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Thursday, 10 July 2025

लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट से घर की ओर, अमेरिका प्रवास!!नीलम भागी

 


   गीता और उत्कर्षनी  से मिलते ही मैंने पूछा," दित्या कहां है?" उसने बताया कि आपका फोन आते ही हम घर से निकल कर एयरपोर्ट के पास इन एंड आउट में बैठ गए, यहां लॉन में बहुत अच्छी घास वगैरह है। ऊपर से प्लेन उड़ते दिखाई देते हैं। यहां बर्गर वगैरह लेकर लोग घास पर  लेटे  हुए जहाज़ की तस्वीरें भी लेते हैं। जैसे  ही आपका इमिग्रेशन क्लियर होगा, आपका फोन मिलते ही हम चल पड़ेंगे। तब तक आप लगेज लोगी, हम आपको पिक कर लेंगे फिर सब दित्त्या के समर कैंप जाकर उसको सरप्राइज़ देंगे। आप लेट हो गईं! दित्त्या को लेने का समय हो गया था इसलिए राजीव निकले ही थे कि आपका फोन आ गया। एयरपोर्ट पर ट्रैफिक कम करने के लिए टैक्सी स्टैंड कुछ दूर है। यहां से फ्री बस, टैक्सी स्टैंड तक छोड़ कर आती है। हम तीनों बस से टैक्सी स्टैंड पर पहुंचे।



उत्कर्षिनी ने अपने पुराने घर के एड्रेस पर टैक्सी बुक की। अभी उसने नया घर शिफ्ट किया है। इस घर से 15 मिनट दूर  नया घर है। यहीं से राजीव जी ने दित्त्या को लेकर निकलना है। आज गीता की तो छुट्टी करवा दी। वह घर सेटिंग़ में मदद कर रही थी। लेकिन 4 साल की दित्त्या नानी कब आएगी, नानी कब आएगी का जाप कर रही थी। किसी को काम नहीं करने दे रही थी इसलिए उसकी छुट्टी नहीं कराई थी। टैक्सी से उतरते ही उत्कर्षनी बोली," अरे दित्त्या का पलंग अब तक यहीं रखा है!" अच्छा खासा बढ़िया पलंग, उस पर सिर्फ पेड़ों के पत्ते गिरे हुए थे। वह बताने लगी कि  नए घर में दोनों बहनों का कमरा एक है, जिसमें डबल बैड  रख दिया है। यहां जिस चीज की तुम्हें जरूरत नहीं है, उसे घर से बाहर रख देते हैं। जिसके काम की होती है, वह ले जाता है। इसमें कोई संकोच की बात नहीं है।

इतने में राजीव दित्त्या को लेकर आ गए। मैं तुरन्त उसके पास जाकर बैठ गई । क्योंकि मुझे देखते ही वह अपनी सीट की बेल्ट खुलवाने की ज़िद करने लगी। उसने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया और हम सब घर की ओर चल दिए।



क्रमशः 

Tuesday, 8 July 2025

लॉस एंजिल्स की ओर, एमस्टर्डम एयरपोर्ट से, सामान की तरह मेरा अमेरिका जाना!!नीलम भागी

 


    फ्लाइट के समय मैं गेट नंबर 9 पर पहुंच गई। लेटने से मुझे लग नहीं रहा था कि मैंने लंबी दूरी की यात्रा की है। महिला कर्मचारी ने आकर कहा कि जिनके साथ असिस्टेंट हैं, वे रुक जाएं बाकि सीट पर बैठ जाएं क्योंकि फ्लाइट 40 मिनट लेट है। उसने हमारा बोर्डिंग पास चेक किया। 


