फिल्मफेयर अवार्ड से पहले उत्कर्षनी सपरिवार भारत 15 दिन के लिए आई थी। दित्या पहली बार आई थी इसलिए उससे मिलने अपर्णा भी सिंगापुर से आ गई। पहली बार दित्या को देखा था। कोरोना काल में उसका अमेरिका में जन्म हुआ था। मैं हर समय गीता दित्या के साथ रहती थी । लौटने पर दित्या समय का अंतर होने पर भी रेगुलर वीडियो कॉल करती। गीता और उत्कर्षनी हमेशा बुलाते थे। न जाने का कोई न कोई कारण बन जाता था। वो वीजा के लिए अप्लाई करती। मुझसे ही गलती से मेल डिलीट हो जाती। बाद में उत्कर्षनी का प्यार देखकर मुझे दुख होता। इस बार पूरा ध्यान रखा। जब डेट आई तब पासपोर्ट रिन्यूअल में कुल 6 महीने थे। कोई कमी न रह जाए इसलिए तत्काल में पासपोर्ट रिन्यूअल करवाया। बायोमैट्रिक की मुंबई में डेट मिली। और मैंने मेल पढ़ ली। अब मैं मेल पर बहुत ध्यान देने लगी। Paperwork और इधर सब अंकुर देख रहा। मुंबई जाने से पहले नया पासपोर्ट भी बन कर आ गया। 8 की फ्लाइट लेकर मुंबई गई। 9 को बाय मेट्रिक टेस्ट हुआ, और शाम को नोएडा वापिस। 12 जून को अंकुर दिल्ली एंबेसी में इटरव्यू के लिए ले गया। बुधवार को इंटरव्यू हुआ। सोमवार को घर पर वीजा आ गया। गीता और दित्या की गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई। घुटने में थोड़ा तकलीफ हो गई थी। मैंने सोचा रूक कर जाऊंगी। उत्कर्षनी ने टिकट के साथ व्हील चेयर असिस्टेंट कर दिया। और कहां कि कुछ भी नहीं लेकर आना। गीता दित्या बूंदी के लड्डू बहुत स्वाद से खाती हैं बस उसका एक डब्बा लाना है। पहली फ्लाइट दिल्ली से एमस्टर्डम की 9:30 घंटे की और 4 घंटे का ब्रेक, अगली फ्लाइट 11:30 घंटे की एम्सटर्डम से लॉस एंजेलिस। क्रमशः
No comments:
Post a Comment