Search This Blog

Friday, 21 July 2023

दूध हल्दी पीना बताओ और भेजा चटवाओ! नीलम भागी Neelam Bhagi

 



एक्सीडेंट में मुझे काफी चोटें आईं । सिर के टांके कटने के डेढ़ महीने के  बाद, बांह का प्लास्टर कटा।  फिजियोथैरेपी के लिए मैं पैदल  जाती हूं। थोड़ा सड़क पर चलने का कॉन्फिडेंस भी आने लगा है। रास्ते में कुछ महिलाएं भी मिलती हैं, हालचाल पूछती हैं। एक महिला ने कहा," दीदी अब तो दवाइयां खत्म हो गई होंगी? दूध में हल्दी उबाल कर  सोने से पहले पी लिया करो।  अगर कच्ची हल्दी मिल जाए तो बहुत ही अच्छा।" सुनकर उन्हें धन्यवाद किया रास्ते में सोचती आई की दूध तो पीते ही हैं, हल्दी सब्जी में खाई जाती है। चलो दूध हल्दी भी पी के देख लेते हैं, कोई दवा तो है नहीं। बड़ा परिवार है मैंने सबसे कह दिया कि किसी को कच्ची हल्दी मिले तो मेरे लिए ले लेना। हल्दी का मौसम भी नहीं है। डॉ. शोभा को साप्ताहिक बाजार में मिल गई। उसने मुझे भिजवा दी। मैंने दूध में हल्दी का एक टुकड़ा अच्छी तरह धोकर, कूट कर (एक हाथ से काट नहीं सकती) उबाल लिया पीने में ठीक लगा, रंग थोड़ा कम आया। अगले दिन हल्दी की मात्रा थोड़ी  बढ़ा दी। तीन-चार दिन में दूध और हल्दी के टुकड़े का अंदाज़ हो गया कि कितना मुझे सूट करता है अब स्वाद से पीती हूं ताकि मेरा हाथ ठीक हो और मैं जल्दी से अपने लेखन में लगूं ।हल्दी दूध पीते समय मुझे याद आया कि मैंने एक लेख पोस्ट किया "लहसुन का  लाभ, बना स्वाद" मेरी 94 साल की अम्मा को कुछ साल पहले घरेलू महिला ने जो बताया था। तब से अम्मा ने उस पर  अमल किया दो ही उसमें चीजें थी लहसुन और शहद।  लहसुन भी खाया जाता है, शहद भी खाते हैं।
एक महिला ने शहद लहसुन पर इतने प्रश्न  मुझसे पूछें! जब मैंने प्रश्न का जवाब देना बंद कर दिया तो अगले प्रश्न का सिलसिला रुका। अब ना तो मैं आयुर्वेद विशेषज्ञ हूं। ना मेरे जैसी साधारण बताने वाली महिलाएं। परिवारों में जो सुनती हैं शेयर कर देती हैं। कोई जबरदस्ती नहीं करता,  ठीक लगे तो मानो ,नहीं तो इतने आयुर्वेद के डॉक्टर उनसे सलाह मशवरा कर लो। यह लिखते हुए मेरा मकसद किसी को दुःख पहुंचाना नहीं है। ऐसे ही हंसी  आने लगी तो और सब की तरह, इसे भी आपसे शेयर कर लिया। मैंने यह नहीं किया कि हल्दी दूध बताने वाली महिलाओं से पूछूं। हल्दी तो ऐसे भी चबा सकते हैं? हल्दी सच में चोट ठीक करती है? दूध में इसलिए बताया है कि स्वाद बढ़ जाए? कितने ग्राम दूध में कितनी हल्दी डालनी है? कितनी देर उबालनी है? खाना खाने से कितनी देर बाद पीना है? सोने से कितनी देर पहले पीना है? कितने दिन पीने के बाद अंदरूनी चोटें ठीक होंगी ?  कई प्रश्न उनसे पूछ सकती हूं और बताने वाली का भेजा चाट सकती हूं। आगे से वो तोबा कर लेगी  किसी को घरेलू नुस्खा  बताने से।
हल्दी दूध से  शायद मैं जल्दी ठीक हो जाऊं!