हम कुल 6 लोग थे। जिनमें तीन भारतीय असिस्टेंट वाले थे। मेरे साथ जो दो भारतीय महिला थीं, उनके पति साथ में वैसे ही थे। जहां व्हील चेयर पर बिठाकर कर जाना होता था, वहां उनके पति साथ साथ पैदल चलते थे। भारत से यहां व्हील चेयर का कम इस्तेमाल था। गाड़ी ज्यादा इस्तेमाल होती थी । उस पर साथी को बिठा लेते थे। अब हमें गेट के पास  लगी सीटों पर छै को बिठा दिया। यहां फर्श पर लिखा था असिस्टेंट। फ्लाइट के समय सबसे पहले हमें भेजा। यह सीट पर बहुत बढ़िया थी। प्रीमियम में सबसे आगे की और कोने की जिसके आगे भी काफी जगह थी। सीट पर बैठते ही उत्कर्षनी और अंकुर को फोन किया। टेक ऑफ होते ही मेन्यू कार्ड और पानी की बोतल। नॉन ऐल्कॉहॉलिक में पहली फ्लाइट से अलग ड्रिंक लिया। नॉन वेज और एल्कोहलिक की लिस्ट काफ़ी ज्यादा लगी। मेरे लिए अलग से सर्व होने लगा, तो मैं तपाक से बोली,"वेज।" एयर होस्टेस हंसते हुए बोली,"वेज ही है।" लंच बहुत स्वाद था। खाते ही मैं  सो गई। नींद खुलते ही मैं प्लेन में चक्कर लगा आई। इसमें देश दुनिया के  यात्री थे। मुझे नहीं लगा कोई एयर होस्टेस हिंदी जानती होगी। पर मेरे लिए बिना कहे ही आकार मेरी मर्ज़ी से सीट  पीछे करना, टांगों के नीचे सपोर्ट करना , टीवी लगाने के लिए पूछना आदि किया। लैंड करने से पहले फिर ब्रेकफास्ट सर्व हुआ।  लैंड करते ही मैंने उत्कर्षिनी को फोन किया। प्लेन से बाहर आते ही हम असिस्टेंट वालों को व्हील चेयर पर बिठाकर ले गए और मुझको गाड़ी में बिठाया, दोनों महिलाओं की व्हीलचेयर आते ही उनके साथियों के साथ गाड़ी में बिठाया। बैठते ही उनके पति बोले यहां वाईफाई नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया कि यह इमीग्रेशन एरिया है, यहां वाई-फाई नहीं अलाउड। और हमें लेकर इमिग्रेशन के लिए चल दिये। दो जगह लिफ्ट से जाना था, गाड़ी ही लिफ्ट में गई। हमें इमीग्रेशन हॉल से पहले गाड़ी से उतारकर व्हीलचेयर पर बिठा दिया। दोनों महिलाओं के पति साथ में पैदल चल पड़े। यहां व्हीलचेयर वालों को अलग कर दिया और हमें बिठाकर वे चले गए। और बाकी लोगों की लाइन लगी हुई थी ।  हमारे पासपोर्ट पर एक नंबर डाल  दिया गया। दोनों महिलाओं के पति कुछ देर तक हमारे साथ, उनके पास खड़े रहे । जब दूसरी लाइन खत्म होने लगी तो वो भी जाकर उस लाईन में लग गए। तभी व्हील चेयर छोड़ कर उनकी पत्नी भी जाकर उनके साथ उस लाईन में लग गईं। उनका इमिग्रेशन हो गया। काफ़ी समय बाद मेरे लिए महिला असिस्टेंट आई, उसने मेरे पासपोर्ट पर लिखे नंबर को देखा और मुझे इमिग्रेशन के लिए ले गई। इमिग्रेशन के बाद, मैंने उत्कर्षिनी को फोन किया। असिस्टेंट मुझे luggage के लिए ले गई। लगेज लेकर बाहर आते ही गीता मेरी और दौड़ती हुईं आई। उत्कर्षनी ने असिस्टेंट को साइन करके दिए। उसने मुझे लगेज के साथ उसे सौंप दिया। क्रमशः

Saturday, 5 July 2025

एमस्टर्डम एयरपोर्ट, सामान की तरह मेरा अमेरिका जाना!!नीलम भागी

 


