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Thursday, 9 April 2020

Lockdown Hairstyles मेरा घर वाला, चमकते चांद वाला। लॉकडाउन हेयर स्टाइल!! नीलम भागी Neelam Bhagi


हुआ यूं कि मुझे श्वेता का फोन आया। वह बोली,’’आपको अंकुर का 1100 रुपये का हेयर स्टाइल कैसा लगा?’’ मैंने जवाब दिया कि मैंने तो उसे देखा ही नहीं। उसने कहा घर से काम कर रहें हैं न इसलिए उनका रुम बंद है। जब बाहर आयेंगे तो देखाउंगी। फोन रख कर वह घर के कामों में लग गई। मैं सोचने में लग गई कि लॉकडाउन में सलूैन तो बंद हैं। ये कहां से कटिंग करवा कर आया है? श्वेता का मैंने टाइम खराब करना उचित नहीं समझा क्योंकि उसे डिनर बनाना है और अगले दिन की तैयारी करनी है, बैंक जो जाना होता है। फ्री होते ही वह कॉल करेगी। सब काम निपटा कर उसने विडियो कॉल की। देखा तो अंकुर टकला!! मैं गुस्से से बोली,’’अरे तेरे मुंडन थे जो तूं गंजा होने पर शगुन में नाई को खुशी में 1100रु.दे आया।’’उसने मुझे सुधारा,’’मां, नाई नहीं हेयर ड्रैसर बोलिए।’’मैं गुस्से में बोली,’’अरे! काहे की हेयर ड्रेसर,1100 रु0 में सिर मुंडवा लिया, ढंग के बाल तो कटवाता।’’ अंकूर ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया,’’मां उस हेयर ड्रेसर को बाल काटने नहीं आते, टकला भी उसने पहली बार किया है।’’अब तो मेरी सहनशक्ति जवाब देने लगी। मैंने पूछा,’’ये हुनरमंद तुझे कहां से मिला, मैं भी उससे मिलना चाहूंगी?’’उसने श्वेता के ऊपर कैमरा कर कहा,’’इनसे मिलिए, इन्होंने।’’मैंने हैरानी से पूछा,’’तूने!!’’उसने जवाब दिया,’’हां मां मैंने, बड़ा मुश्किल काम है, गंजा करना।’’ये सुन कर मेरी हंसी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। जब हंसी थमीं तो मैंने पूछा,’’बेटी तूने कैसे काटे?’’ उसने सिर मुंडने का तरीका बताया,’’ पहले ट्रिमर से सारे बाल निकाल दिए। फिर सिर में शेविंग क्रीम मली और आधे सिर कीे रेज़र से बहुत ध्यान से शेव कर दी। अब मैं यह कह कर लेट गई कि मैं बहुत थक गई हूं। इन्होंने मेरी बहुत ख़ुशामत की और पूछा कि मेरी थकान कैसे मिटेगी? मैंने जवाब दिया कि 1100 रु0 दो। इन्होंने दिए, उसी समय मेरी थकान मिट गई। बचे हुए आधे सिर में भी शेव कर, मैंने इनकी चांद चमका दी।’’सुन कर हंसी भी बहुत आई और चैन की सांस ली कि न तो बाहर जाना पड़ा, न कोई बाहर से आया। अंकुर ने बताया कि संडे को श्वेता की छुट्टी होती है और हमारे पास बाहर के कामों की लिस्ट होती है। पहले पहले जरुरी काम निपटाते हैं। मेरी कटिंग अगले संडे पर टल गई। उस दिन जनता र्कफ्यू था। आठ बजे लॉकडाउन का पता चला। कटिंग का ख़्याल ही नहीं आया। बाद में कहां कटवाता फिर सोचा ऑफिस तो जाना नहीं है। ये सोच कर गंजा हो गया कि जब तक कोरोना जायेगा, तब तक बाल आ ही जायेंगे। और श्वेता ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा,’’मेरा घरवाला, चमकते चांद वाला।’’           


2 comments:

Ajay Sharma said...

बहुत बहुत ही सुंदर पोस्ट इसे कहते हैं आम के आम गुठलियों के दाम.....

Neelam Bhagi said...

धन्यवाद अजय शर्मा जी