आज इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती, पूर्वी विभाग ने भगवान वाल्मीकि पर गोष्ठी का आयोजन किया | कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश गुप्ता जी ने की | मंच का संचालन मनोज शर्मा जी ने किया | कार्यक्रम का प्रारम्भ सरस्वती वंदना से दिलीप जी ने किया |
वक्ताओ ने भगवान वाल्मीकि जी के बारे मे अपने उदगार रखे | मंच पर उपस्थित जगदीश सिंह जी जिन्होंने एक पुस्तक सिख इतिहास के चमकते सितारे पर एक पुस्तक लिखी है उन्होंने बताया महर्षि वाल्मीकि एक आदिकवि थे जिन्होंने महाग्रन्थ रामायण की रचना की थी |
मनोज शर्मा जी ने बताया कि कैसे हमारे आदिपुरुष महान व्यक्तियों के बारे मे गलत गलत भ्रान्तिया फैला दी गई है कि वो ऐसे थे वो ऐसे थे कुछ चीजें हमारे ग्रंथो मे कुछ इतिहासकारों ने जोड़ दी जिससे उनमे वो गलत बातो को ही इंगित करते है तो हमें अपने ग्रंथो को अलमारी मे सजो के रखने के बजाय उनका अध्ययन करना चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीड़ियों को अपने ग्रंथो के बारे मे बता सके |
मुख्य वक्ता विनोद बब्बर जी ने बताया कि हम उन महान संतो के वंशज है जिन्होंने इतनी तपस्या की है और ऐसे ऐसे ग्रन्थ लिख कर दे गए है उन्होंने बताया कि वो त्रिकाल दर्शी थे | वो महाभारत काल मे भी थे | उन्होंने बताया कि हम सबको संस्कृत आती है हम सब गायत्री मंत्र जानते है और रोज बोलते भी है | उन्होंने डी एन ऐ का अर्थ भी बताया कि अंग्रेजी मे कुछ भी हो पर हिंदी मे इसे दादा नाना का अंश कहेँगे कि हम सब अपने दादा नाना के अंश है | तो हमारे दादा भगवान वाल्मीकि है और हमें उन पर गर्व है वो सिर्फ एक समाज के नहीं है, हम सबके है |
कार्यक्रम मे पूर्वी विभाग मे शाहदरा जिले के दायित्वों की भी प्रान्त कार्यकारी अध्यक्ष विनोद बब्बर द्वारा घोषणा की गई | घोषणा इस प्रकार रही |
अध्यक्ष सागर चौहान
उपाध्यक्ष प्रणव मिश्रा
उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा
महामंत्री नितिन शर्मा
मंत्री जतिन आहूजा
मंत्री एम नागराज
कोषाध्यक्ष नीरज चौहान
कार्यकारिणी सदस्य संतोष सक्सेना
कार्यकारिणी सदस्य राजेंदर राठौर
कार्यकारिणी सदस्य जयपाल सिंह
अंत मे सभी का धन्यवाद किया गया | मंच पर प्रान्त कार्यकारी अध्यक्ष विनोद बब्बर जी, गिरजेश रस्तोगी जी, जगदीश सिंह जी, नीलम भागी जी, सुरेश गुप्ता जी, और समझसेवी तायल जी, गुरमुख सिंह जी, संजय साहू जी, सुरेश जी, अनुपम जी उपस्थित रहे |
मनोज शर्मा 'मन'
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