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Thursday, 25 December 2025

यहां की दिनचर्या The daily routine here Migration to America अमेरिका प्रवास Neelam Bhagi part 5

 


सुबह मेरी आंख खुलने से पहले ही गीता को उत्कर्षनी, उसकी स्कूल बस में छोड़ आई थी। गीता का स्कूल काफी दूर है। घर से 10 मिनट की दूरी पर बस का स्टॉप है, अगर स्कूल बस मिस हो जाए तो एक घंटा ड्राइव करके जाना पड़ता है। वह घर से बहुत जल्दी निकलती है वैसे तो उसे राजीव जी छोड़ने जाते हैं। लेखन का काम पूरा करने के कारण आजकल वह सुबह 4:00 बजे उठती है इसलिए वह छोड़ आती है। दित्या का स्कूल 8:00 बजे से है, इसे राजीव  छोड़ने जा रहे हैं और दित्या मुझे लेकर जा रही है। उसे मुझे अपना स्कूल जो दिखाना है। गाड़ी से उतरते ही उसने मेरी  उंगली पकड़ ली।




 स्कूल में ले जाकर, अपनी क्लास,  म्यूजिक रूम आदि दिखाया जो भी टीचर मिली उसे बताया,  'मेरी नानी'। मैंने देखा दित्त्या की तरह बच्चे स्कूल में बहुत खुशी आ रहे थे किसी भी बच्चे के चेहरे पर, स्कूल जाने की वजह से उदासी नहीं थी। शाम को उत्कर्षनी के साथ मैं  गीता को स्कूल बस से लेने गई और वहीं से वह उसे स्विमिंग की क्लास में ले गई। गीता अपनी कैटेगरी में काँस्य पदक  ले चुकी हैं। राजीव जी  दित्या को लेने गए। गीता के स्विमिंग के समय हम दोनों बाहर वॉक करते रहे और आसपास के घरों में क्रिसमस की सजावट का भी आनंद उठाते रहे। हमारे घर आने पर, दित्त्या मेरा इंतजार कर रही थी। गीता तो आते ही अपने होमवर्क में व्यस्त हो गई। उत्कर्षनी ने डिनर बनाया , शनिवार सुबह हमें 15 दिन की यात्रा में निकलना है। राजीव जी इसकी भी व्यवस्था देख रहे हैं। यहां बाई कलचर नहीं होता इसलिए सब काम मिलजुल कर खुद ही करते हैं। 8:00 बजे डिनर हो गया और 9:00 बजे गीता सो गई। दित्त्या को देर से जाना है इसलिए उसने मेरे साथ खूब मस्ती की उसका कोई होमवर्क नहीं मिलता,  खूब ज्ञानी है, खेल-खेल में सिखाते हैं और वह मेरे गले में बाहें डालकर सोई। क्रमशः

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