    प्लेन से बाहर आते हैं एक महिला खड़ी थी उसके पीछे असिस्टेंट का बोर्डे था।  उसके आगे मैंने अपना बोर्डिंग पास किया, उसने तुरंत एक व्हील चेयर पर बिठाकर गले में गुलाबी रंग का बिना किसी कार्ड के जैसे किसी प्रोग्राम सेमिनार आदि में आई कार्ड लटकते हैं वैसा ही गुलाबी पट्टा गले में डाल दिया। एक गाड़ी खड़ी थी, उस पर बिठा दिया। मुझे पूछा कि आपके साथ कोई है। मेरे न कहने फिर बाकि को बिठाया  एक महिला यह गाड़ी चलाते हुए हमें एक स्थान पर ले गई। जहां कुर्सियां थी और गाड़ियां थी। गाड़ी से उतरते हैं हमें लाईन में लगने को कहा। एक महिला बहुत ध्यान और फ़ुर्ती से बोर्डिंग पास देखते और एक लिस्ट से मिलाते हुए, उस पर मार्कर से रंगीन लकीर खींचती साथ में खड़ा आदमी हिंदी बोलता था, वह बताता हमें कहां बैठना है और गले से माला ले लेता। मेरे साथ जो भी बैठाए उन सब के बोर्डिंग पास पर हरी लकीर  थी। एक आदमी आया और बोला," मुझे फॉलो करना।" हम उसके साथ जाकर एक गाड़ी में बैठे। जहां उतारा, वहां फिर बहुत गहन सुरक्षा जांच हुई। हमारी गाड़ी के सभी यात्रियों  की जांच होने पर उसने हमें गाड़ी पर बिठाया और  एक एक को उसकी फ्लाइट के अनुसार बोर्डिंग पास पर लिखे गेट पर जाकर बिठा कर आया। गेट पर गाड़ी रोकता, यात्री का नाम लेता, उसको उतार कर उसका इन्हेंड सामान लेकर उसे सीट पर बिठा कर, बोर्डिंग पास पर लिखा समझ कर जाता। इस प्रकार मेरा एमस्टर्डम एयरपोर्ट का भ्रमण हो गया। मुझे गेट नंबर 9 पर उतार कर समझाया। साढे तीन घंटे बाद मेरी लॉस एंजिल्स के लिए फ्लाइट थी जो 40 मिनट लेट थी। अगली फ्लाइट 11.30 घंटे की थी। अंकुर ने रोमिंग करवा दी थी। उतरते ही  सबको सूचना दे दी थी। फोन पर उत्कर्षनी यात्रा के बारे में समझाती रहीं कि लॉस एंजिल्स लैंड करते ही उसे तुरन्त फोन करूं। मेरे साथ असिस्टेंट है इसलिए मुझे देर नहीं लगेगी। इमिग्रेशन के बाद सामान लेते ही वह मुझे सामने मिलेगी। असिस्टेंट मुझे उसको हैंडओवर करेगा, वह साइन करेगी। इसलिए मैं बहुत इत्मीनान से बैठी थी । देखा गेट से कुछ दूर सोफे रखें हैं । जिसमें दो तीन सीटर हैं। एक पर गुजराती लड़की लेटी हुई थी और दूसरा खाली है। मैं खाली पर जाकर लेट गई। सिर के नीचे इन्हेंड लगेज रखा तकिए की तरह और पैर हैंडल पर रखे। अब मेरा मनपसंद काम शुरू हो गया, देश दुनिया के लोगों को देखना और मेरे पैरों की सूजन भी कम होनी शुरु गई थी। ये फ्लाइट भी मेरी KLM royal Dutch airlines से थी जिसका एक्सपीरियंस अच्छा रहा है। क्रमशः 






Friday, 4 July 2025

दिल्ली से एमस्टर्डम, सामान की तरह मेरा अमेरिका जाना!!नीलम भागी

 


प्लेन के प्रवेश पर क्रू मेंबर्स के कारण बड़ा खुशनुमा सा माहौल था। खिले चेहरों के साथ वे सबका स्वागत और सहयोग कर रहे थे। शायद इस कारण दिमाग से निकल गया था कि लंबी दूरी  की उड़ान है। मेरी प्रीमियम क्लास में विंडो सीट थी।

