अब राधे लेकर आया हाथी चिंघाड़ तो रेसिपी भी वही बताएगा। आज वह काम पर आया तो जैसे-जैसे उसने बताया, वैसे ही मैं सब्जी बनाई। कुछ भी स्पेशल मसाला नहीं! देगी मिर्च, कश्मीरी लाल मिर्च, रतनजोत को वह जानता नहीं है जिससे सब्ज़ी का शोरबा लाल होता है। अदरक और हरी मिर्च उनका मुख्य इंग्रडेंट है। मैंने भी अपना बिल्कुल भी दिमाग नहीं लगाया। अब मैं आपको बताती हूं कैसे बनाई!
सबसे पहले हाथी चिंघाड़ को अच्छी तरह धोया क्योंकि इसकी गांठों में मिट्टी फांसी होती है। धोती जा रही थी और पानी पौधों में डालते जा रही थी। धुलने के बाद, बहुत कम पानी में मैंने प्रेशर कुकर में इसको उबालने के लिए रखा। तेज आंच पर अच्छी तरह प्रेशर बनने पर आंच बिल्कुल स्लो कर दी क्योंकि पहली बार उबाल रही थी, मुझे नहीं पता कितनी देर उबालना है। पर अंदाज से मैंने उबाला इसकी महक चारों तरफ फैल गई। कुल 10 मिनट के बाद गैस बंद कर दी। जब कुकर अपने आप ठंडा हुआ, तब इसको खोला। कहीं-कहीं से ज्यादा उबल गया था तो कहीं पर सख्त था। मैंने राधे से पूछा उसने कहा कि ऐसे ही उबलता है। नीचे से जहां गांठ होती है, उस जगह यह सख्त होता है। छीलने के बाद सरसों के तेल में लहसुन भूना रंग बदलते, उसमें हल्दी मिला कर तुरंत बारीक कटे टमाटर डाल दिए और हरी मिर्च कटी हुई, उसके ऊपर हाथी चिंघाड़ उबला हुआ डाला, जिसे काटने की जरूरत नहीं होती है, फैला दिया फिर नमक, सबूत धनिया और कुछ देर बाद पानी डाल दिया तब तक मुझे लगता है नीचे टमाटर भी भून गए थे। अब पानी डालकर एक उबाल आने दिया सब्जी तैयार। अगर भून कर देगी मिर्च घी में डाल देती तो रंग बहुत लाजवाब आता, यहां तो लाल मिर्च पाउडर तक नहीं डाला। लेकिन पहली बार बनाई थी। मैंने राधे मिस्त्री का कहना माना। अब इसके साथ बाजरे की रोटी मैंने अपने मन से बनाई। मेरी 94 साल की अम्मा को सब्जी बहुत पसंद आई। उन्होंने भी पहली बार खाई। बाजरे की रोटी के साथ मुझे भी खाने का आनंद आ गया। आपको भी कहीं हाथी चिंघाड़ मिले तो बनाइएगा। मेरी तो आदत ही खराब है जिस भी देश में मुझे जाने को मिलता है, मैं वहां पर भी नई सब्जियां खोजती हूं और उसे बनाती हूं। अपने देश की सब्जी का मुझे पता ही नहीं था लेकिन जब मैंने सोशल मीडिया पर हाथी चिंघाड़ की तस्वीर की पोस्ट लगाई तो मुझे जो इसे जानते थे उन सबकी तरफ से पॉजिटिव जवाब आए। वाकई में सब पाठकों का कहना ठीक था। बहुत अच्छी इसकी सब्जी बनती है।