Search This Blog

Thursday, 18 May 2023

रेल में हमारी संस्कृति माउंट आबू की यात्रा मीडिया महासम्मेलन एवं मेडिटेशन रिट्रीट 2023 भाग 2 नीलम भागी Neelam Bhagi

 

नियत समय पर गाड़ी छूटी। सहयात्री भी बहुत अच्छे मिले हैं। 100 लोगों का ग्रुप चार धाम की यात्रा करके, अहमदाबाद लौट रहा था। उनके पास करने को यात्रा संबंधी खूब बातें थीं। वे गुजराती में बतिया रहे थे। मैंने कहा, "आप लोग हिंदी में बोले तो मैं भी आपकी बातों का आनंद उठा सकती हूं ।" वह हिंदी में बोलने लगे। उन्होंने मुझसे पूछा," दिल्ली में क्या बारिश हो रही है? मैंने जवाब दिया, "हां और मौसम भी बहुत ठंडा है लग ही नहीं रहा कि मई का महीना है।" उन्होंने जवाब दिया कि वहां पर भी बारिश होने से बहुत ठंड और रास्ता ऐसा हो गया था कि बहुत सावधानी से हम यात्रा कर रहे थे फिर भगवान को  हाथ जोड़कर धन्यवाद किया कि उनके चार धाम की यात्रा पूरी हो गई। मेरा खाना बुक था पर उन्होंने तरह-तरह के घर के बने स्नैक्स, मूंगफली की बर्फी न जाने कितनी वैरायटी निकाली और मुझे भी ऑफर की। साथ-साथ मुझे बताने लगे कि उनका खाना पैकेज में था। लेकिन ट्रेन का अपना होता है। जाते समय तो हम बना कर ले गए थे। यह स्नैक्स के बॉक्स आज खुले हैं। हर चीज बहुत उम्दा  बनी थी। उनमें से एक जोड़ा सेना से रिटायर था फिर वे अपनी पूरे भारत भ्रमण की नौकरी के समय की बातें बताने लगे। मेरा डिनर आ गया। तब तक वे सब बातें करते रहे, जैसे ही मेरा डिनर खत्म हुआ। मैं उठ कर खड़ी हो गई कि मुझे सोना है। मैं जानती थी, यह लोग  यात्रा से बुरी तरह थके हुए हैं। मेरे कारण बैठे हैं। तुरंत मिडिल सीट खोली गई। बिस्तर लगे। मैंने लाइट ऑफ की और पूरे में खर्राटों की आवाज आने लगी। देर से सोने वाली और देर से उठने वाली, मैं भी जल्दी सो गई। 2:00 बजे मेरी नींद खुल गई, इस डर से कि कहीं मैं सोती न रह जाऊं। सोने से पहले मेरे  सहयात्रियों ने मुझे बताया था कि वो कभी भी माउंट आबू चले जाते हैं, वहां की हवा खाने। जहां आप जा रही हैं, उसका परिसर जरूर घूमना बहुत खूबसूरत है। 5 बजे दो-तीन लोगों ने मुझे आवाज लगाई। आप उठ जाएं। आबू रोड 25 मिनट में आने वाला है। जाग तो मैं रही थी पर उनका इस तरह ध्यान रखना, मुझे अच्छा लगा। स्टेशन आने पर एक सहयात्री मेरे लगेज के साथ आकर खड़े हो गए। मुझे कहा, "आप उतारिए, मैं लगेज पकड़ता हूं।" मैं उतर गई, उन्होंने मेरा  लगेज नीचे रख दिया । मेरी तो यात्रा की शुरुआत ही बहुत अच्छी हुई। क्रमशः






No comments: