मैं मलाई में जितना दही जमाना हो, उतना गर्म दूध डालकर, यह ध्यान रखती हूं कि यह मलाई मिला, जमाने वाला दूध गुनगुना गर्म हो। इसमें जामुन (थोड़ा सा दहीं) लगाकर, दही जमाती हूं। घर में जितना दूध आता है, उसे उबालकर ठंडा करके फ्रिज में रख देता हूं। मलाई साइड में करके दूध इस्तेमाल करती रहती हूं। अब जितना दूध मलाई बचता है, उसे गुनगुना करके, दहीं जमाने में इस्तेमाल कर लेती हूं। दूध के ऊपर से मलाई अलग नहीं निकाल कर रखती। जब दहीं जम जाता है तो उसे फ्रिज में रख देती हूं। 6, 7 घंटे के बाद उसके ऊपर से लगभग आधा या बर्तन का मुंह अगर छोटा है तो 1 इंच दही निकाल कर, एक अलग पतीले में रख देती हूं। यह मलाई दही का पतीला फ्रिज में ही रहता है। यह फुल क्रीम दही बहुत स्वाद होता है। दुबले पतले स्वाद लेकर इसे खा सकते हैं। अब नीचे का यह स्किम्ड दही, लो फैट दही, स्लिम और ट्रिम दही इस्तेमाल करती हूं क्योंकि इसमें फैट तो होती नहीं! खाने में, रायता बनाने में, लस्सी बनाने में इसे उपयोग में लाती हूं। जब मेरा वह पतीला, मलाई दही का एक निश्चित मात्रा तक भर जाता है तो उसमें कलुछी घूमाती हूं। हैंड ब्लेंडर भी ले सकते हैं पर बहुत जल्दी मक्खन निकल आता है इसलिए कलछी से घुमाती हूं। आपको जल्दी है तो ब्लेंडर इस्तेमाल कर सकते हैं या मिक्सी ले सकते हैं। चित्र के अनुसार जब इसमें से मक्खन और छाछ कुछ अलग सा दिखने लगे। फिर भी घूमाते जाओ। कुछ देर बाद छाछ और मक्खन बिल्कुल अलग हो जाएगा और घुमाएंगे तो मक्खन बिल्कुल गोल सा बनकर छाछ से अलगहो जाएगा। अब इसमें पानी डाल सकते हैं और मक्खन का जो गोल है, उसे छाछ में घूमा कर अलग निकाल लेंगे। इस मक्खन में थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर धोते रहेंगे और पानी छाछ में डालते जाएंगे। जब पानी साफ हो जाए तो समझ लो मक्खन से सारी छाछ निकल गई है। अब इस छाछ की बहुत लाजवाब कढ़ी बनती है। अगर इसे कुछ घंटे बाहर रहने दे तो बहुत खट्टी कढ़ी बनती है। इसमें जरा भी गंध नहीं होती है। मक्खन भी बेहद स्वाद होता है। इस पूरे प्रोसेस में 10 मिनट भी नहीं लगते हैं। इस मक्खन से घी बनाते समय सारा घर महक जाता है। घी बनाने की बहुत आसान विधि अगले भाग में
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