नारी प्रगति सोशल फाउंडेशन और नई पहल के प्रयास से महिला सम्मान दिवस था आयोजन किया गया दोनों संस्थाओं को बहुत-बहुत धन्यवाद
बेटियां
बेटियों के प्यार को कभी आजमाना नहीं,
वह फूल हैं उसे कभी रुलाना नहीं।
पिता का तो गुमान होती है बेटियां,
जिंदा होने की पहचान होती है बेटियां ।
उसकी आंखें कभी नम ना होने देना,
उसकी जिंदगी से कभी खुशियां कम ना होने देना।
उंगली पकड़कर कल जिसको चलाया था तुमने,
फिर उसको ही डोली में बिठाया था तुमने,
बहुत छोटा सा सफर होता है बेटी के साथ,
बहुत कम वक्त के लिए वह होती है हमारे पास।
असीम दुलार पाने की हकदार हैं बेटियां,
समझो भगवान का आशीर्वाद हैं बेटियां।
क्या लिखूं कि वो परियों का रूप होती हैं,
या कड़कती सर्दियों में सुहानी धूप होती हैं।
वह होती हैं चिड़ियों की चहचहाहट की तरह या कोई निश छ्ल खिलखिला हट।।
वह होती है उदासी के हर मर्ज की दवा की तरह,
या उमस में शीतल हवा की तरह।
वो पहाड़ की चोटी पर सूरज की किरण हैं,
वह जिंदगी सही जीने का आचरण हैं।।
हैं वो ताकत जो छोटे से घर को महल कर दे,
वो जो सबसे ज्यादा जरूरी है।
यह नहीं कहूंगी कि वह हर वक्त सांस सांस होती हैं
क्योंकि बेटियां तो सिर्फ एहसास होती हैं।।
श्रीमती भारती भागी कवियत्री
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