उसने मुझे काले घोड़ें की नाल पर एक लैक्चर दे दिया। इस नाल का संबंध घोड़े से न होकर मुझसे था। मसलन मेरा शनि ग्रह खराब होगा, तो मेरे जीवन में क्या क्या संभावित दुर्घटनाएँ घटेंगी। जिसे सुनकर मैं डर गई। डर को मेरी शक्ल से टपकता देख, वह नाल दिखा कर बोला,’’इसकी अंगूठी पहनने से शनिदेव खुश हो जाते हैं।’’ अब वह शनिदेव की मुझ पर कृपा के फायदे बताने लगा। मुझे लगता है, जरूर उस समय मेरे चेहरे से खुशी टपक रही होगी। मैंने पूछा,’’नाल कितने की है।’’ वो बोला,’’चार हजार की।’’ जरा से लोहे के टुकड़ें की इतनी कीमत सुन कर मुझें बहुत जोर से झटका लगा। उसने मुझे समझाया कि ये आम घोड़ें की नाल नहीं है। ये है काले घोड़े की नाल। मुंबई में तो काला घोड़ा नाम का मेला भी लगता है। काला घोड़ा फैस्टिवल सुन कर मैं उसके जनरल नालिज़ से भी प्रभावित होने लगी। उसने बताया कि पहले नई चमचमाती नाल घोड़ें के पाँव में ठोकी गई। कई महीनों ये दौड़ा तब ये घिसी फिर नई नाल ठोकी तो ये पुरानी नाल मिली। मुझें चुप देख कर उसने अपने मैले कुर्ते की जे़ब से काले काले लोहे के छल्ले निकाल कर एक छल्ला मुझे देकर बोला,’’ये अंगुठी आपको फिट बैठेगी। पाँच सौ की है। काले घोड़े की नाल से बनी है। जल्दी करो बारिश आने वाली है।’’ शनि महाराज की प्रसन्नता से होने वाले फायदों के आगे तो पाँच सौ रुपयें कुछ भी नहीं है। मैं बदल बदल कर अपने नाप की अंगुठियाँ पहन कर देखने लगी। वो बारिश आने वाली है, का शोर मचा रहा था। मैं गुस्से से बोली,’’भीगने से तेरे घोड़ें को निमोनिया हो जायेगा क्या?।’’ इतने में बारिश तेज होने लगी। वो चेतक को ढकता हुआ गुस्से से बोला,’’लेना है तो लो वरना मैं चला।’’ जल्दी से मैंने उसे रुपयें दिये और अपना एक हाथ काले घोड़ें के गीले माथे पर और दूसरा हाथ उसकी गर्दन पर फेरा। झट से उसने रुपये जेब के हवाले किये और वो तेजी से ये जा वो जा । मैंने अपने हाथ को देखा हथलियाँ हल्की सी काली थी। मैं समझ गई कि उस पर रंग या सस्ती डाई की गई थी। जब तक चल जाये काला घोड़ा, जब रंग उतर जाये तो शादियों का घोड़ा। वो तो पाँच के पाँच सौ बना कर चला गया और मैं उसकी तस्वीर भी नहीं ले पाई। अब मैं अपनी काली हथेलियाँ देखते हुए सोच रहीं हूँ कि मैं ऐसी क्यूँ हूँ!
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Monday, 6 June 2016
मुझे काले घोड़े ने ठगा!
उसने मुझे काले घोड़ें की नाल पर एक लैक्चर दे दिया। इस नाल का संबंध घोड़े से न होकर मुझसे था। मसलन मेरा शनि ग्रह खराब होगा, तो मेरे जीवन में क्या क्या संभावित दुर्घटनाएँ घटेंगी। जिसे सुनकर मैं डर गई। डर को मेरी शक्ल से टपकता देख, वह नाल दिखा कर बोला,’’इसकी अंगूठी पहनने से शनिदेव खुश हो जाते हैं।’’ अब वह शनिदेव की मुझ पर कृपा के फायदे बताने लगा। मुझे लगता है, जरूर उस समय मेरे चेहरे से खुशी टपक रही होगी। मैंने पूछा,’’नाल कितने की है।’’ वो बोला,’’चार हजार की।’’ जरा से लोहे के टुकड़ें की इतनी कीमत सुन कर मुझें बहुत जोर से झटका लगा। उसने मुझे समझाया कि ये आम घोड़ें की नाल नहीं है। ये है काले घोड़े की नाल। मुंबई में तो काला घोड़ा नाम का मेला भी लगता है। काला घोड़ा फैस्टिवल सुन कर मैं उसके जनरल नालिज़ से भी प्रभावित होने लगी। उसने बताया कि पहले नई चमचमाती नाल घोड़ें के पाँव में ठोकी गई। कई महीनों ये दौड़ा तब ये घिसी फिर नई नाल ठोकी तो ये पुरानी नाल मिली। मुझें चुप देख कर उसने अपने मैले कुर्ते की जे़ब से काले काले लोहे के छल्ले निकाल कर एक छल्ला मुझे देकर बोला,’’ये अंगुठी आपको फिट बैठेगी। पाँच सौ की है। काले घोड़े की नाल से बनी है। जल्दी करो बारिश आने वाली है।’’ शनि महाराज की प्रसन्नता से होने वाले फायदों के आगे तो पाँच सौ रुपयें कुछ भी नहीं है। मैं बदल बदल कर अपने नाप की अंगुठियाँ पहन कर देखने लगी। वो बारिश आने वाली है, का शोर मचा रहा था। मैं गुस्से से बोली,’’भीगने से तेरे घोड़ें को निमोनिया हो जायेगा क्या?।’’ इतने में बारिश तेज होने लगी। वो चेतक को ढकता हुआ गुस्से से बोला,’’लेना है तो लो वरना मैं चला।’’ जल्दी से मैंने उसे रुपयें दिये और अपना एक हाथ काले घोड़ें के गीले माथे पर और दूसरा हाथ उसकी गर्दन पर फेरा। झट से उसने रुपये जेब के हवाले किये और वो तेजी से ये जा वो जा । मैंने अपने हाथ को देखा हथलियाँ हल्की सी काली थी। मैं समझ गई कि उस पर रंग या सस्ती डाई की गई थी। जब तक चल जाये काला घोड़ा, जब रंग उतर जाये तो शादियों का घोड़ा। वो तो पाँच के पाँच सौ बना कर चला गया और मैं उसकी तस्वीर भी नहीं ले पाई। अब मैं अपनी काली हथेलियाँ देखते हुए सोच रहीं हूँ कि मैं ऐसी क्यूँ हूँ!
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6 comments:
ye sabse bada wala chetak ho gaya aagey se no here were
धन्यवाद
Wah kya vyung kiya hai aapne.
Dhanyvad
ये लोग अलग अलग इलाकों में निकलते हैं और फिर लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाकर निकल जाते हैं
ठीक कहा मुनींद्र
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