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Saturday, 29 February 2020

ऑरगेनिक पालक रसोई के कचरे से उगी नीलम भागी Organic Palak Rasoi ke Kacherey se Neelam Bhagi


चुम्मू बड़ा हो गया है। उसके बाथ टब में जहां से पानी निकलता है, उस पर मैंने एक ठिकरा रखा। उसमें मैंने रसोई का कचरा भरना शुरु किया बीच-बीच में थोड़ी सी छाछ पानी मिलाकर छिड़क देती। फल सब्जियों के छिलके, पत्ते सब उसी में मैंने डाले। जब वह भर गया तो मैंने 60% मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट भी डाल सकते हैं, दो मुट्ठी नीम की खली(इससे कीड़ा नही लगता) डाल कर मिट्टी तैयार की। ये तैयार मिट्टी की मैंने चार इंच मोटा, कचरे पर  बाथ टब में फैला दी। हाथों से दबा कर उसे समतल कर लिया। अब उस पर पालक के बीज छिड़क दिये। दूर दूर छिड़केगे तो मोटे पत्ते मिलेंगे। पास छिड़कने पर छोटे मिलेंगे। अब इन बीजों को इसी मिट्टी से आधा या एक इंच मिट्टी से ढक दिया। पानी का छिड़काव इस प्रकार  किया कि बीज ढके रहें। नहीं तो उन्हें चिड़िया खा जायेगी। ये बुआई मैंने अगस्त के अंत में की थी। 5 से 20 डिग्री तापमान पर ये बहुत अच्छी उगती है। मैंने पालक को जड़ से नहीं उखाड़ा। जरुरत के अनुसार पत्तों को कैंची से काटा। अब उनमें बीज आ गये हैं। अब तक मैने कोई खाद नहीे डाली थी। पानी भी इतना डाला कि मिट्टी गीली रहे। इसे बोने के लिये गहरे बर्तन की जरुरत नहीं होती है। ये पालक बहुत ही लाजवाब बनती है।
 अब मैंने चार मिट्टी के गमले कचरे के तैयार करके इसी विधी से और पालक बोई है। गर्मी में मैं इसे   सीधी सूरज की रोशनी में नहीें रखती।

रसोई के कचरे का उपयोग
 किसी भी कंटेनर या गमले में ड्रेनेज होल पर ठीक  रखकर सूखे पत्ते टहनी पर किचन वेस्ट, फल, सब्जियों के छिलके, चाय की पत्ती बनाने के बाद धो कर आदि सब भरते जाओ बीच-बीच में थोड़ा सा वर्मी कंपोस्ट से हल्का सा ढक दो और जब वह आधी से अधिक हो जाए तो एक मिट्टी तैयार करो जिसमें 60% मिट्टी हो और 30% में वर्मी कंपोस्ट, या गोबर की खाद, दो मुट्ठी नीम की खली और थोड़ा सा बाकी रेत मिलाकर उसे  मिक्स कर दो। इस मिट्टी को किचन वेस्ट के ऊपर भर दो और दबा दबा कर, इस तैयार मिट्टी को 6 इंच, किचन वेस्ट के ऊपर यह मिट्टी रहनी चाहिए। बीच में गड्ढा करिए छोटा सा 1 इंच का, अगर बीज डालना है तो डालके उसको ढक दो।और यदि पौधे लगानी है तो थोड़ा गहरा गड्ढा करके शाम के समय लगा दो और पानी दे दो।