Search This Blog

Showing posts with label Parshuram Basvanna Shankaracharya Ramanuj Bagula Mukhi Jayanti. Show all posts
Showing posts with label Parshuram Basvanna Shankaracharya Ramanuj Bagula Mukhi Jayanti. Show all posts

Sunday 5 May 2024

मेले त्यौहारों के साथ, गर्मी की शुरूआत! उत्सव मंथन नीलम भागी Utsav Manthan May Neelam Bhagi

धार्मिक दृष्टि से मई महीने का बहुत महत्व है क्योंकि फसल की कटाई हो चुकी है। कीमत भी जेब में आ जाती है। आमों में बौर आ गया है। कोयल की मीठी कूक सुनने को मिलती है। कुछ राज्यों मेें मई में आम पक जाता है। स्कूलों में छुट्टियाँ हो गई हैं। ऐसे मेें विविधताओं के हमारे देश में महापुरूषों के जन्मदिवसों, कहीं मौसम के कारण प्रकृति की सुन्दरता और धार्मिक शुभ दिनों के कारण मेले, उत्सव होते हैं। जिससे जीवन की एकरसता दूर होती है। उस दिन क्या पारंपरिक पकवान बनेगें? लाल, पीले आदि खिले हुए रंगों की पोशाकों का उत्सवों में पहनने का ज़िक्र चलता है और उस विशेष दिन से संबंधित कथाएं सुनने को मिलती हैं। बजट के अनुसार पर्यटन की योजना बनाना और फिर तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। इससे सामाजिक समरता बढ़ती है। हमारा कृषि प्रधान देश है। चरी, बाजरा बोकर, बाजरा में ग्वार लगा दी जाती है। इसमें ज्यादा पानी की जरूरता नहीं होती है। इसलिए किसान के पास भी समय होता है और गर्मी भी उत्सवों की उमंग के साथ कटती है।   

1 मई से 31 मई ईगितुन चालने (आग में चलना) सिरिगाओ गोवा, यह राजधानी पणजी से 30 किमी0 दूर, सिरिगाओ के मंदिर में मनाया जाता है। अनुष्ठान देखने के लिए आगंतुक और स्थानीय लोगों की भीड़ मंदिर के चारों ओर लग जाती है। इसके बाद आग पर चलना होता है जो कुछ सहासी लोगों द्वारा किया जाता है। इसे देवी लैराया के भक्त करते हैं। बाकि भक्त जयकारों के साथ उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।  अंर्तराष्ट्रीय पुष्प मेला गंगटोक, इसमें सिक्किम में फूलों की सुंदरता और वृक्षारोपण के ज्ञान के साथ, स्वदेशी पौधों के बारे में व्याख्यान और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। क्षेत्रिय व्यंजनों के स्वाद के साथ, याक की सवारी का आन्नद उठाया जा सकता है। जिन्हें रोमांच पसंद है, उनके लिए रिवर राफ्टिंग है। मजदूर दिवस 1 मई को विश्व में मनाया जाता है, लेकिन भारत में इसे कामगार दिवस के रूप में मनाया जाए और छुट्टी की मांग की जा रही है। महाराष्ट्र दिवस, 1 मई को सभी जिलों में मनाया जाता है। इस दिन व्यापारी, कारीगर छुट्टी रखते हैं और इसे मजदूर दिवस की तरह मनाते हैं। 1 से 3 मोत्सु महोत्सव नागालैड में एओ जनजाति द्वारा मनाया जाता है। छोटे से खूबसूरत राज्य को यह उत्सव बहुत जीवंत बना देता है। उत्सव का मुख्य उद्देश्य भगवान का आर्शीवाद प्राप्त करना है। अपने नायकों की स्तुतियाँ गाई जाती हैं। देश के लोग इस उत्सव में स्थानीय व्यंजनों का आनन्द उठाने और नागालैंड की संस्कृति का सर्वोत्तम रूप देखने जाते हैं।  

