फर्श की घिसाई के लिए हमारे यहां रामदीन बात करने आया था। उसने कुछ घरों के नम्बर बताये जहां उसने काम किया था और उसका कहना था कि सभी उसके काम से खुश हैं। उसने फिर कहा,’’आपके अपने पड़ोस के घर का, मेरी घिसाई का फर्श देख लो बिल्कुल शीशे की तरह चिकना है।’’ वाकई उनका फर्श बिल्कुल चमकता था। अब उसे स्क्वायर फुट के हिसाब से ठेका दे दिया था। उसने अपना काम शुरु कर दिया था। अभी उसने हमारे घर में एक ही घिसाई की थी। फर्श के दाने दिखाई देने लगे थे। पता चला पड़ोस की आंटी का फर्श पर पैर फिसला और उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई। अब वह बिस्तर पर हो गई थीं। हम डर गये कि हमारी अम्मा अगर फिसल गई तो!! हमने रामदीन से कहाकि हमें नहीं चिकना फर्श करवाना। जैसा है वैसा ही छोड़ दो। अब वो कहने लगा कि हमारे ठेका लेने के कारण उसने बड़ी बड़ी इमारतों के ठेके छोड़ें थे। वो काम पूरा करके देने को तैयार है लेकिन हमारी तरफ से मनाही है इसलिये वह पेमन्ट पूरी लेगा जो तय है। अब पैसों के कारण अम्मा के लिए रिस्क तो ले नहीं सकते थे। पहली बार घर बनवा रहे थे, अनुभव भी नहीं था। थोड़ा सा हिसाब किताब जानने वाला कम पढ़े लिख्ेा रामदीन ने नाप जोक करके कैल्कुलेटर से बिल दिया। भाई ने भी अपना हिसाब किया दोनों का एकसा हिसाब निकला। भाई पैसा लेने चला गया। रामदीन बैठ गया उसकी दो लेबर मशीन ले जाने के इंतजाम में लग गई। रामदीन ने बात शुरु की कि मन में नाराज़गी मत रखना। जब ऊपर बनवाओगे तो ठेका मुझे ही देना। मेरी लड़की की शादी है। मैंने लड़के को मोटरसाइकिल देने का बोला हुआ है। आपका काम पूरा करते ही गांव जाना था। अब आज ही चला जाउंगा। शादी के हिसाब में आपके घर का पैसा भी जोड़ा हुआ है। दहेज़ में मोटर साइकिल सुन कर मैंने उसे बीच में टोक कर पूछा,’’लड़का क्या करता है?’’उसने बताया कि उसकी बेटी के लिए दो रिश्ते आए। एक लड़का बी.ए. पास था और दूसरा आठवीं फेल है पर लेडिज़ कपड़ों पर गज़ब के डिजा़इन बना कर मशीन से कढ़ाई करता है। सलमें सितारे जड़ता है। सबने मुझे पागल कहा पर मैंने तो रिश्ता आठवीं फेल से किया है।’’मैंने जानने के लिए पूछा,’’तुमने क्या सोच कर ये रिश्ता किया?’’उसने जवाब दिया,’’वो कारीगर है। यहां भी आ गया तो कमा खा लेगा, गिरस्ती चला लेगा। मेरी अनपढ़ बेटी भी बिना कहीं गए, उसके काम में मदद कर सकती है। अगर यहां काम न मिला तो अनपढ़ होने के कारण मेरे साथ घिसाई के काम में लग जायेगा। मेरी दो घिसाई की मशीने किराए पर चलती हैं। पढ़ा लिखा तो नौकरी ढूंढता रहेगा। जब मिलेगी तभी करेगा न। अगर मैं घिसाई के काम में लगने को कहूंगा तो अपनी बेइज्ज़ती मानेगा।’’ कुछ देर सोचता रहा फिर बोला,’’ पढ़ा लिखा दामाद होगा तो मुझसे सीख नहीं लेगा कि मैं भी तो लेबर के साथ वैसे ही कपड़े बदल कर घिसाई करता हूं।’इतने में ’भाई ने पेमेंट लाकर उसे दी। वह खुशी खुशी चला गया और मैंने सबको उसके दामाद चुनाव की सोच सुनाई। आज आपके लिए जैसी सुनी थी वैसी लिख भी दी।
7 comments:
Good
रामदीन ने अपनी हैसियत और सोच के हिसाब से बिल्कुल सही चुनाव किया
Intelligence is not shorn of education. People whom we treat as illiterate are also exceptionally intelligent.
हार्दिक आभार अवनीश माटा जी
हार्दिक धन्यवाद अजय शर्मा
हार्दिक आभार चंद्र भूषण त्यागी जी
पढ़ने के लिए सभी का हार्दिक आभार
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