सीट बहुत आरामदायक थी। टीवी और पैर रखने के लिए फुटरेस्ट था। फुटरेस्ट को सुविधानुसार ऊपर नीचे कर सकती थी। मुझे यह सब एक्सपेरिमेंट करते देखकर एयर होस्टेस मेरे पास आई और उसने मुझे बटन बताए, एक से मेरी सीट पीछे हो रही थी। दूसरे से टांगों को सपोर्ट मिल रहा था। समय पर टेक ऑफ हुआ। पानी की बोतल के साथ मेन्यू कार्ड दिया गया। नॉन ऐल्कॉहॉलिक 🍷 और  वेज में अपनी आदत के कारण मैं नया हो तो वही ट्राई करती हूं। सब कुछ लज़ीज़ था। खाते ही मैं सो गई। बीच में मेरी नींद खुली। खिड़की का शटर उठा कर देखा नीचे एकदम काले बादल है एक किनारे पर बहुत खूबसूरत केसरिया रंग है। कुछ देर उसे निहारती रही फिर विंडो का शटर गिरा दिया। प्लेन में  डिम लाइट थी, उठकर थोड़ा चली देखा, सभी यात्री नींद के आगोश में थे। मैं भी अपनी सीट पर आकर फिर से  सो गई। बहुत अच्छी नींद आई। लैंडिंग से पहले ब्रेकफास्ट सर्व हुआ। उसके कुछ समय बाद लैंडिंग का संदेश मिला। पेटी बांधी। यात्रा से पहले मन में घबराहट थी कि इतनी लंबी फ्लाइट है। कैसे समय कटेगा! यहां तो टीवी भी ऑन नहीं करना पड़ा। विंडो से लैंडिंग देखना बहुत अच्छा लग रहा था। प्लेन ने धरती को छुआ, मेरी यात्रा का एक भाग पूरा हुआ। KLM royal Dutch airlines से यात्रा बहुत अच्छी रही।

क्रमशः 

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid013tGnYTAUP5QAes39jZYFp8s1DpdsrZKSupbwds3QidnFStDujDxXwUTfLeAULeGl&id=100063936314504&mibextid=ZbWKwL







Thursday, 3 July 2025

सांस्कृतिक विविधताओं को उजागर करते जुलाई के पर्व नीलम भागी

 




प्रेरणा शोध संस्थान से प्रकाशित प्रेरणा विचार पत्रिका के जुलाई अंक में यह लेख प्रकाशित हुआ है।

Tuesday, 1 July 2025

वॉक टू एयरपोर्ट, सामान की तरह मेरा अमेरिका जाना!!नीलम भागी

 


 गेट नंबर वन के सामने हम अंकुर का इंतजार कर रहे थे। वह आया उसके साथ व्हीलचेयर लिए असिस्टेंट था। उसने कहा आप लगेज के साथ गेट नंबर एक पर पहुंचे। मैं इन्हें लेकर आता हू। मैं व्हील चेयर पर बैठी पर मुझे बहुत बुरा लग रहा था। खूब भीड़ में भी, सब हमें रास्ता देते जा रहे थे। हम पहले गेट पर पहुंच गए और अंकुर का वेट करने लगे। वह भागता हुआ लॉन्गेजेज लेकर आ रहा है। श्वेता गाड़ी में ही 8 नंबर गेट पर रही क्योंकि यहां ड्रॉप कर सकते हैं पार्किंग नहीं।🧳 लेते ही असिस्टेंट ने मेरा पासपोर्ट टिकट वीजा गेट पर दिखाया और हम अंदर ,KLM operated by Dutch Airlines के चेक इन काउंटर पर पहुंचे। हमें कहीं भी लाइन में लगना नहीं पड़ा। मुझ से भी उसने मेरी व्हीलचेयर पर आकर पूछा।  बोर्डिंग पास देने  भी वो सीट छोड़ कर, मेरे पास आई और पास पर लिखे हुए को मुझे पढ़कर समझाया कि बीस नंबर आपका गेट है और जो 3:15 पर क्लोज हो जाएगा। बाकि सब असिस्टेंट कर रहा था। बोर्डिंग पास मिलते ही हम सिक्योरिटी के लिए गए। सिक्योरिटी जांच के बाद , मुझे मेरे गेट नंबर  पर पहुंचाने चल पड़ा।  एक एयरलाइंस की एयरहोस्टेस की sari 🥻 की तरह लगने वाली ड्रेस बहुत अच्छी लगी। सीट पर  बैठाने से पहले, मुझे वाशरूम जाने के लिए पूछा। मेरे हाँ कहने पर वह मुझे ले गया। आकर पर  सीट पर बैठने में मदद की। और  कहा कि वह आस पास है बोर्डिंग के समय वो आ जाएगा। अब मैं वहां बैठी एमस्टर्डम जाने वालों का मुआयना करने लगी। मुझे ज्यादातर पंजाबी लग रहे थे। इनहैंड समान भी किसी के पास बताए गए भार से एक ग्राम भी कम नहीं होगा। मेरे पर्स के साथ एक छोटा सा बैग था। जिसमें बीपी की दवा और एक दिन कपड़े थे वो भी इसलिए कि अगर luggage खो गया तो! उसी में मैंने अपना पर्स डाल दिया। बोर्डिंग शुरू होते ही असिस्टेंट आ गया। अब मुझे चेयर पर बिठाकर प्लेन के पास ले गया। यहां मैंने उसे मना कर दिया। बोला इतना तो मैं चल सकती हूं। और चल दी जो ज़्यादा मजबूर थे वो  💺 जा रहे थे। क्रमशः 