Wednesday, 12 July 2023

सुपर फूड सत्तू की पौष्टिक बर्फी! झटपट तैयार! 90 + रसोई नीलम भागी

 


94 वर्षीय अम्मा गर्मी में सत्तू का शरबत पीती हैं। बरसात आते ही जो बचा हुआ सत्तू होता है, उसको पराठा बनाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। पर इस बार मैंने उसकी बर्फी बनाने की कोशिश की। पहली बार में ही बहुत लाजवाब बनी इसलिए आपसे शेयर कर रही हूं।

 एक कटोरी सत्तू, एक कटोरी घी, दो कटोरी चीनी या  गुड़, एक कटोरी पानी और नारियल का बुरादा क्योंकि एक्सीडेंट के कारण मेरा एक हाथ अभी काम नहीं कर रहा  इसलिए ड्राई फ्रूट मैं काट नहीं सकती। सत्तू चने को भूनकर बनता है इसलिए ज्यादा भूनने की जरूरत नहीं होती। कढ़ाई में मैंने आधा कटोरी से ज्यादा घी डाला। घी गर्म होने पर उसमें सत्तू डाल दिया और उसको कम आंच पर चलाने लगी। जब अच्छी तरह गर्म होकर महकने लगा, कितना गर्म?

 कि उसे छुआ ना जा सके। गैस बंद कर दी। दूसरे बर्तन में एक कटोरी पानी में दो कटोरी चीनी या गुड़  डालकर उसमें अगर गुड़ लेंगे तो पिसी हुई सौंफ डालें, चीनी डालेंगे तो इलायची कूट कर डाली। चीनी या गुण उबलने पर, उबलते  ही गैस बंद कर दी। अब इस चाशनी को  भूने सत्तू में डालकर साथ ही नारियल का बुरादा मिलाकर चलाती रही। मैंने घी कम डाला है और दूसरे हाथ से कढ़ाई नहीं पकड़ सकती किस लिए धीरे-धीरे इसको चलाती रही । इस प्रोसेस में गैस नहीं जलानी है। जैसे-जैसे चाशनी ठंडी होती जाएगी। यह अपने आप गाढ़ा होता जाएगा और किनारे छोड़ देता है। अब इसे छोड़ कर, एक थाली में घी लगाकर तैयार कर  लिया फिर इसको चलाया। इसमें से थोड़ा सा लेकर उसकी गोली बनाकर देखी। आराम से बनने लगी तो इस मिक्सचर को थाली में फैला दिया।  कटोरी की उल्टी तरफ से फैलाते हुए चिकना कर लिया। आप चाहें तो इस पर कटा हुआ मेवा डालकर सैट करें।  1 घंटे बाद इस पर पसंद के पीस काटने का निशान लगा दिया। जल्दी काटना है कि मैं वहां rrr rr है कि आर  और उसके बाद मैंने कहा ठीक हो रहीं हूं और वही बैठ गया और उसके तो फ्रिज में रख दे। वरना 4 घंटे के लिए  बाहर ही जमने दे । निशान तो हमने पहले लगा दिए थे। अब पीस निकाल लिए। पहली बार में ही अम्मा को बहुत पसंद आई क्योंकि एक तो सत्तू की, दूसरा ड्राई फ्रूट ना डालने से उनको चबाने  में दिक्कत नहीं और मुंह में घुल रही थी। मैं हलवाई तो हूं नहीं इसलिए मेरी बर्फी का आकार हलवाई जैसा नहीं है और ना ही मैंने कोई फूड कलर डाला है। लेकिन स्वाद लाजवाब है।  आप घी कम ना करें मैंने हेल्थ  के कारण कम किया है ।






Friday, 7 July 2023

माऊं की अदाएं नीलम भागी

 


माऊं ने हमारे घर में  5 बच्चे दिए। एक-एक करके उसके 5 बच्चे पता नहीं कौन लोग ले गए! बच्चे जहां भी होंगे, चूहों से निजात दिलाएंगे। माऊं कभी जमीन पर नहीं बैठती है। बच्चों के जन्म के बाद उन्हें दूध पिलाने के लिए बैठती थी। बच्चे ना रहने से अब किसी भी डब्बे, गमले में जो भी मिले उसमें बैठ जाती है।