अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देश-विदेश से प्रमुख साहित्यकारों ने स्वर्गीय डॉ कमल किशोर गोयनका को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके विशिष्ट योगदान को श्रद्धा से स्मरण किया । इस श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्वों में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, भारतीय भाषा परिषद के अध्यक्ष श्री चम्मू कृष्ण शास्त्री, शिक्षा संस्कृति न्यास के संगठक श्री अतुल कोठारी, विद्या भारती के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ प्रचारक श्री लक्ष्मी नारायण भाला, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ रामशरण गौड़, साहित्य अकादमी हरियाणा के पूर्व निदेशक डॉ पूरनमल गौड़, संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अनिल जोशी, अखिल भारतीय साहित्य परिषद राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य और प्रो नीलम राठी, प्रसिद्ध विचारक इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष डॉ अवनिजेश अवस्थी, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ विनोद बब्बर भी शामिल थे।
डॉ रामशरण गौड़ ने गोयनका जी से अपने दीर्घकालीन संबंधों को स्मरण किया तो डॉ अवनीजेश अवस्थी ने प्रेमचंद और प्रवासी साहित्य में गोयनका जी के असाधारण योगदान तथा राष्ट्रवादी विचारधारा से उनकी प्रतिबद्धता की चर्चा की। अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरियाणा के मार्गदर्शक डॉ पूरणमल गौड़ ने हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से गोयनका जी को आजीवन साहित्य साधना सम्मान देने तथा हरिगंधा के विशेषांकों में गोयनका जी के विशिष्ट योगदान की चर्चा की। श्री प्रवीण आर्य ने साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर जी की ओर से गोयनका जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कुछ वक्ताओं ने गोयनका जी की स्मृति में व्याख्यान माला आरंभ करने का सुझाव भी दिया ।
केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र दुबे एवं डॉ सुनील बाबूराव कुलकर्णी ने सभी उपस्थित साहित्यकारों का आभार प्रकट करते हुए डॉक्टर गोयनका की स्मृति में केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से स्मारिका प्रकाशित करने की घोषणा की। इस अवसर पर स्वर्गीय कमल किशोर गोयनका जी के परिवारजनों की भी उपस्थिति रही।