उनमें मिट्टी और थोड़ी वर्मी कम्पोस्ट मिला कर उनको दबा कर झाड़ के नीचे रख दिया।
जहां इन्हें तीखी धूप नहीं मिलती थी। यानि कबाड़ से जुगाड़ किया तब इसका मौसम तो था नहीं फिर भी इन्होंने निराश नहीं किया और ये धीमी गति से हरी प्याज़ में में तब्दील होते रहे। मैं इसे जरुरत के समय हरे भाग chives को काट कर, गार्निश करती और ये गमले से सीधे व्यंजन में सज कर उसका स्वाद दोगुना कर देतें। उन दिनों भोपला, कद्दू बहुत बिकने को आता था क्योंकि एक ही सब्जीवाला आता था। वह कद्दू खूब लाता था। महिलाओं ने उससे पूछा,’’भइया तुम्हारा कद्दू का खेत है!’’ उसने जवाब दिया कि अगर उसे बाहर आने नहीं दिया गया तो बाकि सब्ज़ियां तो सड़ जायेंगी पर ये कई दिन तक खराब नहीं होगा इसलिये। पर मुझे किसी भी सब्जी से कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि ताजे हरे प्याज़ की गार्निश उसका स्वाद लाजवाब कर देते। कद़्दू के सूप में तो इसका लीक Leek बहुत ही अच्छा लगता है। लॉक डाउन बंद होने के बाद भी मुझे इसकी आदत हो गई है। अक्टूबर से ये बहुत अच्छा पत्ते दे रहें हैं और मैं रोज इन पत्तों की संख्या के अनुसार ही थोड़ा सा इनसे कुछ बनाती हूं।
जैसे चीला, परांठा, मेथी हरी प्याज़ की पकौड़ी, पालक हरी प्याज़ की पकौड़ी, हरी प्याज का रायता, उस पर सरसों, सूखी कैंची से काट कर अक्खा लाल मिर्च का छौंक। कुछ नहीं तो सलाद में इस्तेमाल करती हूं।
चटनी
हरी प्याज़ के मौसम में पौदीना तो होता नहीं इसलिये शिमला मिर्च, हरा धनिया, हरी मिर्च, टमाटर और हरी प्याज से चटनी बना कर उसमें काला नमक और चाट मसाला डाल देती हूं।
हरी प्याज, लहसून, थोड़ा सा अदरक और हरी मिर्च और नमक मिला कर चटनी पीस ली और नींबू का रस मिला कर, सूखी लाल मिर्च और जीरे का तड़का लगा दिया।
जब कभी सब्ज़ीवाला हरी प्याज लाता है तब मैं इसे खरीदकर इसकी आलू हरी प्याज, हरी प्याज़ मटर की सब्जी या हरी प्याज की कढ़ी बनाती हूं। और बनाते समय हमेशा सोचती हूं कि मैं इसकी सब्जी और कड़ी के लिये घर में इतना उगा लूं कि बाजार से न खरीदना पड़े। क्योंकि इसमें विटामिन ए 19, विटामिन सी 31 विटामिन बी6 5, कैल्शियम 7, आयरन 8 मैग्नीशियम 5 यानि कम कैलोरी और भरपूर विटामिन के साथ फाइबर और साथ में सल्फर, इसे उगाना भी आसान है।