https://www.instagram.com/reel/DLnsD_3hzwj/?igsh=YzljYTk1ODg3Zg==





Monday, 30 June 2025

सामान की तरह मेरा अमेरिका जाना! नीलम भागी

 




 मेरा 15 दिन का विजिट था लेकिन गीता और दित्या की छुट्टी की वजह से और बेहद उनकी इच्छा से छ हफ्ते का प्रोग्राम बनाया। समान कुछ लाना नहीं था इसलिए तैयारी मुझे ज्यादा करनी नहीं थी। मुख्य मेरी बी पी की दवा थी जो मैंने पासपोर्ट के साथ पहले ही रख ली थी। KML फ्लाइट से मेरी 3.55 की 26 जून को इंदिरा  गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली  से मेरी फ्लाइट थी। मेडिकल इंश्योरेंस और टिकट आदि मेरी तसल्ली के लिए अंकुर ने देसी तरीके से समझा, सब 📌 अप कर दिया। यात्रा मुझे हमेशा से रेल द्वारा पसंद है पर यहां रेल नहीं जाती। मजबूरी में तो मैं फ्लाइट में जाती ही हूं। उत्कर्षनी मुझे फ़ोन पर समझाती, आपको कुछ नहीं करना, न ही सोचना। असिस्टेंट अंकुर से आपको ले लेगा और यहां मुझे हैंडओवर कर देगा। 25 की शाम को श्वेता ने कैब से मुझे मंगवा लिया। शाश्वत सामान के लिए मेरा इंतजार कर रहा था। घर जाते ही अदम्य बहुत गंभीर था उसने मुझे पूछा,"नीनो,आप गीता के पास तो हमेशा के लिए नहीं जा रही हो न!" मेरा जवाब न में सुनकर उसे बहुत तसल्ली हुई और वह मुस्कुराया। रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट मुझे जल्दी जाने की आदत है। अंकुर ऑफिस से आया। मुझे समझाता रहा, पानी पीते रहना फ्लाइट में, थोड़ा बहुत चलते रहना ताकि पैरों में जाम न हो। मैंने ज़िद करके 11 बजे ही घर से निकलवाया। इसका फायदा यह हुआ कि रात को 11:00 के बाद दिल्ली में ट्रकों की एंट्री होती है। जगह-जगह जाम मिल रहे थे। श्वेता गूगल पर रास्ता साफ देखने में लगी रही और अंकुर ध्यान से ड्राइविंग कर रहा था। खैर हम समय से एयरपोर्ट पहुंच गए। अंकुर असिस्टेंट के लिए चला गया। मैं गाड़ी में बैठी रही, श्वेता गाड़ी से बाहर खड़ी अंकुर का इंतजार   करने लगी। क्रमशः 

अमेरिका की ओर नीलम भागी

 


