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Sunday, 4 April 2021

श्वेता का संडे स्पैशल ’’पौष्टिक बेसन लड्डू’’ नीलम भागी Shweta"s Sunday Special Besan Laddu Neelam Bhagi

 

चाकलेट, केक, चिप्स आदि को बच्चे बड़े शौक से खाते हैं।़ बच्चों के लिए कुछ भी बना कर ’’खा ले बेटा, खा ले बेटा’’ का जाप करो तो वे नहीं खाते। थोड़ी तरकीब लगाओ तो वे सब चट कर जाते हैं। मसलन श्वेता ने बेसन के लड्डू बनाए। इसके लिए उसने दो बड़े कटोरे मोटा बेसन, एक कटोरा देसी खाण्ड( जिसे बुरा भी कहते हैं), आधा कटोरा घी, 8 बारीक पीसी हरी इलायची, इच्छानुसार ड्राइफ्रूट जो भी पसंद हो लिया। 

 श्वेता ने एक मोटे तले के बर्तन में घी डाल कर गैस मीडियम पर जला कर घी पिघलते ही उसमें बेसन मिला दिया और उसे लगातार चलाती रही। इस समय बेसन सूखा सूखा सा लगता है। पांच मिनट के बाद इसमें भूनने की महक आने लगी, उसने गैस एकदम स्लो करके थोड़ा सा घी कम लगने पर और डाल दिया और इसे चलाती रही। बेसन ने खूब घी छोड़ दिया और इसका रंग बदल गया तो उसने गैस बंद कर दी पर चलाती रही ताकि इसके तली पर बेसन न जल जाये।


जब बेसन इस लायक हो गया कि न चलाने पर तले पर नहीं जलेगा तब उसने खाण्ड में कटा ड्राइफ्रूट, इलायची पाउडर मिलाकर, बेसन में डाल कर अच्छी तरह मिक्स कर लिया। छूने लायक होते ही इसके लड्डू बना लिए जो खाने में बेहद लजीज़। पर देखने में हलवाई जैसे नहीं क्योंकि वह हलवाई नहीं है।

खिलाने की तरक़ीबः- लड्डू बनाने के बाद श्वेता ने आधे लड्डू गायब कर दिये और आधे पारदर्शी जार में रख कर अदम्य और शाश्वत से कहा,’’ये लड्डू मैंने अपने साथ लंच में ले जाने के लिए बनाए हैं। तुम लोग एक एक ले सकते हो, एक से ज्यादा बिल्कुल नहीं।’’ दोनों जब भी खेलते कूदते आते एक एक ही लड्डू लेते पर दिन में कई बार। श्वेता घर आते ही जार में लड्डू कम देख कर खुश हो जाती और जार को फिर भर देती है।


लेकिन मेरे पास जब खाण्ड नहीं होती तो मैं इसकी जगह बारीक चीनी का इस्तेमाल करती हूं। लड्डू खाते समय इसके दाने दांतों में आते हैं जो चबाने में अच्छे लगते हैं।

खाण्ड की जगह मोटी चीनी और इलायची एक साथ पीस कर मिला सकते हैं।