कल मेरी एक परिचित का फोन आया। मैंने उनसे उनकी सासू मां के बारे में पूछा तो वे बताने लगीं," वे 9 साल से बिस्तर पर सुन्न सी हैं। 99 साल में हैं।" कुछ साल पहले जब मैं उनके घर के आगे से गुजरती थी। वे उनका हाथ पकड़ कर उन्हें घुमाती थीं। अच्छी बहू की तरह उन्हें हमेशा उनकी सेवा में देखा। अमेरिका प्रवास में उत्कर्षनी वशिष्ठ, भारतीय मूल के एक नामी हस्ती से मुझे मिलवाने लेकर गई। जिनके 100वें जन्मदिन में कुछ ही दिन बचे हैं। वे अकेले रहते हैं। वे बिल्कुल स्वस्थ कुर्सी पर बैठे हुए थे। वह उनकी पसंद का खाना लेकर गई थी। उन्होंने मुझसे बहुत अच्छे से हिंदी में बात की। पत्नी बच्चे उनका कोई नहीं है। बस आंखें कमजोर हो गई हैं। एक महिला आती है जो खाना बना जाती है। कुछ विशेष खाना हो तो उत्कर्षनी को मैसेज कर देते हैं। वह बना कर ले जाती है। वहां एक दृश्य कई बार देखने को मिलता था। बुजुर्ग व्यक्ति का वॉकर इस तरह बना होता है जिसमें चेयर होती है।
वे उसके सहारे बाहर निकल जाते हैं। फुटपाथ पर कोई अतिक्रमण नहीं होता है, उस पर चलते रहते हैं। साइड रोड जब पार करनी हो तो ट्रैफिक रुक जाता है। वे अपनी बहुत धीमी गति से पार कर लेते हैं। जब थक जाते हैं तो उस पर बैठ जाते हैं। करियर के लिए बच्चे घर से दूर हैं। लेकिन वे उनकी इच्छा अनुसार उनके लिए कुछ करते ही रहते हैं। लेकिन साल में एक विशेष दिन उनके लिए अलग से मानते हैं।
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विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस हर साल 21 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को स्वीकार करना और उनके सामने आने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान और समर्थन दिखाने के लिए मनाया जाता है।
इस दिन की शुरुआत 1988 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा की गई थी, और बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 14 दिसंबर 1990 को इसकी घोषणा की गई थी। पहला विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस 1 अक्टूबर 1991 को मनाया गया था।
विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस को मनाने का महत्व
वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को स्वीकार करना और सम्मान करना
- वरिष्ठ नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना
- वरिष्ठ नागरिकों के प्रति समर्थन और सम्मान दिखाना
- परिवारों को अपने वरिष्ठ सदस्यों के प्रति प्यार और लगाव को समझने का अवसर प्रदान करना।