फिल्मफेयर अवार्ड से पहले उत्कर्षनी  सपरिवार भारत 15 दिन के लिए आई थी। दित्या पहली बार आई थी इसलिए उससे मिलने अपर्णा भी सिंगापुर से आ गई। पहली बार दित्या को देखा था। कोरोना काल में उसका अमेरिका में जन्म हुआ था। मैं हर समय गीता दित्या  के साथ रहती थी । लौटने पर दित्या समय का अंतर होने पर भी रेगुलर वीडियो कॉल  करती। गीता और उत्कर्षनी हमेशा बुलाते थे। न जाने का कोई न कोई कारण बन जाता था। वो वीजा के लिए अप्लाई करती। मुझसे ही गलती से मेल डिलीट हो जाती। बाद में उत्कर्षनी का प्यार देखकर  मुझे दुख होता। इस बार पूरा ध्यान रखा। जब डेट आई तब पासपोर्ट रिन्यूअल  में कुल 6 महीने थे।  कोई कमी न रह जाए इसलिए तत्काल में पासपोर्ट रिन्यूअल करवाया। बायोमैट्रिक की मुंबई में डेट मिली। और मैंने मेल पढ़ ली। अब मैं मेल पर बहुत  ध्यान देने लगी। Paperwork और इधर सब अंकुर देख रहा। मुंबई जाने से पहले नया पासपोर्ट भी बन कर आ गया। 8 की फ्लाइट लेकर मुंबई गई। 9 को बाय मेट्रिक टेस्ट हुआ, और शाम को नोएडा वापिस। 12 जून को  अंकुर दिल्ली एंबेसी में इटरव्यू के लिए ले गया। बुधवार को इंटरव्यू हुआ। सोमवार को घर पर वीजा आ गया। गीता और दित्या की गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई। घुटने में थोड़ा तकलीफ हो गई थी। मैंने सोचा रूक कर जाऊंगी। उत्कर्षनी ने टिकट के साथ व्हील चेयर असिस्टेंट कर दिया। और कहां कि कुछ भी नहीं लेकर आना। गीता दित्या बूंदी के लड्डू बहुत स्वाद से खाती हैं बस उसका एक डब्बा लाना है। पहली फ्लाइट दिल्ली से एमस्टर्डम की 9:30 घंटे की और 4 घंटे का ब्रेक, अगली फ्लाइट 11:30 घंटे की एम्सटर्डम से लॉस एंजेलिस। क्रमशः

Sunday, 29 June 2025

प्रवासी जीवन

 



दित्या से  हिंदी सुनकर मन खुश हो गया।  वह सिर्फ़ मुझसे हिंदी में ही बात करती है। गीता पास में बैठी हिंदी समझती है पर जवाब इंग्लिश में देती है लेकिन हिंदी बोलने की कोशिश कर रही है। नीलम भागी


Friday, 27 June 2025

दित्या ने हिंदी सीखी! प्रवासी जीवन नीलम भागी

 दित्या से मेरा वादा था कि जब वो हिंदी बोलेगी तब मैं उसके पास अमेरिका आऊंगी। उत्कर्षनी वशिष्ठ लेखिका (दो राष्ट्रीय पुरस्कारों और अन्य से सम्मानित फ़िल्म गंगुबाई काठियावाड़ी) ने उस पर बहुत मेहनत की। नीलम भागी




Wednesday, 18 June 2025

पानी का दुरुपयोग नीलम भागी

 


पिछले दिनों पानी की बहुत समस्या हो गई थी। जिस तरह से हम जल का दुरुपयोग करते हैं, यह समस्या आने वाले समय में बढ़ेगी ही। जल की बचत करनी ही होगी। जल का उपयोग कम करने और जल की बचत करने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव करने होंगे, जैसे कि नल को बंद करके रखना जब इसका उपयोग नहीं हो रहा हो। जो गवार लोग  पाइप लेकर छिड़काव करते हैं, उन्हें अपने-अपने ब्लॉक के, ब्लॉक रिप्रेजेंटेटिव उन्हें ऐसा करने से रोकें। बाइयों को पानी की बचत करते हुए काम करने की ट्रेनिंग दें, क्योंकि जल है तो कल है।




Sunday, 15 June 2025

*सुश्री निशा केसरी द्वारा मनोहरी कत्थक नृत्य की प्रस्तुति*

मां गंगा के तट पर अस्सी घाट वाराणसी मे सुबह ए बनारस के सांस्कृतिक कार्यक्रम में 14.6.25 की शाम को नवोदित कलाकार सुश्री निशा केसरी द्वारा मनोहरी कत्थक नृत्य की प्रस्तुति। निशा केसरी प्रसिद्ध नृत्यांगना रानी खानम की शिष्या हैं, डॉ राजेश केसरी  एवं नादिया केसरी की पुत्री और मेरी पौत्री हैं, फ्रांस जर्मनी, रुस एवं देश के विभिन्न  शहरों में कत्थक नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति कर चुकी है, दूरदर्शन की कलाकार है। इस अवसर पर काशी के डीआईजी राजेश कुमार सिंह, डा करुनाकर त्रिपाठ सहित अनेक प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे। मुझे भी सम्मानित होने का अवसर मिला।  सुबह ए बनारस के श्याम जी,सीमा जी और सभी आयोजको को सुंदर आयोजन के लिए बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