4 मई वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान श्री हरिहर विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा मानना है कि कुरूक्षेत्र में सूर्यग्रहण के समय जो एक मन सोना दान करके पुण्य मिलता है। वही पुण्य इस दिन व्रत करने से मिलता है। श्री वल्लभाचार्य जयंती इस वर्ष उनका 545 वां जन्मदिन है। वाराणसी में तेलगु ब्राह्मण परिवार में जन्में महापुरूष के लिए प्रचलित मान्यता है कि भगवान कृष्ण श्रीनाथ जी के रूप में इनके सामने प्रकट हुए थे। कोलमाईनर्स डे भारत, यह दिवस कोयला खनिकों की कठिन मेहनत और समाज में उनके योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। 

5 मई विश्व हंसी दिवस, मई के पहले रविवार को मनाया जाता है। हास्य योग के अनुसार हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है, जिसमें व्यक्ति स्वयं उर्जावान होता है जिससे समाज को शांतिपूर्ण बनाने में मदद मिलती है। 

8 मई मासिक कार्तिगाई भगवान कार्तिकेय से आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए घर के द्वार पर तेल का दीपक जलाते हैं। टैगोर जयंती, वैशाख के 25वें दिन गुरूदेव, विश्वविख्यात कवि, संगीतकार, गीतकार निबंधकार और दार्शनिक रविंद्र नाथ टैगोर का जन्मदिवस मनाया जाता है। भारत का राष्ट्रगान टैगोर जी की रचना की देन है।

10 मई परशुराम जयंती महर्षि के सम्मान में इस दिन को उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति करने के लिए, जीवन की सुखसुविधाओं का त्याग करने के तरीके के रूप में मनाया जाता है। इसको अक्षय तृतीया भी कहा जाता है, जो नए प्रयास शुरू करने, व्यवसाय शरू करने, सोना खरीदने के लिए यह दिन बहुत शुभ होता है।  इस दिन बिना महूर्त के कोई भी शुभ कार्य कर लेते हैं। मसलन खूब शादियाँ होतीं हैं। इसे हिंदू और जैन दोनों मनाते हैं। बसव जयंती, लिंगायतों द्वारा पारंपरिक रूप से मनाई जाने वाली बसवन्ना की जयंती है जो 12वीं सदी के हिंदू कन्नड़ कवि और दार्शनिक शिव के अनुयायी थे। विशेषतः उनका जन्मदिन कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना में मनाया जाता है। कर्नाटक और महाराष्ट्र में सरकारी अवकाश होता है। उत्सव बसवेश्वर मंदिरों में मनाया जाता है। मातंगी जयंती देवी, मातंगी को दस महाविद्या में नवीं महाविद्या के रूप में पूजते हैं। इनके पूजन से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। 

10 से 12 मई ग्रीष्म उत्सव माउंट आबू, राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन पर असाधारण, दिलचस्प कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जो जुलूस के साथ शुरू होता है। उसके बाद राजस्थान, गुजरात के लोक प्रदर्शन शुरू होते हैं।

11 मई राष्ट्रीय प्राद्योगिक दिवस, प्राद्योगिकी हमारे जीवन में जो सुविधा और सहजता लाती है, उसकी सराहाना करने के लिए यह दिवस मनाते हैं। हम इन अविष्कारों के पीछे के प्रतिभाशाली दिमागों का  आभार मानते हैं।

12 मई शंकराचार्य जयंती, महान संत प्रसिद्ध दार्शनिक, आदिशंकराचार्य का जन्म केरल के कलाडी क्षेत्र में हुआ था। उन्होंने अद्वैत वेदांत दर्शन के सिद्धांत पर चलकर, हिंदू संस्कृति को तब बचाया, जब हिंदू संस्कृति को संजोय रखने की ज़रूरत थी। रामानुज जयंती, रामानुजाचार्य प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय थे। इन्होंने उपनिषदों, ब्रह्म सूत्रों के दर्शन को मिश्रित किया और भक्ति परंपरा को एक मजबूत बौद्धिक आधार दिया।  मातृ दिवस, हिंदू धर्म में तो प्रत्येक दिन सुबह उठते ही मां को प्रणाम करने की परंपरा है। अब मई के दूसरे रविवार को बच्चे मां के लिए कुछ विशेष करते हैं। कैरियर के कारण घर से दूर रहना मजबूरी है। लेकिन अति व्यस्त रहने पर भी इस दिन को नहीं भूलते। नर्स दिवस, स्वास्थ देखभाल की रीढ़ हैं हमारी नर्से, उनकी सेवा के आभार स्वरूप फ्लोरैंस नाइंिटंगल के जन्मदिवस पर नर्स दिवस मनाया जाता है।  

