Search This Blog

Showing posts with label # Guheshwori Devi Shaktipeeth Nepal. Show all posts
Showing posts with label # Guheshwori Devi Shaktipeeth Nepal. Show all posts

Wednesday, 11 May 2022

गुह्येश्वरी देवी शक्तिपीठ काठमांडु नेपाल यात्रा भाग 29 नीलम भागी

 


गुह्येश्वरी देवी शक्तिपीठ काठमांडु में बागमती नदी के किनारे है और पशुपतिनाथ से एक किमी. पूर्व में स्थित है। इस हिन्दुओं के पवित्र तीर्थ की गिनती 51 शक्तिपीठ में होती है। यहां आना अपने आप में एक सुखद अनुभूति है। पेैदल बागमती का पुल पार करते समय बहुत अच्छी हवा लगती है।


पुल के सामने ही सीढ़ियां हैं। द्वार के दोनों ओर की वास्तुकला देखते बनती है।

यहां सती के शरीर का संधिस्थल(शौच अंग) गिरा था। इनका एक अन्य नाम गुह्याकाली भी है। यहां फोटो लेना मना है। मंदिर की शक्ति ’महामाया’ और शिव ’कपाल’ हैं। यहां तांत्रिक बहुत आते हैं।

   गुह्येश्वरी देवी शक्तिपीठ लगभग 2500 साल पुराना है। 17वीं सदी में राजा प्रताप मल्ला ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। इसके बाद कांतिपुर के नौवें राजा ने पगौड़ा में बने इस मंदिर का जीर्णोंद्धार कराया। यह काठमांडु में यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में से एक है। भारत से लाखों श्रद्धालु पशुपतिनाथ के दर्शन करने जाते हैं तो इनमें से ज्यादातर गुह्येश्वरी देवी शक्तिपीठ का दर्शन भी करते हैं। ये नेपाल की अधिष्ठात्री देवी के रुप में पूजी जातीं हैं। नेपाल के शाही परिवार के सदस्य पशुपतिनाथ के दर्शन से पहले गुह्येश्वरी देवी शक्तिपीठ के दर्शन करते हैं। हिंदू और विशेष रुप से तांत्रिक उपासकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। गर्भगृह की लगभग सभी मूूर्तियां सोने चांदी की बनी हुई हैं। यहां भी भारतीय एवं तिब्बती मूल के हिन्दुओं तथा बौद्धों को ही मुख्य मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। पूजा आरती में उपयोग आने वाले वाद्ययंत्र राजा राणा बहादुर द्वारा भेट स्वरुप दिए गए थे।

 मंदिर की वास्तुकला भूटानी पगोडा वास्तुकला शैली में बनाई गई है। मृगस्थली वन के निकट और बागमती के तट पर होने के कारण यहां का वातावरण अद्भुत है।

 दशईं(फसल उत्सव जिसमें परिवार इकट्ठा होता है और उपहार भेंट किए जाते हैं) एवं नवरात्रि यहां धूमधाम से मनाया जाता है। शिवरात्रि और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या बहुत हो जाती हैं। सुबह 7.30 बजे से रात 7.30 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। अक्टूबर से मार्च यहां आने का सबसे अच्छा समय है। क्रमशः