गेट नंबर वन के सामने हम अंकुर का इंतजार कर रहे थे। वह आया उसके साथ व्हीलचेयर लिए असिस्टेंट था। उसने कहा आप लगेज के साथ गेट नंबर एक पर पहुंचे। मैं इन्हें लेकर आता हू। मैं व्हील चेयर पर बैठी पर मुझे बहुत बुरा लग रहा था। खूब भीड़ में भी, सब हमें रास्ता देते जा रहे थे। हम पहले गेट पर पहुंच गए और अंकुर का वेट करने लगे। वह भागता हुआ लॉन्गेजेज लेकर आ रहा है। श्वेता गाड़ी में ही 8 नंबर गेट पर रही क्योंकि यहां ड्रॉप कर सकते हैं पार्किंग नहीं।🧳 लेते ही असिस्टेंट ने मेरा पासपोर्ट टिकट वीजा गेट पर दिखाया और हम अंदर ,KLM operated by Dutch Airlines के चेक इन काउंटर पर पहुंचे। हमें कहीं भी लाइन में लगना नहीं पड़ा। मुझ से भी उसने मेरी व्हीलचेयर पर आकर पूछा। बोर्डिंग पास देने भी वो सीट छोड़ कर, मेरे पास आई और पास पर लिखे हुए को मुझे पढ़कर समझाया कि बीस नंबर आपका गेट है और जो 3:15 पर क्लोज हो जाएगा। बाकि सब असिस्टेंट कर रहा था। बोर्डिंग पास मिलते ही हम सिक्योरिटी के लिए गए। सिक्योरिटी जांच के बाद , मुझे मेरे गेट नंबर पर पहुंचाने चल पड़ा। एक एयरलाइंस की एयरहोस्टेस की sari 🥻 की तरह लगने वाली ड्रेस बहुत अच्छी लगी। सीट पर बैठाने से पहले, मुझे वाशरूम जाने के लिए पूछा। मेरे हाँ कहने पर वह मुझे ले गया। आकर पर सीट पर बैठने में मदद की। और कहा कि वह आस पास है बोर्डिंग के समय वो आ जाएगा। अब मैं वहां बैठी एमस्टर्डम जाने वालों का मुआयना करने लगी। मुझे ज्यादातर पंजाबी लग रहे थे। इनहैंड समान भी किसी के पास बताए गए भार से एक ग्राम भी कम नहीं होगा। मेरे पर्स के साथ एक छोटा सा बैग था। जिसमें बीपी की दवा और एक दिन कपड़े थे वो भी इसलिए कि अगर luggage खो गया तो! उसी में मैंने अपना पर्स डाल दिया। बोर्डिंग शुरू होते ही असिस्टेंट आ गया। अब मुझे चेयर पर बिठाकर प्लेन के पास ले गया। यहां मैंने उसे मना कर दिया। बोला इतना तो मैं चल सकती हूं। और चल दी जो ज़्यादा मजबूर थे वो 💺 जा रहे थे। क्रमशः
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