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Tuesday 29 October 2019

ये प्यार वो नशा है कि जिसका नहीं उतार, विदेश को जानो, भारत को समझो घरोंदा Videsh Ko Jano, Bharat Ko Samjho GHARONDA Part 13 नीलम भागी



   मेरी और कात्या मूले के बीच में चलने वाली एक एक बात को मेरी बेटी उत्कर्षिणी बढ़े ध्यान से सुनती थी। ऐसे ही हमारा समय बीत रहा था। वीकएंड पर मुझे घुमाने का प्लान किया जाता था। कात्या मूले जो भी वेज बनाती, मेरे लिये ले कर आती। र्मिच के बिना भी खाना इतना स्वाद हो सकता है, मैंने पहली बार जाना था। उस पर काली र्मिच पाउडर अपने स्वादानुसार डाल लो, होते ज्यादातर सूप ही थे। अपने जॉब के अलावा वह जहाँ भी जाती मुझे साथ लेकर जाती। मैं साड़ी में, वह वैर्स्टन पोशाक में जाती थी।| जिस मॉल में हम जातीं। सबसे पहले मैप में किसी कॉस्मैटिक ब्राण्ड के स्टोर को ढूंढती। वहाँ उनके स्टोर पर हम जाते। जो ट्राई का सामान होता, उसके पास खड़ी लड़की से वह कहती कि ये ब्राण्ड उसने कभी इस्तेमाल नहीं किया है। न ही उसे करना आता है। मुझे आगे करके कहती कि पहले उसे इनके चेहरे पर इस्तेमाल करना सिखाओ। वो मेरा मेकअप करती, ये बड़े ध्यान से देखती और मैं इस छ फीट की यूरोपियन अर्पूव सुन्दरी का चेहरा ध्यान से देखती। मेकअप होते ही वह मेरे र्पस से निकाल कर मेरे माथे पर बिंदी लगा देती क्योंकि बिंदी के लिए उसके पास अंग्रेजी में शब्द नहीं था। बिंदी सिर्फ काली होती इसलिए उसे शेड मिलाने में मशक्कत नही करनी पडती थी| अब वो मेरी बांह में बांह डाले, मॉल में घूमती। उस दिन की एक घण्टा की सैर ऐसे ही की जाती थी। यदि उसकी कोई मींटग मॉल के रैस्टोरैंट में फिक्स होती तो वो मुझे ले आती, मैं उसकी नजरों से दूर घूमती रहती ताकि मेरी वजह से उसे जरा भी डिर्स्टबेंस न हो। मीटिंग खत्म होते ही वह मुझे फोन करती, मैं पार्किगं में गाड़ी के पास पहुंच जाती। घर में हम अपने अपने कमरे में चले जाते। मेरे कान बाहर ही लगे रहते थे| मुझे उसके प्रश्नों का जवाब देना अच्छा लगता था। अगर वो नीलम की पुकार करती तो मैं तुरंत बाहर जाती थी। एक ही लड़की में इतने गुण देख कर मैं सोचती ये बयालीस साल की हो गई है। इसने अब तक शादी क्यों नही की? ये प्रश्न मेरे दिमाग में हर समय खड़ा रहता, उसे बुरा न लग जाये इसलिये नहीं पूछती थी। घर उसने होटल की तरह मेनटेन किया हुआ था। ऑफिस समय में फॅारमल,  टाइम ओवर  एकदम कैजुअल में। उसका सब काम समय से चलता था। एक सण्डे शाम हम बाहर से खाकर लौटे। सामने हमारा इंतजार करती कात्या मूले खड़ी थी, बेटी उसके पास रूक गई। मै चेंज करने चली गई। लौटी तो बेटी चली गई। मेरे मुंह से निकल ही गया था मैं बोली,” मुझे तुमने हैरान कर रखा है बिना किसी परिवारिक मदद के काम कर रही हो। इतने अच्छे से रह रही हो? वो कौन किस्मतवाला होगा, जिसकी तुम पत्नी बनोगीं? पहले उसने धन्यवाद किया फिर वो अपने बारे में बताने लगी कि उसे उच्च शिक्षा का शौक था। इसलिये उसने पहली जॉब, बियर बार में की। यहाँ आने वाले एक रेगुलर ग्राहक से उसकी दोस्ती हो गई। दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला। वह उसे दिलोजान से चाहने लगी। वो मुझसे मंहगे महंगे गिफ्ट की डिमाण्ड करता, मैं पूरा करती,  बार के उसके बिल पे करती, प्यार जो उसको करती थी न। पढ़ना-लिखना सब छूट गया था क्यूंकि ये प्यार का नशा था जिसका न था उतार| बाद में पता चला कि वो शादीशुदा है। मेरे गिफ्ट वो अपनी पत्नी को देता था। सच्चाई जानकर, उससे ब्रेकअप करने में काउंसलर ने मुझे बहुत सहयोग किया। मैंने उस धोखेबाज से फैंडशिप भी नहीं रखी क्योंकि मैं एक सिद्धान्तवादी लड़की हूं। जब मेरा किसी से अफेयर चल रहा हो, तो मैं कभी दूसरा अफेयर साथ में नहीं करती। ब्रेकअप के बाद ही अगला करती हूं।क्रमशः

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