हमारी 90 + महिलाओं ने चूल्हे और बड़े संयुक्त परिवार के कारण कई झटपट तरकीबें पकाने में खोज लीं। वे नहीं जानती थीं कि जो उनकी आदत थी वे हमारी भी बन गईं। जिससे स्वाद तो बढ़ता ही है और समय भी बचता है। ये तरीके कामकाजी महिलाओं के लिए उपयोगी है। उनकी चूल्हा पद्धति को मैं गैस और प्रैशर कूकर की मदद से प्रयोग में लाती हूं। जैसे मैं आलू गोभी की सादी सब्ज़ी बनाती हूं उसका स्वाद अलग होता है। सबसे पहले आलू धोकर थोड़ा पानी डाल कर गैस पर तेज आंच पर रख देती हूं। प्रेशर बनने पर जब सीटी नाचती है तो गैस बिल्कुल कम कर देती हूं। दो मिनट के बाद गैस बंद कर देती हूं। भाप नहीं निकालते। इस समय मैं गोभी के फूल को हाथ से अलग, बड़े बड़े टुकड़ों में करके पानी में डाल देती हूं। और प्याज लहसून, अदरक, हरी मिर्च धनिया धोकर काटती हूं। उनका कहना था कि सब्जी काट कर धोने से सब्जी के स्वाद में कमी आ जाती है। उसके गुण पानी में चले जाते हैं।
कड़ाही में तेल डालकर गर्म होते ही इसमें जीरा भूनती हूं फिर लहसून डाल कर गोल्डन होने पर प्याज़ डाल कर भूनती हूं। साथ साथ गोभी को पानी से निकाल कर और फिर छोटे छोटे टुकड़ों में काट लेती हूं। इसमें जरा भी पानी नहीं रहता। प्याज़ सुनहरा होने पर अदरक डाल कर हल्दी, मिर्च और धनिया पाउडर और गोभी डाल कर चलाते हुए इसमें नमक मिलाती हूं। फिर ढक कर मीडियम आंच पर पकाना है। अब तक आलू का प्रैशर खत्म हो गया। आलू को छील कर टुकड़े काट लेने हैं।
बीच बीच में गोभी को चलाते रहना है। जब गोभी 90 प्रतिशत गल जाये तो इसमें आलू डालें और आलू की मात्रा के हिसाब से नमक डाल कर अच्छी तरह मिला कर, गरम मसाला डाल कर ढक देती हूं और आंच मंदी करती हूं।। पांच मिनट बाद गोभी को चैक कर लिया। यदि गल गई हैं तो बारीक कटा हरा धनिया डाल कर गैस बंद कर दी। इसमें गोभी के फूल टूटते नहीं हैं और अच्छी तरह पके होते हैं। आलू या गोभी को तला नहीं गया है इसलिये प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए, सी से भरपूर गोभी, आलू की सब्ज़ी को आप खूब खा सकते हैं।
1 comment:
मजेदार सब्जी
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