प्रोफेसर लल्लन प्रसाद जी के व्हाट्सएप वॉल से



Thursday, 12 June 2025

*पंजाबी विकास मंच नोएडा* द्वारा छबील सेवा

 



पंजाबी विकास मंच ने श्रद्धापूर्वक मनाई निर्जला एकादशी और गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर,  आज 12 जून 2025, को ठंडे शरबत की छबील लगाई।  सेक्टर 55 की बाहरी मेन रोड पर, सेक्टर 22 नौएडा के सामने 11 बजे से दोपहर 2.30 तक पंजाबी विकास मंच द्वारा विशाल ठंडे शरबत की छबील का आयोजन किया गया। जिसमें जरूरतमंदों को तौलिये भी वितरित किये गये। यह विशाल कार्यक्रम इकोफ्रैंडली था। कागज के गिलासों का उपयोग किया गया। डस्टबिन की व्यवस्था थी। छबील का उद्घाटन दीपक विग, जे॰एम॰ सेठ जी, सुमित कोहली,  जी. के. बंसल, संजीव पूरी ओर हरीश सभरवाल ने रिबन काट कर किया।  इस पावन पर्व पर ,  ओ. पी. गोयल, संजीव बांदा, ऐस पी कालरा, अमरदीप शाह, प्रदीप वोहरा,  सुनील वाधवा, वंदना बसंल, अलका सूद, सविता अरोड़ा,नीलम भागी, अंजना भागी, प्रभा जयरथ , संगीता सचदेवा, एस॰एस॰सचदेवा , संजय खत्री,अजय साहनी, अमरजीत कौर , शरण चौहान, मोहित अरोड़ा आदि ने बढ़चढ़ कर भाग लिया एवं पंजाबी विकास मंच के सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा।
प्रेषक.....
दीपक विग (चेयरमैन -  पंजाबी विकास मंच)8130365436
जीके बंसल (अध्यक्ष - पंजाबी विकास मंच)।                                                    जे ऐम सेठ ( सरंक्षक व मीडिया प्रभारी )
जय माता  दी।
सत श्री अकाल ।।
         *पंजाबी विकास मंच*
*'Unity, Strength and  Power








Wednesday, 11 June 2025

हाय हम क्या करें! नीलम भागी

 


यह पोस्ट उनके के लिए खास है जो गार्डनिंग की पोस्ट पर कमेंट लिखते हैं, हाय हम क्या करें शौक़ हमें भी बहुत है पर जगह नहीं है। मुंबई से लौटी  हूँ। नेहा के पौधे दिमाग पर छाए हुए हैं। अति व्यस्त कामकाजी लड़की है, फिर भी अपने हिस्से का वायु प्रदूषण कम करती है। यानि 24 वीं मंज़िल के फ्लैट में जहां भी रख सकती है वहां कम वजन के पौधे जरूर रखती हैं।







Sunday, 8 June 2025

सूरजमुखी का फूल हमेशा सूरज की ओर रहता और .....



 सूरजमुखी  का  फूल हमेशा सूरज की ओर रहता है। छुईमुई का पौधा हाथ लगाने पर मुरझा जाता है। मुंबई में नेहा के इनडोर प्लांट के  एक-एक पत्ते का मुंह बालकोनी की रहता है! निधि ने  पॉट को घूमा कर पत्तों का डायरेक्शन अंदर की ओर कर दिया। पत्ते धीरे-धीरे बालकनी की ओर घूम रहे हैं। शाम तक उनकी पोजीशन पहले जैसी हो जाएगी। उससे पहलेउससे पहले मुझे दिल्ली के लिए लौटना है। निधि ने  पॉट को घूमा कर पत्तों का डायरेक्शन अंदर की ओर कर दिया। पत्ते धीरे-धीरे बालकनी की ओर घूम रहे हैं। शाम तक उनकी पोजीशन पहले जैसी हो जाएगी। उससे पहले उससे पहले मुझे दिल्ली के लिए लौटना है।नीलम भागी