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Tuesday 17 January 2023

’शक्ति का प्रकाशपुंज’ : माँ सीता विषय पर संगोष्ठी साहित्य संर्वधन यात्रा भाग 7 नीलम भागी Sahitya Samvardhan Yatra Part 7 Neelam Bhagi

पुनौराधाम से पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के तहत रेडक्रास के सभागार में एक संगोष्ठी सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यहाँ मुझे गणमान्यों की सादगी और सहजता ने बहुत प्रभावित किया। हम कार्यक्रम से पहले सभागार में जाकर बैठे। हम सब आपस में बतियाने लगे। मेरे बाजू में जो महिला बैठीं थीं, मुझे बताने लगीं कि आप पंथ पाकड़ जाओगी तो वहाँ आपको बहुत अलग सा लगेगा आगे वे वहाँ के बारे में बताने लगीं तो उन्हें मंच पर बुलाया और उनका परिचय बताया जाने लगा वे लगातार तीन बार से विधायक गायत्री देवी हैं। इसी तरह और राजनेताओं की गरिमामय उपस्थिति रही। किसी के साथ चेलों की भीड़ नहीं है। मैं मंचासीन आदरणीयों के परिचय सुन रही थी और जनप्रतिनिधियों की सादगी पर हैरान हो रही थी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् बिहार के तत्वाधान में आयोजित समारोह का उद्घाटन सांसद सुनील कुमार पिंटू, ने किया और पूर्व सांसद सीताराम यादव, विधायक गायत्री देवी, पूर्व विधायक गुड्डी देवी, साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर जी व सामाजिक कार्यकर्ता राजेश चौधरी ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। श्वेता भारती ने भारतमाता वंदना प्रस्तुत की। श्री पराड़कर जी की अध्यक्षता में सम्मान सत्र का संचालन संगठन मंत्री वाल्मीकि कुमार और संगोष्ठी का संचालन देश के चर्चित मंच संचालक हरिबहादुर सिंह हर्ष ने किया। 








विषय प्रवेश संगठन की प्रदेश सचिव मीनाक्षी मीनल ने कराया। सांसद सुनील कुमार पिंटू, ने कहा कि सीतामढ़ी में माता सीता की विश्व की सबसे ऊँची (251 मीटर) प्रतिमा स्थापित होगी, जिसके चारों ओर भगवती सीता की 108 प्रतिमाएँ गोलाकार स्थापित की जायेंगीं जो उनके जीवन दर्शन को व्यक्त करेंगी। जानकी के जीवन दर्शन पर आधारित एक डिजिटल संग्राहालय, शोध संस्थान और अध्ययन केन्द्र भी यहाँ बनाया जायेगा। यहाँ तुलसीदास, वाल्मीकि, केवट सहित रामायण के प्रमुख पात्रों की मूर्तियां भी लगाई जायेंगी। तीन बार यहाँ आयी हूं। हमेशा मन में एक भाव उठता था कि सीता माँ का, राम मंदिर की तरह मंदिर बनना चाहिए। सांसद सुनील कुमार पिंटू जी को साधूवाद जो इस कार्य को लेकर लगातार प्रयासरत हैं।  

 ’शक्ति का प्रकाशपुंज’माँ सीता विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर गौतम वात्सायन व स्वतंत्र शांडिल्य ने काव्य पाठ किया।

सभागार में उपस्थित सभी सुधिजन ग़ज़ब के श्रोता रहे। विषय ही ऐसा था माँ जानकी तो मिथिला की प्राण हैं और लाजवाब वक्ताओं को सुनना इसलिए संगोष्ठी बहुत देर तक चली। अपने व्यस्त समय में से यहाँ आने के लिए समय दिया। मसलन सीतामढ़ी की चर्चित चिकित्सक डॉ. रेणु चटर्जी महिला रोग विशेषज्ञ तो हैं ही विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी देती हैं। इनके पति स्व. प्रो. टी.के. चटर्जी सीतामढ़ी श्री राधा कृष्ण गोयनका कॉलेज में कार्यरत थे। उनका भी जीवन सामाजिक दायित्वों कर निर्वहन करते गुजरा। फिलहाल डॉ. चटर्जी प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़ी हैं। सभी समापन तक रहे।

स्ंगोष्ठी में डॉ. दशरथ प्रजापति, अभय प्रसाद, डॉ. राजेश सुमन, डॉ. प्रतिमा आनन्द, दिनेशचंद्र द्विवेदी, अनिल कमार, किरण प्रसाद, रामबाबू निरब, शम्भू सागर, सावित्री प्रसाद, नीरा गुप्ता, पंकज कुमार, रंजन कुमार सिंह, आलोक सिंह, संजीव सिंह, अरुण कुमार गोप, पप्पू कुमार, आग्नेय कुमार व राम जन्म सिंह समेत अन्य थे। कार्यक्रम के समापन पर वेटरन्स इंडिया ( पूर्व सैनिकों का संगठन ), सीतामढ़ी शाखा, बिहार की ओर से खूबसूरत पॉट में पौधे उपहार में दिए गए। क्रमशः 









2 comments:

Neelam Bhagi said...

हार्दिक धन्यवाद

Monika Tewari said...

Nice Massi ji