगी ताकि आप भी कैल्शियम, मैग्निशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक और आयरन से भरपूर ताज़ा माउथफ्रैशनर उगायें।
एक मिनट में मुफ्त का ग्रो बैग बनाने के लिए लिंक
https://youtu.be/RsfCymsbTDk