13 मई चिथिराई महोत्सव, एक महीने 14 अप्रैल से 13 मई मदुरै तमिलनाडु, मदुरै के प्रसिद्ध मंदिर में भगवान सुंदरेश्वर के साथ, देवी मीनाक्षी के विवाह के उपलक्ष में मनाया जाता है। जोड़े की मूर्तियों को सजाए गए रथ में शहर के चारों ओर ले जाया जाता है। जिसका लोग बड़े उत्साह से स्वागत करते हैं। इस अवसर पर व्यापार प्रदर्शनी, मेले आयोजित किए जाते हैं। 

15 मई बगुलामुखी जयंती, इन्हें मां पीताम्बरा या ब्रह्मास्त्र विद्या, आठवीं महाविद्या भी कहा जाता है। देवी की पीली पोशाक और पीला श्रंृगार होता है। तांत्रिक लोग इन्हें बहुत मानते हैं। पीताम्बरा पीठ, दतिया मध्य प्रदेश में और हिमाचल के बगुलामुखी मंदिर में मेला लगता है।

17 मई विश्व दूरसंचार दिवस इसकी थीम है ’’सतत विकास के लिए डिजिटल नवाचार’’ है। 

20 से 24 ऊटी ग्रीष्म महोत्सव, नीलगिरी की ताज़ी हवा में प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच, यह गर्मी के त्यौहार की तरह है। यहाँ फूलों की सजावट, सब्ज़ियों की नक्काशी, फूलों की रंगोली, रोज़ शो, फ्रूट शो, डॉग शो, स्पाइस शो, वेजिटेबल शो, बोट शो का आनन्द उठा सकते हैं। 

22 मई नरसिंह जयंती, छिन्नमस्ता जयंती, गुरू अमरदास जयंती, राजाराम मोहन राय जयंती मनाई जायेगी।

23 वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, सारनाथ मेला भारतीय बौद्ध सर्कट का महत्वपूर्ण स्थल होने के नाते, यहाँ एक विस्तृत मेले का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मावलंबी यहाँ आते हैं। सागा दावा सिक्किम, दार्जीलिंग पर्यटन, वैशाख पूर्णिमा को यहाँ का प्रवास आपको स्थानीय लोगों को उनके सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार मनाते हुए देखने और इस अनूठी संस्कृति, भव्य बौद्ध गतिविधियों को भी देखने का मौका मिलता है।  

24 नारद जयंती, ऐसी मान्यता है कि नारद मुनि भगवान विष्णु के अवतार थे और सभी देवों के प्रिय थे। नारद जी तीनों लोकों में आया जाया करते थे। देवी-देवताओं और असुरों तक का संदेश पहुँचाया करते थे। हम इस दिन को पत्रकार दिवस के रूप में मनाते हैं। 

 28 वीर सावरकर जयंती, भारत के क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, समाजसुधारक, इतिहासकार, विचारक थे।



प्रेरणा शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित प्रेरणा प्रवाह के  मई अंक में यह लेख प्रकाशित हुआ है।

31 विश्व तम्बाकू निषेध दिवस, यह दिवस लोगों को तंबाकू उपयोग के खतरों के बारे में अवगत कराता है। उन्हें तंबाकू सेवन को रोकने के लिए प्रोत्साहित करता है।

 इस प्रकार हमारी हिन्दू संस्कृति में उत्सव ओर विशेष दिनों का अपना एक अलग महत्व है व विशिष्ट पहचान है।

नीलम भागी(लेखिका, पत्रकार, ब्लॉगर, टैªवलर)