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दित्या से मेरा वादा था कि जब वो हिंदी बोलेगी तब मैं उसके पास अमेरिका आऊंगी। उत्कर्षनी वशिष्ठ लेखिका (दो राष्ट्रीय पुरस्कारों और अन्य से सम्मानित फ़िल्म गंगुबाई काठियावाड़ी) ने उस पर बहुत मेहनत की। नीलम भागी
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