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Saturday, 11 July 2020

असामाजिक तत्व की खोज नीलम भागी



 रात के दो बजे कुछ युवाओं की बातचीत से मेरी नींद खुल गई। बाहर आई गुस्से में उन्हें डांटने के लिये कि तमीज़ भी कोई चीज होती है। आधी रात को पड़ोसियों की नींद खराब करते शर्म नहीं आती , लेकिन उनकी बात सुन कर मैं दुखी हो गई। वे पांच थे, हमारे ब्लॉक के नहीं थे। किसी से मिलने आए थे और उन्होंने खाली जगह देख कर, गाड़ी मेरे घर की बाउन्ड्री वॉल के साथ खड़ी की थी। किसी ने उनकी कार की हवा निकाल दी थी। अब आधी रात को वो हमें कोस रहे थे क्योंकि घर तो हमारा है।
मैं हैरान हो गई। हवा निकालने वाले की करतूत पर। कुछ साल पहले जब हमने ये प्लॉट खरीदा था तो डीलर ने हमें दो प्लॉट दिखाए थे। वर्तमान निवास फेसिंग पार्क और कार्नर का है। दूसरे प्लॉट में ये दोनों सुविधाएँ नहीं थीं। जब रजिस्ट्री हुई तो हमें कार्नर का प्लॉट, फेसिंग पार्क होने के कारण, दोनों सुविधाओं का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ा। हमने दिया, इस खुशी में की सामने और साइड में पेड़ लगे हैं। हमेशा हरियाली रहेगी। दूसरा प्लॉट कम रेट का होने पर भी हमने नहीं लिया।
अब हमारा एक ही काम है लोगों की सलाह सुनना और बेमतलब डाँट खाना और बेवक्त प्रश्नों के उत्तर देना। काश मुझे भी लड़ना आता। कभी कभी हमारे साथ बहुत अजीब किस्से हो जाते हैं। हमारा कार्यस्थल पास ही है। अतः गाड़ी की आवश्यकता नहीं है। कहीं जाना हो तो प्यारेलाल ही बच्चों को स्कूल ले जाता है। हमें ले जाता है। सबसे पहले दो पेड़ांे को छोड़ कर, एक विशेष पद्धति से जिसमें एक एक टहनी टूटती रहती है। टूटी टहनी पेड़ से लटकी रहती है। सूखने पर जिसे जरूरत होती है, वो उसे ले जाता है। मसलन बाइयां  फिर दूसरी टहनी का नम्बर आता है और लकड़ी चोर समझ जाता है कि इस पेड़ को हटाना है। फिर अचानक पेड़ गायब हो जाता है सभी पेड़ गायब हो गए। क्योंकि वह पब्लिक पार्किंग में बाधा थे।
एक सज्जन मेरी कॉल बैल बजाये जा रहे थे। मैं खाना खा रही थी। मेरे मुंह में कौर ठूंसा हुआ था। मैं जल्दी से बाहर आई। मैं मुंह का कौर चबाती जा रही थी, वे मुझसे प्रश्न पूछते जा रहे थे, ”ये गाड़ी किसकी खड़ी है? कब से खड़ी? मैंने कौर निगल कर जवाब दिया, पता नहीं“। वे डांटते हुए बोले, ”आपका घर है और आपको पता नहीं कौन यहाँ गाड़ी खड़ी कर गया? कोई असामाजिक तत्व भी तो गाड़ी खड़ी करके जा सकता है। मैं सोच में पड़ गई कि पहले खाना खत्म करूँ या घर घर जाकर असामाजिक तत्व की खोज करूँ। क्योंकि वहां वे गाड़ी खड़ी करते थे। खाली जगह देख कर किसी और ने गाड़ी खड़ी कर दी। अब वे गुस्से में मुझे जिम्मेवार नागरिक नहीं समझ रहे थे।
हमारे घर से कुछ दूर एक मकान मालिक ने अपना मकान दिखाया, किराये के लिए और किरायेदार को पार्किंग की जगह हमारे घर को दिखाया। दूसरे ने भी अपना मकान किराये पर हमारा घर पार्किंग बता कर दिया, तीसरे.....। मेरा बेटा 3 महीने के लिए अमेरिका गया। वह अपनी गाड़ी यहां खड़ी कर गया। जिसकी गाड़ी वहाँ खड़ी होती थी, उसने हवा निकाल दी। मैनें सोचा चलो तीन महीने तक गाड़ी सुरक्षित खड़ी रहेगी।