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Monday, 14 December 2020

माइक्रोग्रीन यानि सब्जी का छोटा रुप नीलम भागी Microgreen Neelam Bhagi

छोटी हरी सब्जी, पोषक तत्वों से भरपूर इसमें सभी स्वाद होते हैं। इसका प्रयोग सलाद, सैंडविच और तरह तरह के व्यंजनों को गार्निश करने के काम आती है। पोटेशियम, आयरन, कॉपर, जिंक, मैगनिशियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर माइक्रोग्रीन न्यूट्रिशनल पैकेज है। बहुत कम मेहनत से ये सुपरफूड आप भी 10 से 20 दिन में पा सकते हैं और अपनी गार्डिनिंग की शुरुआत भी कर सकते हैं। ये छोटी से छोटी जगह में हो जाता है। अगर आपके प्लैट की खिड़की में दो से 3 घंटे धूप आती है तब भी आप इसे उगा सकते हैं।




कम से कम दो इंच गहरी ट्रे या बॉक्स चौड़ाई जितनी मर्जी लें उसमें फालतू पानी निकलने का छेद हो। उसमें पॉटिंग मिक्स ( मिट्टी, कम्पोस्ट और कोकोपिट बराबर मात्रा में मिला कर ) एक इंच भर लें। इसमें जिसका भी माइक्रोग्रीन बनाना हो मसलन सरसों, मेथी, चौलाई, ब्रोकली, चुकुन्दर, मूली, वीटग्रास, सलादपत्ता, मूंग, चना, मटर आदि उसके बीज बिखेर दें। जल्दी हो तो कभी किसी बीज को अंकूरित करके भी डाल सकते हैं।

अब बीजों को इसी मिट्टी से ढक दें। और मिट्टी में नमी रखे। माइक्रोग्रीन दो पत्तों वाला 4 से 5 सेमी.का, अंकूरित और पौध के बीच की स्टेज का, आपको मिल जायेगा। माइक्रोग्रीन को किसी बिमारी लगने या जानवर का भी डर नहीं क्योंकि उससे पहले ये प्लेट में आ जायेगा।

माइक्रोग्रीन मैं जड़ समेत नहीं निकालती। कैंची से मिट्टी के लेवल तक काट लेती हूं। अच्छी तरह धोकर भरवां परांठे के भरावन में डाल देती हूं।