Search This Blog

Showing posts with label # Shri Raja Ram Sarkar Orchadham. Show all posts
Showing posts with label # Shri Raja Ram Sarkar Orchadham. Show all posts

Thursday, 1 December 2022

सशस्त्र सलामी दी जाती है श्री राजाराम सरकार को! झाँसी यात्रा भाग 10 नीलम भागी Jhansi Yatra Part 10 Neelam Bhagi



मैं तो सुबह यहाँ आ चुकी थी। सब आरती के लिए चले गए। मैं अपनी आदत के अनुसार  साफ सुथरे मंदिर प्रांगण में घूमती रही, दुकाने देखती रही। करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र इन प्राचीन मंदिरों में, मुझे यहां बैठने से अलग सा सकून मिलता है इसलिए मैं हमेशा की तरह बैठ गई।

राजा राम के अयोध्या से ओरछा आने की कथा बहुत मनोहारी है। कथाओं के अनुसार ओरछा के शासक मधुकर शाह कृष्ण भक्त थे पर उनकी रानी रामभक्त थीं। राजा मधुकर शाह ने एक बार महारानी कुंवरि गणेश से वृंदावन चलने कर प्रस्ताव किया तो उन्होंने विनम्रता से टाल कर अयोध्या जाने का आग्रह किया। राजा ने कहा कि आप अपने राम को ओरछा लाकर दिखाओ। महारानी ने चैलेंज स्वीकार कर लिया। उन्होंने अयोध्या जाकर 21 दिन तक तप किया। कोई परिणाम न मिलने पर उन्होंने सरयू नदी में छलांग लगा दी। जहाँ श्रीराम का बाल रूप उनकी गोदी में आ गया। महारानी ने उनसे अयोध्या चलने की विनती की। भगवान ने तीन शर्तें रख दीं। 

ओरछा में जहाँ बैठ जाउँगा वहाँ से नहीं उठूंगा।

राजा के रुप में विराजमान होने पर वहाँ किसी और की सत्ता नहीं चलेगी।

स्वयं बालरूप में पैदल पुष्प नक्षत्र में साधु संतों के साथ चलेंगे।

 भगवान के ओरछा आने का सुन कर राजा ने उन्हें बैठाने के लिए भव्य चर्तुभुज मंदिर का निर्माण करवाया इस तैयारी के दौरान महारानी ने भगवान को रसोई में ठहराया। अब भव्य मंदिर सूना पड़ा है और भगवान रसोई में ही विराजमान हैं। पर ओरछा में श्रीरामराजा सरकार का ही शासन चलता है। सब कुछ समय से होता है। चार पहर आरती होती हैं, सशस्त्र सलामी दी जाती हैं। ओरछा की चारदीवारी में कोई वीवीआईपी हो तो भी उन्हें सलामी नहीं दी जाती हैं। 31 मार्च 1984 को श्रीमती इंदिरा गांधी दर्शनों के लिए पहुँची। भगवान को भोग लग रहा था। उनको नियम बताए तो उन्होंने भी लगभग आधा घण्टा दर्शन के लिए इंतजार किया। 

क्योंकि 600 साल पहले महारानी कुंवरि गणेश  की गोद में रामलला आए थे। उनके लिए बनवाए भव्य मंदिर में न विराजकर वे उनकी रसोई में विराज गए थे तब से ब्ंाुदेलखंड में यह गूंजता है।           

राम के दो निवास खास, दिवस ओरछा रहत, शयन अयोध्या वास

यहाँ राजा श्रीराम का शासन चलता है। दिन भर ओरछा रहने के बाद शयन के लिए भगवान अयोध्या चले जाते हैं। रात में आरती होने के बाद ज्योति निकलती है, जो पास ही स्थित पाताली हनुमान मंदिर ले जाई जाती है। मान्यता है कि ज्योति के रूप में श्रीराम को हनुमान जी शयन के लिए अयोध्या ले जाते हैं। सबके आने पर हम मंदिर से बाहर आकर सवारी ढूंढने लगे मंदिर से दर्शनार्थियों की भीड़ निकली। झांसी जाने वाली कुछ ही ऑटो थे और लोग ज्यादा थे। हम पैदल चल दिए कि जो भी सवारी मिलेगी ले लेंगे। क्रमशः